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हरियाणा के रेस्टोरेंट संचालक ने निकला सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प, दूसरों के लिए बने मिसाल - सिंगल यूज प्लास्टिक

सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 चीजों पर रोक (single use plastic) लगाई है. फरीदाबाद के रेस्टोरेंट संचालक सरकार की इस मुहिम को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. मनोज कुमार अपने रेस्टोरेंट में आने वाले सभी लोगों को खाने-पीने की चीजें मिट्टी से बने बर्तनों में परोसते हैं.

single use plastic alternative
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Published : Jul 7, 2022, 10:38 PM IST

फरीदाबाद: देश में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (single use plastic ban) लग गया है. मतलब वो प्लास्टिक जिसको एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है. सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 चीजों पर भी रोक लगाई है. फरीदाबाद के रेस्टोरेंट संचालक पर्यावरण को स्वच्छ बनाने और सरकार की इस मुहिम को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. मनोज कुमार अपने रेस्टोरेंट में आने वाले सभी लोगों को खाने-पीने की चीजें मिट्टी से बने बर्तनों में परोसते हैं.

इससे एक तो सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्या खत्म हो गई दूसरा ये पर्यावरण के लिए काफी अच्छा है. रेस्टोरेंट में आने वाले लोगों को भी सिंगल यूज प्लास्टिक का ये विकल्प (single use plastic alternative) खूब पसंद आ रहा है. पहले मनोज कुमार भी अपने रेस्टोरेंट में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते थे, लेकिन जब से उन्हें इस प्लास्टिक पर बैन और इससे होने वाले नुकसान के बारे में पता चला तो सरकार की इस मुहिम को आगे बढ़ाने का फैसला किया.

हरियाणा के रेस्टोरेंट संचालक ने निकला सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प, दूसरों के लिए बने मिसाल

जिसके बाद मनोज कुमार ने सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह मिट्टी से बने बर्तनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. मनोज के रेस्टोरेंट में जिन बर्तनों में खाना परोसा जाता है. वो सब मिट्टी के बने होते हैं. पानी पीने के लिए भी मिट्टी के बर्तन (earthenware in faridabad restaurant) का इस्तेमाल किया जाता है. बोतल भी मिट्टी की होती है और गिलास भी. ग्राहकों को भी मनोज कुमार का ये काम बहुत पसंद आ रहा है. ग्राहकों का कहना है कि हर कि2सी को मनोज कुमार से सीखने की जरूरत है.

single use plastic alternative
पानी की बोतल, गिलास और कटोरी सब कुछ मिट्टी की ही बनी हैं.

उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. तभी सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाई जा सकती है. ग्राहकों का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना खाकर उन्हें बहुत अच्छा लगा. खाने के साथ मिट्टी की खूशबू स्वाद को कहां ज्यादा बढ़ा देती है. रेस्टोरेंट पर मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल होने से कुम्हारों को भी पहले से ज्यादा काम मिलने लगा है. कुम्हारों के मुताबिक मिट्टी के बर्तन मिट्टी में ही मिलकर नष्ट हो जाते हैं. जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता.

फरीदाबाद: देश में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (single use plastic ban) लग गया है. मतलब वो प्लास्टिक जिसको एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है. सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 चीजों पर भी रोक लगाई है. फरीदाबाद के रेस्टोरेंट संचालक पर्यावरण को स्वच्छ बनाने और सरकार की इस मुहिम को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. मनोज कुमार अपने रेस्टोरेंट में आने वाले सभी लोगों को खाने-पीने की चीजें मिट्टी से बने बर्तनों में परोसते हैं.

इससे एक तो सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्या खत्म हो गई दूसरा ये पर्यावरण के लिए काफी अच्छा है. रेस्टोरेंट में आने वाले लोगों को भी सिंगल यूज प्लास्टिक का ये विकल्प (single use plastic alternative) खूब पसंद आ रहा है. पहले मनोज कुमार भी अपने रेस्टोरेंट में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते थे, लेकिन जब से उन्हें इस प्लास्टिक पर बैन और इससे होने वाले नुकसान के बारे में पता चला तो सरकार की इस मुहिम को आगे बढ़ाने का फैसला किया.

हरियाणा के रेस्टोरेंट संचालक ने निकला सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प, दूसरों के लिए बने मिसाल

जिसके बाद मनोज कुमार ने सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह मिट्टी से बने बर्तनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. मनोज के रेस्टोरेंट में जिन बर्तनों में खाना परोसा जाता है. वो सब मिट्टी के बने होते हैं. पानी पीने के लिए भी मिट्टी के बर्तन (earthenware in faridabad restaurant) का इस्तेमाल किया जाता है. बोतल भी मिट्टी की होती है और गिलास भी. ग्राहकों को भी मनोज कुमार का ये काम बहुत पसंद आ रहा है. ग्राहकों का कहना है कि हर कि2सी को मनोज कुमार से सीखने की जरूरत है.

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पानी की बोतल, गिलास और कटोरी सब कुछ मिट्टी की ही बनी हैं.

उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. तभी सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाई जा सकती है. ग्राहकों का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना खाकर उन्हें बहुत अच्छा लगा. खाने के साथ मिट्टी की खूशबू स्वाद को कहां ज्यादा बढ़ा देती है. रेस्टोरेंट पर मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल होने से कुम्हारों को भी पहले से ज्यादा काम मिलने लगा है. कुम्हारों के मुताबिक मिट्टी के बर्तन मिट्टी में ही मिलकर नष्ट हो जाते हैं. जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता.

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