फरीदाबाद: हमेशा बिजली विभाग के पास उपभोक्ता शिकायत लेकर पहुंचते हैं कि उनका बिल रीडिंग से ज्यादा आ गया. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि यूनिट बहुत कम है, लेकिन बिल लाखों में आ जाता है. इसे ठीक करवाने के लिए उपभोक्ता बिजली दफ्तर के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन आसानी से उसका हल नहीं निकल पाता है. यही वजह है बिजली विभाग के पास ऐसी शिकायतों की संख्या ज्यादा है. वहीं, बिजली विभाग ने फैसला किया है कि अब इलेक्ट्रॉनिक मीटर के बदले फरीदाबाद में स्मार्ट बिजली मीटर लगाई जाए.
उद्योग नगरी में उपभोक्ताओं के बिजली मीटर अब स्मार्ट हो जाएंगे. दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम फरीदाबाद सर्कल में इलेक्ट्रॉनिक मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत होने जा रही है. इसकी शुरुआत एनआईटी डिवीजन से की जाएगी. फरवरी के पहले सप्ताह में स्मार्ट मीटर लोगों के घरों में लगने शुरू हो जाएंगे. स्मार्ट मीटर का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इसमें बिजली की जितनी खपत होगी, उतनी ही मीटर रीडिंग बिजली निगम के कंट्रोल सेंटर में चली जाएगी. उसी रीडिंग के आधार पर बिल बन कर उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा.
स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं की शिकायतें होंगी दूर: स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को शिकायत दूर होगी, उनका बिल गलत नहीं आएगा. दक्षिण हरियाणा की बात करें तो गुरुग्राम के बाद अब फरीदाबाद ऐसा दूसरा जिला होगा, जहां स्मार्ट मीटर लगने जा रहा है. हालांकि बिजली निगम की योजना कई सालों से चल रही थी, लेकिन किसी न किसी वजह से यह रुक जाता था. अब ऐसा नहीं होगा. दरअसल बिजली निगम ने एक कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. हाल ही में कंपनी अधिकारियों ने बिजली निगम के सर्कल कार्यालय में अधीक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ और बिजली निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें फैसला लिया गया कि एनआईटी डिवीजन से स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू की जाएगी, जिसका काम फरवरी के अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा.
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अधीक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. वहीं, जो शिकायतों का बोझ बिजली विभाग के पास आता है वह बिल्कुल ही कम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि, हमारा दायित्व बनता है कि हम अपने काम में स्मार्टनेस लाएं. यही वजह है कि उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए यह फैसला लिया गया है. इसकी शुरुआत एनआईटी डिवीजन हो रही है. उसके बाद धीरे-धीरे फरीदाबाद के हर एक डिवीजन में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू होगा.
पहले मैनुअली मीटर रीडिंग होती थी: पहले बिजली मीटर की मैनुअल रीडिंग होती थी. बाद में इसे इलेक्ट्रॉनिक्स मीटर में तब्दील कर दिया गया. इसके बाद फिर से घरों के अंदर से निकालकर घर के बाहर दीवारों और खंभों पर यह मीटर लगाए गए. बाद में बिजली निगम को बहुत सी शिकायतें आने लगी कि उनकी जितनी रीडिंग है उससे कई गुना बिल आया है. शिकायत का सिलसिला लगातार बढ़ता गया, जिसके मद्देनजर अब बिजली विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.
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दो तरह के स्मार्ट मीटर: वैसे स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. आपको बता दें यह मीटर घर के बाहर लगे बिजली खंभों पर ही लगेगा. 1 खंभों पर 8 मीटर ही लगेंगे. यह स्मार्ट मीटर दो तरह के होंगे यानी प्रीपेड और पोस्टपेड. दोनों तरफ से यह मीटर काम करेगा फिलहाल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पोस्टपेड भी लगाए जाएंगे. इसमें महीने या 2 महीने में जितनी बिजली की खपत होगी, उसी के हिसाब से रीडिंग बिजली निगम के कंट्रोल रूम में ऑनलाइन दर्ज होगी.
उसके बाद वहां से इसे दिल में तब्दील करके उपभोक्ताओं तक भेजा जाएगा जैसे पहले एक या 2 महीने बाद बिजली का बिल आता था वैसे ही स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी 1 या 2 महीने के बाद ही बिजली बिल उपभोक्ताओं को मिलेगा. बिल रीडिंग के अनुसार सही होगा, इसलिए उपभोक्ताओं को यह शिकायत नहीं होगी कि उनका बिल यूनिट से ज्यादा भेजा गया या बिजली के मीटर में यूनिट ज्यादा दिखा रहा है.
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