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फरीदाबाद नगर निगम में हुए घोटाले की जांच करेगी विजिलेंस - faridabad mc scam Vigilance investigate

फरीदाबाद नगर निगम में हुए घोटाले की अब विजिलेंस जांच करेगी. पार्षदों के मुताबिक इसमें कम से कम 50 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.

Vigilance will investigate faridabad municipal corporation scam
फरीदाबाद नगर निगम में हुए घोटाले की जांच करेगी विजिलेंस
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Published : Mar 5, 2021, 2:24 PM IST

फरीदाबाद: नगर निगम में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच अब हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो को सौंप दी गई है. चौकसी ब्यूरो की तरफ से अब इसमें जांच भी शुरू कर दी गई है.

नियमों को ताक पर रखकर किया गया ठेकेदार को भुगतान

नगर निगम में बिना काम के ठेकेदार को करोड़ों रुपये का भुगतान करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. निगम के 40 वार्डों में बगैर काम कराए एक ठेकेदार को 50 करोड़ रुपये का भुगतान नियमों को ताक पर रखकर किया गया. इस भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री तक पार्षदों द्वारा शिकायत की जा चुकी है. इस मामले की जांच पहले निगम स्तर पर शुरू की गई थी, लेकिन उस समय निगम के अकाउंट विभाग में आग लग गई. जांच में ये भी सामने आया था कि आग जान-बूझकर लगाई गई थी.

कैसे खुला घोटाले का ये मामला?

दरअसल पार्षद दीपक चौधरी ने अकाउंट ब्रांच से 2017 ले 2019 तक विकास कार्यों का ब्यौरा मांगा था. जिसमें उन्होंने जानकारी मांगी थी कि किस फंड से किस ठेकेदार को कितनी पेमेंट हुई है. पार्षद ने बताया कि उनके वार्ड में 27 ऐसे कार्य दिखाए गए हैं. जिनमें 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेमेंट बताई गई है. इन कामों में नालियों की रिपेयरिंग, इंटरलॉकिंग टाइल्स और स्लैब लगाना दिखाया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर ये काम हुए ही नहीं.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद: नगर निगम एडिशनल कमिश्नर की छापेमारी से कार्यालयों में मचा हड़कंप

10 वार्डों में कागजी कार्य दिखाकर की गई पैसों की हेराफेरी

दूसरे वार्डों के पार्षदों से कार्यों के बारे में पूछा. तो वहां भी यहीं बात सामने आई. ऐसे दस वार्ड सामने आए जहां काम ही नहीं हुए और ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया. पार्षद का कहना है कि कुल 10 वार्डों में कागजी कार्य दिखाकर करीब 50 करोड़ की हेराफेरी की गई. 50 करोड के घोटाले का ये मामला लगातार सुर्खीयों में रहा है.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद मेयर ने सीएम को लिखा पत्र, इस मामले में की विजिलेंस जांच की मांग

पहला मामला होगा जिसकी जांच विजिलेंस करेगी

अब विजिलेंस के जांच में अब कई बड़े अधिकारीयों को भी शामिल किया जायेगा. 2017 से लेकर 2019 तक विभिन्न पदों पर रहे अधिकारीयों से पूछताछ की जायेगी. वैसे नगर निगम में घोटाले का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी निगम पर घोटालों के आरोप लगते रहे है, लेकिन ये पहला मामला होगा. जिसकी जांच विजिलेंस करेगी.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद: स्वच्छ भारत मिशन में घोटाले का अंदेशा, मेयर ने सीएम को लिखा पत्र

फरीदाबाद: नगर निगम में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच अब हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो को सौंप दी गई है. चौकसी ब्यूरो की तरफ से अब इसमें जांच भी शुरू कर दी गई है.

नियमों को ताक पर रखकर किया गया ठेकेदार को भुगतान

नगर निगम में बिना काम के ठेकेदार को करोड़ों रुपये का भुगतान करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. निगम के 40 वार्डों में बगैर काम कराए एक ठेकेदार को 50 करोड़ रुपये का भुगतान नियमों को ताक पर रखकर किया गया. इस भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री तक पार्षदों द्वारा शिकायत की जा चुकी है. इस मामले की जांच पहले निगम स्तर पर शुरू की गई थी, लेकिन उस समय निगम के अकाउंट विभाग में आग लग गई. जांच में ये भी सामने आया था कि आग जान-बूझकर लगाई गई थी.

कैसे खुला घोटाले का ये मामला?

दरअसल पार्षद दीपक चौधरी ने अकाउंट ब्रांच से 2017 ले 2019 तक विकास कार्यों का ब्यौरा मांगा था. जिसमें उन्होंने जानकारी मांगी थी कि किस फंड से किस ठेकेदार को कितनी पेमेंट हुई है. पार्षद ने बताया कि उनके वार्ड में 27 ऐसे कार्य दिखाए गए हैं. जिनमें 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेमेंट बताई गई है. इन कामों में नालियों की रिपेयरिंग, इंटरलॉकिंग टाइल्स और स्लैब लगाना दिखाया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर ये काम हुए ही नहीं.

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10 वार्डों में कागजी कार्य दिखाकर की गई पैसों की हेराफेरी

दूसरे वार्डों के पार्षदों से कार्यों के बारे में पूछा. तो वहां भी यहीं बात सामने आई. ऐसे दस वार्ड सामने आए जहां काम ही नहीं हुए और ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया. पार्षद का कहना है कि कुल 10 वार्डों में कागजी कार्य दिखाकर करीब 50 करोड़ की हेराफेरी की गई. 50 करोड के घोटाले का ये मामला लगातार सुर्खीयों में रहा है.

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पहला मामला होगा जिसकी जांच विजिलेंस करेगी

अब विजिलेंस के जांच में अब कई बड़े अधिकारीयों को भी शामिल किया जायेगा. 2017 से लेकर 2019 तक विभिन्न पदों पर रहे अधिकारीयों से पूछताछ की जायेगी. वैसे नगर निगम में घोटाले का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी निगम पर घोटालों के आरोप लगते रहे है, लेकिन ये पहला मामला होगा. जिसकी जांच विजिलेंस करेगी.

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