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बाथरूम में ज्यादातर क्यों पड़ता है दिल का दौरा, डॉक्टर से जानिए इसके पीछे की वजह - haryana news in hindi

अमूमन हम लोगों ने कई बार सुना है कि बाथरूम में दिल का दौरा पड़ने से व्यक्ति की मौत हो गई. अक्सर कई ऐसे मामले सामने आते हैं. ऐसे में बाथरूम में दिल का दौरा पड़ने की पीछे की वजह (Reason behind heart attack in bathroom) को जानने के लिए ईटीवी भारत ने हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल से बातचीत की.

Reason behind heart attack in bathroom
Reason behind heart attack in bathroom
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Published : Feb 1, 2022, 10:17 PM IST

फरीदाबाद: अक्सर हम लोगों ने सुना है कि दिल का दौरा पड़ने से किसी की मौत हो जाती है. ऐसे में ज्यादातर मामलों में बाथरूम में दिल का दौरा पड़ने से मौत के मामले सुनने में आते हैं. सर्दी और बारिश के मौसम में ज्यादातर हार्टअटैक बाथरूम के अंदर लोगों को अपना शिकार बनाता है. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है कि बाथरूम में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा (Reason behind heart attack in bathroom) आते हैं. ये वजह जानने के लिए ईटीवी भारत ने हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल से बातचीत की.

उन्होंने कहा कि बाथरूम में बरती गई छोटी सी लापरवाही लोगों की जान तक ले लेती है. अमेरिकी संस्था एनसीबीएल की रिपोर्ट के मुताबिक 11 फीसदी से ज्यादा हार्ट अटैक के केस बाथरूम में होते हैं और सभी में जान चली जाती है. इंसान के लिए आज सबसे गम्भीर समस्या हार्ट अटैक बन गई है. हार्ट अटैक अचानक से होता है, लेकिन इसकी कई और वजह भी होती हैं. जिसमें खराब लाइफस्टाइल और बेकार खानपान तक शामिल है. वैसे आमतौर पर हार्ट अटैक आने का कोई समय नहीं होता, लेकिन सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के मामले बाथरूम के अंदर खासतौर से सुबह के वक्त के सामने आते हैं और सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर सुबह के समय बाथरूम में हार्ट अटैक आने का कारण क्या है.

बाथरूम में ज्यादातर क्यों पड़ता है दिल का दौरा, डॉक्टर से जानिए इसके पीछे की वजह

ये भी पढ़ें- जानिए कितना घातक है कोरोना का नया वेरिएंट नियोकोव, क्या इंसान भी होंगे संक्रमित, डॉक्टर से जानिए हर सवाल का जवाब

बाथरूम में क्यों आता हैं हार्ट अटैक- बाथरूम में हार्ट अटैक का शिकार अधिकांश वह लोग होते हैं, जिन्हें पहले से ही हृदय संबंधी बीमारियां होती हैं. बाथरूम में हार्ट अटैक आने का पहला कारण है कि बाथरूम में सर्दी में बारिश के समय में ठंडे पानी से स्नान किया जाता है और कोई व्यक्ति नहाने के बाद ज्यादा तेज एक्टिविटी करता है. जिससे हार्ट पर स्ट्रेस बढ़ जाता है. सुबह के समय हमारा ब्लड प्रेशर थोड़ा ज्यादा होता है, ऐसे में जब नहाने के लिए अधिक ठंडा या गर्म पानी सीधा सिर पर डाला जाता है, तो इससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है. इसीलिए सबसे जरूरी है कि शरीर के तापमान के हिसाब से पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.

दूसरा कारण: हार्ट अटैक अनियमित धड़कन की वजह से होता है. जिन लोगों के हार्ट में डिवाइस लगा होता है, हार्ट में इलेक्ट्रिकल खराबी होती है. ऐसे में जब आप नहा रहे हो या शौच कर रहे हो, तब इस तरह की खराबी होने की संभावना बढ़ जाती है. जिसका सबसे बड़ा कारण है आपका तनाव लेना.

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तीसरा कारण: जिन लोगों को पहले से दिल की परेशानी होती है, उनको शौच या लघुशंका के दौरान (पेशाब के दौरान) ज्यादा जोर नहीं लगाना चाहिए. यदि किसी को कब्ज की शिकायत है और इस वजह से उसे पेट साफ करने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है. यह खतरे की वजह हो सकती है, ऐसा करने से संबंधित व्यक्ति के हार्ट पर जोर पड़ता है. लिहाजा उसको हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है. बाथरूम के अंदर यदि आपको सीने में तेज दर्द हो रहा है या फिर सांस लेने में परेशानी हो रही है, आप कमजोरी महसूस कर रहे हैं, आपको तनाव और घबराहट हो रही है या फिर चक्कर उल्टी हो रही हैं, तो आपको यह हार्टअटैक के लक्षण हो सकते हैं.

