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शनि प्रदोष व्रत 2023: भगवान शिव और शनि की पूजा करने से होगी मनोकामना पूरी, जानें शुभ मुहूर्त

Shani Pradosh Vrat 2023: साल 2023 का आखिरी शनि प्रदोष व्रत 1 जुलाई 2023 को रखा जाएगा. चलिए जानते हैं आषाढ़ महीने के शनि प्रदोष व्रत पर राशि अनुसार शिव पूजा और उपाय.

shani pradosh vrat 2023
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Published : Jul 1, 2023, 6:49 AM IST

फरीदाबाद: इस बार त्रयोदशी का व्रत शनिवार यानी आज के दिन पड़ रहा है. इस दिन भोले बाबा की पूजा की जाती है. आज शनिवार भी है. ऐसे में इस दिन शनि महाराज की भी पूजा की जाएगी. मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखकर भोले बाबा और शनि महाराज की पूजा करने से जहां भोले बाबा की असीम कृपा अपने भक्तों पर बरसती है, वहीं शनि की महादशा से भी मुक्ति मिलती है.

ये भी पढ़ें- Asadhi Purnima 2023 : असाढ़ी पूर्णिमा पर नदियों में स्नान व दान का है खास महत्व, चंद्र दोष खत्म करने के लिए करें पूजा

ऐसी मान्यता है कि इस दिन भोले बाबा कैलाश पर्वत में प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं. यही वजह है कि भक्त भी इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. ऐसे में भोले बाबा अपने भक्तों को नाराज नहीं करते. भोले बाबा भक्तों को सुख संपत्ति का वरदान देते हैं. वहीं भक्तों की सारी मनोकामना को पूर्ण करते हैं. हालांकि त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत भी कहा जाता है. दिन के हिसाब से इस व्रत के नाम और महत्व भी अलग होते हैं.

पूजा का शुभ मुहूर्त: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी की शुभ तिथि शनिवार यानी 1 जुलाई को देर रात 1 बजकर 16 मिनट से शुरू हो गई है. जिसका समापन 1 जुलाई को रात 11 बजकर 7 मिनट पर होगा. वहीं इस दिन भोले बाबा की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 23 मिनट से रात 9 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.

पूजा की विधि: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें, नए कपड़े पहन लें. उसके बाद व्रत का संकल्प लें, फिर शुभ मुहूर्त काल में भोले बाबा की पूजा करें. पूजा आप मंदिर में कर सकते हैं या फिर घर पर ही पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर लें, फिर उस स्थान पर शिवलिंग रखकर उनके सामने दिया जलाएं. भगवान शिव को बेलपत्र, पुष्प, चंदन, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, मिठाई, गंगाजल, फल आदि अर्पित करें. इस दौरान ओम नमः शिवाय का जाप जरूर करते रहे, फिर भोलेनाथ की कथा सुनें और उनकी आरती करें.

ये भी पढ़ें- जया पार्वती व्रत 2023 : ऐसे की जाती है माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा, ऐसे करें पारण

हालांकि शनिवार होने की वजह से इस दिन पूजा पाठ के बाद शनि मंदिर जाकर शनि महाराज के सामने तेल का दिया जलाकर उन्हें तेल, तिल चढ़ाएं फिर व्रत का पारण करें. इससे जहां भोलेनाथ भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे. वहीं शनि देव की कृपा से शनि दोष भी दूर होंगे, ऐसे में जो भी भक्त भोले बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं और शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति पाना चाहते हैं. वो इस व्रत को जरूर करें.

फरीदाबाद: इस बार त्रयोदशी का व्रत शनिवार यानी आज के दिन पड़ रहा है. इस दिन भोले बाबा की पूजा की जाती है. आज शनिवार भी है. ऐसे में इस दिन शनि महाराज की भी पूजा की जाएगी. मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखकर भोले बाबा और शनि महाराज की पूजा करने से जहां भोले बाबा की असीम कृपा अपने भक्तों पर बरसती है, वहीं शनि की महादशा से भी मुक्ति मिलती है.

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ऐसी मान्यता है कि इस दिन भोले बाबा कैलाश पर्वत में प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं. यही वजह है कि भक्त भी इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. ऐसे में भोले बाबा अपने भक्तों को नाराज नहीं करते. भोले बाबा भक्तों को सुख संपत्ति का वरदान देते हैं. वहीं भक्तों की सारी मनोकामना को पूर्ण करते हैं. हालांकि त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत भी कहा जाता है. दिन के हिसाब से इस व्रत के नाम और महत्व भी अलग होते हैं.

पूजा का शुभ मुहूर्त: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी की शुभ तिथि शनिवार यानी 1 जुलाई को देर रात 1 बजकर 16 मिनट से शुरू हो गई है. जिसका समापन 1 जुलाई को रात 11 बजकर 7 मिनट पर होगा. वहीं इस दिन भोले बाबा की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 23 मिनट से रात 9 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.

पूजा की विधि: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें, नए कपड़े पहन लें. उसके बाद व्रत का संकल्प लें, फिर शुभ मुहूर्त काल में भोले बाबा की पूजा करें. पूजा आप मंदिर में कर सकते हैं या फिर घर पर ही पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर लें, फिर उस स्थान पर शिवलिंग रखकर उनके सामने दिया जलाएं. भगवान शिव को बेलपत्र, पुष्प, चंदन, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, मिठाई, गंगाजल, फल आदि अर्पित करें. इस दौरान ओम नमः शिवाय का जाप जरूर करते रहे, फिर भोलेनाथ की कथा सुनें और उनकी आरती करें.

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हालांकि शनिवार होने की वजह से इस दिन पूजा पाठ के बाद शनि मंदिर जाकर शनि महाराज के सामने तेल का दिया जलाकर उन्हें तेल, तिल चढ़ाएं फिर व्रत का पारण करें. इससे जहां भोलेनाथ भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे. वहीं शनि देव की कृपा से शनि दोष भी दूर होंगे, ऐसे में जो भी भक्त भोले बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं और शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति पाना चाहते हैं. वो इस व्रत को जरूर करें.

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