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टोहाना में मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस के नाम पर भेजे जा रहे फर्जी जॉब लेटर - टोहाना फर्जी सरकारी नौकरी नियुक्ति पत्र

सरकारी नौकरी देने के नाम पर टोहाना में फर्जी जॉब लेटर भेजें जा रहे हैं. इन लेटर्स में पैसे जमा करवाने की बात कहकर युवाओं से ठगी करने की कोशिश की जा रही है.

tohana fake job letters
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Published : Oct 26, 2020, 8:10 AM IST

Updated : Oct 26, 2020, 8:17 AM IST

फतेहाबाद: टोहाना क्षेत्र में मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस के नाम पर फर्जी जॉब लेटर जारी करने का संगीन मामला सामने आया है. लीगल एडवाइजर राज वर्मा की सलाह से युवक दीपक वर्मा धोखेबाजों के झांसे में आने से बाल-बाल बच गया. वहीं एसडीएम टोहाना ने फर्जी जॉब लेटर के झांसे में ना आने की अपील जारी की है.

लेटर में की गई पैसे जमा करवाने की डिमांड

मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस में जॉब लेटर के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा उस वक्त हुआ जब टोहाना के एक युवक दीपक वर्मा को एक रजिस्टर पोस्ट लेटर प्राप्त हुआ, जिस पर बकायदा मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस लिखा हुआ था. साथ ही सभी सरकारी चिन्हों का इस्तेमाल किया गया था जोकि सरकार के द्वारा ही किए जाते हैं. इसी पत्र के साथ एक अन्य अटैच लेटर था जिसमें लिखा गया था कि पत्र मिलने के 12 घंटे के भीतर 15,700 रुपये सिक्योरिटी जमा करवाएं, तभी उन्हें ये जॉब मिलेगी.

टोहाना में मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस के नाम पर भेजे जा रहे फर्जी जॉब लेटर

युवक ने किया था चपरासी पद के लिए अप्लाई

दरअसल, दीपक ने हिसार के न्यायालय में चपरासी पद के लिए अप्लाई किया था जिसके लिए उसने इंटरव्यू भी दिया था. अभी उसको एक जॉब लेटर प्राप्त हुआ जिसमें लिखा था कि ये नियुक्ति पत्र आवेदक को केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है. डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस द्वारा आवेदक का सीधी भर्ती के द्वारा सरकारी नौकरी पर चयन कर लिया गया है. आवेदक की 15 दिन की ट्रेनिंग होगी उसके बाद आवेदक को उसी की राज्य में ट्रेनिंग व नियुक्ति करवाई जाएगी.

लेटर को सच्चा दिखाने के लिए दी गई कई जानकारी

डिपार्टमेंट के द्वारा आवेदक को 29,340 रु प्रति माह की दर से भुगतान होगा. जिससे प्रतिवर्ष 10% के हिसाब से बढ़ाया जाएगा. आवेदक का कार्यकाल 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक रहेगा, फिर उसे पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. पत्र में ये भी लिखा गया है कि आवेदक को बैंक से रसीद में डिपार्टमेंट द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कंफर्मेशन मैसेज प्राप्त होगा जो जमा शुल्क की गारंटी होगी. आवेदन द्वारा जमा शुल्क के बाद डिपार्टमेंट की जांच टीम 2 दिन के भीतर आवेदक द्वारा दिए गए पते पर जांच करने आएगी तथा डिपार्टमेंट की जांच टीम आवेदक के दस्तावेजों की जांच करेगी.

लीगल एडवाइजर राज वर्मा का कहना है कि ये सीधे-सीधे देखने में एक फर्जीवाड़ा है. उन्हें इसका पता तब लगा जब दीपक वर्मा उनके पास इस पत्र को लेकर सलाह लेने के लिए आया. उन्होंने कहा कि इस बारे में वे कानूनी शिकायत देते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करेंगे व जल्दी ही ऐसे दोषी जेल की सलाखों के पीछे होंगे जो कि बेरोजगार नौजवानों से धोखा करके पैसे कमाने का काम कर रहे हैं.