दिल्ली एम्स और कई बड़े हॉस्पिटल संस्थानों में काम कर चुके हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल (Heart specialist Dr. Rajiv Agarwal) ने बताया कि हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा शिकार वह लोग होते हैं, जिनको पहले से ही हार्ट से संबंधित बीमारियां होती हैं. उन लोगों को सर्दी और बारिश के मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. क्योंकि सबसे ज्यादा प्रभावित यह दो मौसम ही करते हैं. बाथरूम के अंदर जब किसी को अटैक आता है तो बाहर किसी को पता भी नहीं चलता यही सबसे बड़ी वजह बनती है कि हार्ट अटैक के शिकार हुए व्यक्ति की मौत हो जाती है.

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फरीदाबाद: अक्सर हम लोगों ने सुना है कि दिल का दौरा पड़ने से किसी की मौत हो जाती है. ऐसे में ज्यादातर मामलों में बाथरूम में दिल का दौरा पड़ने से मौत के मामले सुनने में आते हैं. सर्दी और बारिश के मौसम में ज्यादातर हार्टअटैक बाथरूम के अंदर लोगों को अपना शिकार बनाता है. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है कि बाथरूम में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा (Reason behind heart attack in bathroom) आते हैं. ये वजह जानने के लिए ईटीवी भारत ने हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल से बातचीत की.

उन्होंने कहा कि बाथरूम में बरती गई छोटी सी लापरवाही लोगों की जान तक ले लेती है. अमेरिकी संस्था एनसीबीएल की रिपोर्ट के मुताबिक 11 फीसदी से ज्यादा हार्ट अटैक के केस बाथरूम में होते हैं और सभी में जान चली जाती है. इंसान के लिए आज सबसे गम्भीर समस्या हार्ट अटैक बन गई है. हार्ट अटैक अचानक से होता है, लेकिन इसकी कई और वजह भी होती हैं. जिसमें खराब लाइफस्टाइल और बेकार खानपान तक शामिल है. वैसे आमतौर पर हार्ट अटैक आने का कोई समय नहीं होता, लेकिन सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के मामले बाथरूम के अंदर खासतौर से सुबह के वक्त के सामने आते हैं और सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर सुबह के समय बाथरूम में हार्ट अटैक आने का कारण क्या है.

बाथरूम में ज्यादातर क्यों पड़ता है दिल का दौरा, डॉक्टर से जानिए इसके पीछे की वजह

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बाथरूम में क्यों आता हैं हार्ट अटैक- बाथरूम में हार्ट अटैक का शिकार अधिकांश वह लोग होते हैं, जिन्हें पहले से ही हृदय संबंधी बीमारियां होती हैं. बाथरूम में हार्ट अटैक आने का पहला कारण है कि बाथरूम में सर्दी में बारिश के समय में ठंडे पानी से स्नान किया जाता है और कोई व्यक्ति नहाने के बाद ज्यादा तेज एक्टिविटी करता है. जिससे हार्ट पर स्ट्रेस बढ़ जाता है. सुबह के समय हमारा ब्लड प्रेशर थोड़ा ज्यादा होता है, ऐसे में जब नहाने के लिए अधिक ठंडा या गर्म पानी सीधा सिर पर डाला जाता है, तो इससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है. इसीलिए सबसे जरूरी है कि शरीर के तापमान के हिसाब से पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.

दूसरा कारण: हार्ट अटैक अनियमित धड़कन की वजह से होता है. जिन लोगों के हार्ट में डिवाइस लगा होता है, हार्ट में इलेक्ट्रिकल खराबी होती है. ऐसे में जब आप नहा रहे हो या शौच कर रहे हो, तब इस तरह की खराबी होने की संभावना बढ़ जाती है. जिसका सबसे बड़ा कारण है आपका तनाव लेना.

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तीसरा कारण: जिन लोगों को पहले से दिल की परेशानी होती है, उनको शौच या लघुशंका के दौरान (पेशाब के दौरान) ज्यादा जोर नहीं लगाना चाहिए. यदि किसी को कब्ज की शिकायत है और इस वजह से उसे पेट साफ करने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है. यह खतरे की वजह हो सकती है, ऐसा करने से संबंधित व्यक्ति के हार्ट पर जोर पड़ता है. लिहाजा उसको हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है. बाथरूम के अंदर यदि आपको सीने में तेज दर्द हो रहा है या फिर सांस लेने में परेशानी हो रही है, आप कमजोरी महसूस कर रहे हैं, आपको तनाव और घबराहट हो रही है या फिर चक्कर उल्टी हो रही हैं, तो आपको यह हार्टअटैक के लक्षण हो सकते हैं.

दिल्ली एम्स और कई बड़े हॉस्पिटल संस्थानों में काम कर चुके हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल (Heart specialist Dr. Rajiv Agarwal) ने बताया कि हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा शिकार वह लोग होते हैं, जिनको पहले से ही हार्ट से संबंधित बीमारियां होती हैं. उन लोगों को सर्दी और बारिश के मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. क्योंकि सबसे ज्यादा प्रभावित यह दो मौसम ही करते हैं. बाथरूम के अंदर जब किसी को अटैक आता है तो बाहर किसी को पता भी नहीं चलता यही सबसे बड़ी वजह बनती है कि हार्ट अटैक के शिकार हुए व्यक्ति की मौत हो जाती है.

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