फतेहाबाद: कोराना योद्धाओं के मान-सम्मान की, उनकी सुरक्षा और परिवार को लेकर प्रतिदिन चर्चाएं की जा रही हैं. जिसमें सफाईकर्मियों का भी कई स्थानों पर स्वागत किया जा रहा है. लेकिन ऐसे समय में भी कर्मचारी तकनीकी रूप से अपने पिछले माह के रुके वेतन को लेकर परेशान देखे जा सकते हैं. अब विभाग ने उन्हें सिर्फ 2019 के सितंबर और अक्टूबर महीने का वेतन देने की बात कही है.
वहीं नगरपरिषद सफाई कर्मचारी यूनियन के नेता रानी देवी ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के चलते जगह-जगह ताले लगे हुए हैं. कर्मचारी की आंखों में आंसू हैं लेकिन उनके पेट में रोटी नहीं है. उन्होंने बताया कि वेतन दिए जाने की बात हुई है लेकिन केवल दो माह की.
उनका कहना है कि नगरपरिषद के 47 सफाई कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है. जिससे उन्हें परिवार का गुजारा चलाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस मामले में कार्यवाही हुई भी तो ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर. क्योंकि नगरपरिषद चेयरमैन कुलदीप ने कहा है कि तकनीकी कारणों से वो आठ माह का वेतन नहीं दे पाएंगे. वो केवल दो माह का वेतन ही दे सकते हैं. जो विभाग के द्वारा अब जारी किया जा रहा है.
इस संबंध में नगर परिषद चेयरमैन कुलदीप ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार नगर परिषद में कार्यरत आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को पालिका रोल पर करने के आदेश दिए थे. इस दौरान सरकार की शर्तों को पूरा करने वाले फायर विभाग के कर्मचारियों को पालिका रोल पर किया गया था. लेकिन जो शर्तें नहीं पुरा कर रहे थे. उन्हें रोल पर नहीं किया गया.
उन्होंने बताया कि इन 47 कर्मचारियों का अक्तूबर 2019 से अनुबंध खत्म हो गया था. जिसके बाद इन कर्मचारियों ने कोर्ट में केस किया कि इनको पालिका रोल पर किया जाए. जिसके बाद कोर्ट की तरफ से इन्हें स्टे मिला हुआ है. उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियो की सितंबर-अक्टूबर की सैलरी जो अनुबंध के दौरान की बाकी थी. वो उन्हें आज जारी कर दी गई है. जो करीबन दस लाख रुपये बनती थी. उन्होंने बताया कि कोर्ट के मई तक स्टे के कारण ये काम कर रहे है.
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