फरीदाबाद: हथरस की घटना के विरोध में गुरुवार को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन से संबंधित आशा वर्कर्स और अन्य महिला यूनियनों ने मिलकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथरस की बेटी मनीषा के बालात्कारियों को फांसी देने की मांग की. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल, आशा वर्कर की प्रधान हेमलता और मिड डे मील की प्रधान कमलेश चौधरी ने संयुक्त रूप से किया.
सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने कहा कि ये अजीब विडंबना है की एक 19 साल की युवती के साथ 14 सितंबर को सामूहिक बलात्कार किया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस पीड़िता के परिजनों के कहने पर पुलिस रिपोर्ट भी नहीं लिखती है. पीड़िता को भी सही चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है. जबकि उसका शरीर अपराधियों ने बुरी तरह से तोड़ दिया था. इसके बावजूद भी हाथरस की पुलिस का दिल नहीं पसीजा. उसने कोई कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई.
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उन्होंने कहा कि इस घिनौने कांड में शामिल दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिया जाए. उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं रहा. यहां बहू-बेटियों की इज्जत सलामत नहीं है. यहां की पुलिस इन केसों को हल्के-फुल्के लेती है. यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो पीड़िता को बचाया जा सकता था और दोषियों को जेल की सलाखों में तक पहुंचाना आसान हो जाता.
हाथरस गैंगरेप: एक नजर
यूपी के हाथरस जिले में नाबालिग किशोरी के साथ गैंगरेप और उसकी जीभ काटने की घटना के बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. अब यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक गलियारों से लेकर मीडिया की सुर्खियों में है. वहीं इस मामले को लेकर अब महिलाओं और लोगों में आक्रोश भी देखने को मिल रहा है तो वहीं सरकार भी इस मामले पर अब बैकफुट पर नजर आ रही है.
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