फरीदाबादः पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलएपी) में संशोधन बिल लाने की तैयारी में जुटी सरकार के फैसले के विरोध में शहर के सामाजिक संगठन उतर आए हैं. सामाजिक संगठनों की मांग है कि सरकार जनहित को ध्यान में रखते हुए संशोधन बिल को वापस ले और अरावली संरक्षण के लिए सख्त से सख्त कानून बनाए. जिससे जंगल को बचाया जा सके.
बिल संशोधन से अरावली वन क्षेत्र हो जाएगा बाहर
विरोध कर रहे फरीदाबाद के बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पराशर का कहना है कि सरकार जो संशोधन बिल ला रही है उससे अरावली वन क्षेत्र से बाहर हो जाएगा. साथ ही यहां हो रहे निर्माण कार्य वैध हो जाएंगे. क्योंकि पीएलपीए एक्ट की धारा 4 और 5 लागू ही नहीं होगी.
पीएलपीए एक्ट 1900 अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. इसका मकसद वन क्षेत्र को समाप्त होने से बचाना है.
एलएन पराशर का कहना है कि फरीदाबाद विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुका है. जहां पेड़-पौधे लगाकर हरियाली बचाने का प्रयास करना चाहिए वहां सरकार हरियाली को खत्म करने का बिल ला रही है.
नेता और भूमाफिया अरावली कर रहे बर्बाद: एलएन पाराशर
न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने कहा कि अरावली को भूमाफिया और नेता मिलकर बर्बाद कर रहे हैं. ये सब मिलकर 118 साल पुराने पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट में संशोधन कराना चाहते हैं, यदि सरकार ने बिल में संशोधन किया तो वह विरोध में सुप्रीमकोर्ट जाएंगे.