एसडीएम टोहाना ने की अपील

एसडीएम टोहाना नवीन कुमार ने कहा कि ये फर्जी जॉब लेटर्स हैं. इस तरह के लेटर सरकारी विभाग के द्वारा जारी नहीं किए जाते जिसमें पैसे की डिमांड की गई हो. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के नौजवानों को चाहिए कि ऐसे फर्जी जॉब लेटर के झांसे में आने से बचें व अगर किसी के पास इस तरह के फर्जी लेटर आते हैं तो उसकी सूचना तुरंत विभाग को दें ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

ये भी पढ़ें- हिसार में बनने वाले कार्गो एयरपोर्ट से पशुपालकों की होगी बल्ले-बल्ले

फतेहाबाद: टोहाना क्षेत्र में मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस के नाम पर फर्जी जॉब लेटर जारी करने का संगीन मामला सामने आया है. लीगल एडवाइजर राज वर्मा की सलाह से युवक दीपक वर्मा धोखेबाजों के झांसे में आने से बाल-बाल बच गया. वहीं एसडीएम टोहाना ने फर्जी जॉब लेटर के झांसे में ना आने की अपील जारी की है.

लेटर में की गई पैसे जमा करवाने की डिमांड

मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस में जॉब लेटर के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा उस वक्त हुआ जब टोहाना के एक युवक दीपक वर्मा को एक रजिस्टर पोस्ट लेटर प्राप्त हुआ, जिस पर बकायदा मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस लिखा हुआ था. साथ ही सभी सरकारी चिन्हों का इस्तेमाल किया गया था जोकि सरकार के द्वारा ही किए जाते हैं. इसी पत्र के साथ एक अन्य अटैच लेटर था जिसमें लिखा गया था कि पत्र मिलने के 12 घंटे के भीतर 15,700 रुपये सिक्योरिटी जमा करवाएं, तभी उन्हें ये जॉब मिलेगी.

टोहाना में मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस के नाम पर भेजे जा रहे फर्जी जॉब लेटर

युवक ने किया था चपरासी पद के लिए अप्लाई

दरअसल, दीपक ने हिसार के न्यायालय में चपरासी पद के लिए अप्लाई किया था जिसके लिए उसने इंटरव्यू भी दिया था. अभी उसको एक जॉब लेटर प्राप्त हुआ जिसमें लिखा था कि ये नियुक्ति पत्र आवेदक को केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है. डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस द्वारा आवेदक का सीधी भर्ती के द्वारा सरकारी नौकरी पर चयन कर लिया गया है. आवेदक की 15 दिन की ट्रेनिंग होगी उसके बाद आवेदक को उसी की राज्य में ट्रेनिंग व नियुक्ति करवाई जाएगी.

लेटर को सच्चा दिखाने के लिए दी गई कई जानकारी

डिपार्टमेंट के द्वारा आवेदक को 29,340 रु प्रति माह की दर से भुगतान होगा. जिससे प्रतिवर्ष 10% के हिसाब से बढ़ाया जाएगा. आवेदक का कार्यकाल 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक रहेगा, फिर उसे पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. पत्र में ये भी लिखा गया है कि आवेदक को बैंक से रसीद में डिपार्टमेंट द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कंफर्मेशन मैसेज प्राप्त होगा जो जमा शुल्क की गारंटी होगी. आवेदन द्वारा जमा शुल्क के बाद डिपार्टमेंट की जांच टीम 2 दिन के भीतर आवेदक द्वारा दिए गए पते पर जांच करने आएगी तथा डिपार्टमेंट की जांच टीम आवेदक के दस्तावेजों की जांच करेगी.

लीगल एडवाइजर राज वर्मा का कहना है कि ये सीधे-सीधे देखने में एक फर्जीवाड़ा है. उन्हें इसका पता तब लगा जब दीपक वर्मा उनके पास इस पत्र को लेकर सलाह लेने के लिए आया. उन्होंने कहा कि इस बारे में वे कानूनी शिकायत देते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करेंगे व जल्दी ही ऐसे दोषी जेल की सलाखों के पीछे होंगे जो कि बेरोजगार नौजवानों से धोखा करके पैसे कमाने का काम कर रहे हैं.

एसडीएम टोहाना ने की अपील

एसडीएम टोहाना नवीन कुमार ने कहा कि ये फर्जी जॉब लेटर्स हैं. इस तरह के लेटर सरकारी विभाग के द्वारा जारी नहीं किए जाते जिसमें पैसे की डिमांड की गई हो. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के नौजवानों को चाहिए कि ऐसे फर्जी जॉब लेटर के झांसे में आने से बचें व अगर किसी के पास इस तरह के फर्जी लेटर आते हैं तो उसकी सूचना तुरंत विभाग को दें ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

ये भी पढ़ें- हिसार में बनने वाले कार्गो एयरपोर्ट से पशुपालकों की होगी बल्ले-बल्ले

Last Updated : Oct 26, 2020, 8:17 AM IST
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