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Tokyo Paralympics: हरियाणा के सिंहराज ने जीता ब्रॉन्ज मेडल, खुशी से झूम उठा पूरा गांव

हरियाणा के फरीदाबाद जिले के रहने वाले सिंहराज अधाना (Singhraj Adhana) ने टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics) में भारत को पदक दिलाया है. उन्होंने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1) में कांस्य पदक (bronze medal) जीत लिया है. उनकी इस उपलब्धि पर उनके परिजन खुशी से झूम उठे.

faridabad man murder
man murder Dahi Handi
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Published : Aug 31, 2021, 4:18 PM IST

फरीदाबाद: हौसले बुलंद हो तो शरीर की अक्षमता भी घुटने टेक देती है. ऐसा ही कर दिखाया है बल्लभगढ़ के ऊंचा गांव के रहने वाले शूटर सिंहराज अधाना (Singhraj Adhana) ने. उन्होंने आज देश के लिए टोक्यो पैरालंपिक में (Tokyo Paralympics) 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1) में कांस्य पदक (bronze medal) जीता है. उनके मेडल जीतते ही उनके परिजन और गांव वाले खुशी से झूम उठे. उनके घर पर बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है.

सिंहराज के छोटे भाई उधम सिंह, उनकी पत्नी कविता और उनके पिता प्रेम सिंह आधाना ने खुशी व्यक्त करते हुए देशवासियों को भी बधाई दी है. सिंहराज के छोटे भाई ने बताया कि आज वे इतने खुश हैं कि इस खुशी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि आज गौरव का दिन है और पूरा देश उत्सव मनाएगा क्योंकि टोक्य में भाई सिंहराज ने देश का झंडा बुलंद किया है. उन्होंने बताया कि सिंहराज ने मात्र 4 साल में ये सफर तय किया है. उन्होंने कहा कि 4 साल पहले वह अपने भतीजे के साथ पहली बार शूटिंग रेंज में गए थे और शूटिंग की शुरुआत की थी और मात्र 11 महीने की मेहनत के बाद उन्होंने एशियन गेम में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था.

हरियाणा के सिंहराज ने जीता ब्रॉन्ज मेडल, खुशी से झूम उठा पूरा गांव

ये भी पढ़ें- गोल्ड मेडल जीतने के बाद सुमित के घरवालों से Exclusive बातचीत, सुनिए मां ने क्या कहा

उसके बाद इंटरनेशनल स्तर पर वह अब तक 20 से 25 मेडल जीत चुके हैं. उन्हें जब कोविड हुआ था तब हम सब लोग परेशान थे, लेकिन सिंहराज ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने कहा कि अब 4 सितंबर को 50 मीटर शूटिंग में सिंहराज के और भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं जिसमें वह गोल्ड हासिल करेगा. इस मौके पर सिंहराज की पत्नी कविता आधाना ने कहा कि मेरे पति ने देश का नाम रोशन किया है जिसको लेकर बेहद खुशी हो रही है. हमें गोल्ड की उम्मीद थी, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल भी कहीं कम नहीं है.

उन्होंने कहा कि वह पिछले 4 साल से मेहनत कर रहे थे. मैं भी निशानेबाज हूं. मैंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर छठा स्थान हासिल किया है. हम अगले ओलंपिक में एक साथ खेलने की उम्मीद कर रहे हैं. बता दें कि, पोलियों से ग्रस्त होने वाले और पहली बार पैरालंपिक में भाग ले रहे 39 वर्षीय सिंहराज ने कुल 216.8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया. उन्होंने छठे स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाई थी. सिंहराज के ब्रॉन्ज के साथ ही भारत की झोली में आठवां पदक आ गया.

ये भी पढ़ें- टोक्यो पैरालंपिक : हाई जंप में निषाद कुमार ने जीता रजत पदक

फरीदाबाद: हौसले बुलंद हो तो शरीर की अक्षमता भी घुटने टेक देती है. ऐसा ही कर दिखाया है बल्लभगढ़ के ऊंचा गांव के रहने वाले शूटर सिंहराज अधाना (Singhraj Adhana) ने. उन्होंने आज देश के लिए टोक्यो पैरालंपिक में (Tokyo Paralympics) 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1) में कांस्य पदक (bronze medal) जीता है. उनके मेडल जीतते ही उनके परिजन और गांव वाले खुशी से झूम उठे. उनके घर पर बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है.

सिंहराज के छोटे भाई उधम सिंह, उनकी पत्नी कविता और उनके पिता प्रेम सिंह आधाना ने खुशी व्यक्त करते हुए देशवासियों को भी बधाई दी है. सिंहराज के छोटे भाई ने बताया कि आज वे इतने खुश हैं कि इस खुशी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि आज गौरव का दिन है और पूरा देश उत्सव मनाएगा क्योंकि टोक्य में भाई सिंहराज ने देश का झंडा बुलंद किया है. उन्होंने बताया कि सिंहराज ने मात्र 4 साल में ये सफर तय किया है. उन्होंने कहा कि 4 साल पहले वह अपने भतीजे के साथ पहली बार शूटिंग रेंज में गए थे और शूटिंग की शुरुआत की थी और मात्र 11 महीने की मेहनत के बाद उन्होंने एशियन गेम में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था.

हरियाणा के सिंहराज ने जीता ब्रॉन्ज मेडल, खुशी से झूम उठा पूरा गांव

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उसके बाद इंटरनेशनल स्तर पर वह अब तक 20 से 25 मेडल जीत चुके हैं. उन्हें जब कोविड हुआ था तब हम सब लोग परेशान थे, लेकिन सिंहराज ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने कहा कि अब 4 सितंबर को 50 मीटर शूटिंग में सिंहराज के और भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं जिसमें वह गोल्ड हासिल करेगा. इस मौके पर सिंहराज की पत्नी कविता आधाना ने कहा कि मेरे पति ने देश का नाम रोशन किया है जिसको लेकर बेहद खुशी हो रही है. हमें गोल्ड की उम्मीद थी, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल भी कहीं कम नहीं है.

उन्होंने कहा कि वह पिछले 4 साल से मेहनत कर रहे थे. मैं भी निशानेबाज हूं. मैंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर छठा स्थान हासिल किया है. हम अगले ओलंपिक में एक साथ खेलने की उम्मीद कर रहे हैं. बता दें कि, पोलियों से ग्रस्त होने वाले और पहली बार पैरालंपिक में भाग ले रहे 39 वर्षीय सिंहराज ने कुल 216.8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया. उन्होंने छठे स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाई थी. सिंहराज के ब्रॉन्ज के साथ ही भारत की झोली में आठवां पदक आ गया.

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