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अरावली बिल के खिलाफ खड़े हुए बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान, बिल पास हुआ तो प्रदूषण का गढ़ होगा फरीदाबाद - PLP

क्या है पीएलपी बिल ? कैसे संशोधन से किसको होगा नुकसान? क्या सरकार के इस फैसले के साथ नहीं हैं बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान

अरावली पहाड़ियां को देखते हुए एलएन पराशर
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Published : Feb 25, 2019, 5:37 PM IST

फरीदाबादः पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलएपी) में संशोधन बिल लाने की तैयारी में जुटी सरकार के फैसले के विरोध में शहर के सामाजिक संगठन उतर आए हैं. सामाजिक संगठनों की मांग है कि सरकार जनहित को ध्यान में रखते हुए संशोधन बिल को वापस ले और अरावली संरक्षण के लिए सख्त से सख्त कानून बनाए. जिससे जंगल को बचाया जा सके.

बिल संशोधन से अरावली वन क्षेत्र हो जाएगा बाहर
विरोध कर रहे फरीदाबाद के बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पराशर का कहना है कि सरकार जो संशोधन बिल ला रही है उससे अरावली वन क्षेत्र से बाहर हो जाएगा. साथ ही यहां हो रहे निर्माण कार्य वैध हो जाएंगे. क्योंकि पीएलपीए एक्ट की धारा 4 और 5 लागू ही नहीं होगी.

अरावली बिल के खिलाफ खड़े हुए बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान

पीएलपीए एक्ट 1900 अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. इसका मकसद वन क्षेत्र को समाप्त होने से बचाना है.
एलएन पराशर का कहना है कि फरीदाबाद विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुका है. जहां पेड़-पौधे लगाकर हरियाली बचाने का प्रयास करना चाहिए वहां सरकार हरियाली को खत्म करने का बिल ला रही है.

नेता और भूमाफिया अरावली कर रहे बर्बाद: एलएन पाराशर
न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने कहा कि अरावली को भूमाफिया और नेता मिलकर बर्बाद कर रहे हैं. ये सब मिलकर 118 साल पुराने पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट में संशोधन कराना चाहते हैं, यदि सरकार ने बिल में संशोधन किया तो वह विरोध में सुप्रीमकोर्ट जाएंगे.

फरीदाबादः पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलएपी) में संशोधन बिल लाने की तैयारी में जुटी सरकार के फैसले के विरोध में शहर के सामाजिक संगठन उतर आए हैं. सामाजिक संगठनों की मांग है कि सरकार जनहित को ध्यान में रखते हुए संशोधन बिल को वापस ले और अरावली संरक्षण के लिए सख्त से सख्त कानून बनाए. जिससे जंगल को बचाया जा सके.

बिल संशोधन से अरावली वन क्षेत्र हो जाएगा बाहर
विरोध कर रहे फरीदाबाद के बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पराशर का कहना है कि सरकार जो संशोधन बिल ला रही है उससे अरावली वन क्षेत्र से बाहर हो जाएगा. साथ ही यहां हो रहे निर्माण कार्य वैध हो जाएंगे. क्योंकि पीएलपीए एक्ट की धारा 4 और 5 लागू ही नहीं होगी.

अरावली बिल के खिलाफ खड़े हुए बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान

पीएलपीए एक्ट 1900 अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. इसका मकसद वन क्षेत्र को समाप्त होने से बचाना है.
एलएन पराशर का कहना है कि फरीदाबाद विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुका है. जहां पेड़-पौधे लगाकर हरियाली बचाने का प्रयास करना चाहिए वहां सरकार हरियाली को खत्म करने का बिल ला रही है.

नेता और भूमाफिया अरावली कर रहे बर्बाद: एलएन पाराशर
न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने कहा कि अरावली को भूमाफिया और नेता मिलकर बर्बाद कर रहे हैं. ये सब मिलकर 118 साल पुराने पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट में संशोधन कराना चाहते हैं, यदि सरकार ने बिल में संशोधन किया तो वह विरोध में सुप्रीमकोर्ट जाएंगे.

स्टोरी- सरकार ने अरावली को किया बर्बाद करने का प्लान तो सुप्रीम कोर्ट जायेंगे एल एन पराशर, सरकार पर भडके पराशर कहा अरावली खत्म के बाद फैंलेंगी बिमारी खोल दो अस्पताल।

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एंकर- हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान अरावली पर बिल लाकर बड़ी-बड़ी इमारतें और व्यवसायिक गतिविधियां करने के मामले पर फरीदाबाद जिला अदालत के बार एसोसिएशन पूर्व प्रधान एल एन पराशर भडक उठे हैं, लंबे समय से अरावाली की लडाई लड रहे पराशर ने साफ किया है कि इमारतें और व्यवसायिक गतिविधियां करने से पहले सरकार बहुत सारे अस्पताल बनवा दे ताकि बिमारियां फैलने के बाद ईलाज दिया जा सके, फरीदाबाद प्रदूर्षित शहरों में शुमार है ऐसे में सरकार हालात सुधारने की जगह बिगाडने का बिल लाने जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो वह राष्टपति, प्रधानमंत्री के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट में भी जायेेंगे और किसी भी हाल में अरावली को बर्बाद नहीं होने देंगे।
बाईट- एल एन पराशर, बार एसोसिएशन पूर्व प्रधान फरीदाबाद
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