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फरीदाबाद पुलिस ने शुरू किया ऑपरेशन स्माइल अभियान, भीख मांग रहे 8 बच्चों को किया रेस्क्यू - faridabad latest news

फरीदाबाद पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल अभियान (operation smile campaign in faridabad) के तहत रेड लाइट पर भीख मांग रहे 8 बच्चों को रेस्क्यू किया है. पुलिस ने इन्हें स्कूल भेजने के लिए इनके परिजनों की काउंसलिंग कराई और बच्चों को सौंप दिया.

operation smile campaign in faridabad
फरीदाबाद पुलिस ने शुरू किया ऑपरेशन स्माइल अभियान
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Published : Apr 4, 2023, 5:14 PM IST

फरीदाबाद: फरीदाबाद पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल अभियान शुरू किया है. इसके तहत क्राइम ब्रांच कैट ने भीख मांग रहे 8 बच्चों को रेस्क्यू किया. पुलिस ने इन बच्चों व उनके माता-पिता की काउंसलिंग की. इसके बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया. इस दौरान पुलिस ने बच्चों के परिजनों को इन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया. फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने इस दौरान कहा कि बच्चे पढ़ लिखकर व ज्ञान की प्राप्ति करके ही अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं.

फरीदाबाद में शुरू हुआ ऑपरेशन स्माइल: फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर की ओर से चलाए गए ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच कैट प्रभारी सरजीत सिंह की टीम ने रेडलाइट पर भीख मांग रहे 8 छोटे बच्चों को रेस्क्यू किया है. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा और उनके उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुलिस आयुक्त द्वारा ऑपरेशन स्माइल अभियान की शुरुआत की गई है.

पढ़ें : हिसार में दुकानदार ने ग्राहक पर किया जानलेवा हमला, मुर्गे काटने वाली छूरी से काटा

फरीदाबाद पुलिस का सराहनीय प्रयास: जिसमें स्कूल जाने की बजाय कार्य करने या भीख मांगने वाले बच्चों को रेस्क्यू करके उनकी काउंसलिंग की जाती है. इसके साथ ही उनके माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए जागरूक किया जाता है. पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि फरीदाबाद पुलिस का यह अभियान बहुत ही सराहनीय है, जिसमें बहुत से बच्चों का जीवन सकारात्मक दिशा में पथ प्रदर्शित होगा और वह पढ़ लिखकर एक अच्छे समाज का निर्माण करेंगे.

उन्होंने कहा कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं और शिक्षा किसी भी इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है. शिक्षा के माध्यम से इंसान ज्ञान की प्राप्ति करता है और इसके साथ-साथ वह नैतिक रूप से भी समृद्ध बनता है. जो अपने साथ-साथ अपने समाज के लिए कार्य करता है. उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए ना कि छोटी उम्र में ही कार्य में लिप्त होकर अपने भविष्य को अंधेरे में धकेलना चाहिए. शिक्षा मनुष्य को एक नई रोशनी दिखाती है.

पुलिस आयुक्त की पहल: जिससे वह अपने अधिकारों और सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक होकर इसके लिए कार्य करता है. जो अन्य लोगों के लिए भी मददगार साबित होता है. पुलिस आयुक्त द्वारा शुरू की गई इस पहल के तहत क्राइम ब्रांच कैट द्वारा 8 बच्चों को रेस्क्यू किया गया. जिसमें 5 बच्चों को ओल्ड फरीदाबाद तथा तीन बच्चों को बड़खल रेड लाइट से भीख मांगते हुए रेस्क्यू किया गया है.

पढ़ें : Kurukshetra Crime News: फोन पर पैसे मांगने की धमकी देने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार, खुद को बताया लॉरेंस बिश्नोई का भाई

क्राइम ब्रांच कैट ने बच्चों को किया रेस्क्यू: रेस्क्यू किए गए बच्चों में 6 लड़कियां तथा 2 लड़के शामिल हैं. तीन लड़कियों की उम्र 12 वर्ष और शेष की उम्र 11, 8 और 6 वर्ष है. इनके साथ ही दो छोटे बच्चों की उम्र 5 व 4 वर्ष है. पुलिस ने बच्चों से पूछताछ करके उनके माता-पिता के बारे में जानकारी प्राप्त की और उन्हें बच्चों के साथ बाल कल्याण समिति फरीदाबाद के समक्ष पेश कर उनकी काउंसलिंग की गई. उनके माता-पिता को समझाया गया है कि यह उम्र बच्चों के स्कूल जाने की है.

पुलिस ने कराई परिजनों की काउंसलिंग: यदि वह अभी से इस प्रकार का कार्य करेंगे तो सारी उम्र उन्हें यही कार्य करते हुए बितानी पड़ेगी. उन्होंने बताया कि कोई भी माता-पिता नहीं चाहता है कि उनके बच्चे सड़क पर खड़े होकर भीख मांगें या पढ़ने की उम्र में कार्य करें. इसलिए आवश्यक है कि बच्चों को स्कूल भेजें ताकि वह पढ़ लिखकर अपने सामाजिक स्तर को ऊंचा उठा सके और एक बेहतर जीवन व्यतीत कर सके. काउंसलिंग करने के पश्चात बच्चों को उनके माता-पिता के हवाले किया गया और उनके माता-पिता ने भी विश्वास दिलाया कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे ताकि वह पढ़ लिखकर अच्छे नागरिक बन सके.

फरीदाबाद: फरीदाबाद पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल अभियान शुरू किया है. इसके तहत क्राइम ब्रांच कैट ने भीख मांग रहे 8 बच्चों को रेस्क्यू किया. पुलिस ने इन बच्चों व उनके माता-पिता की काउंसलिंग की. इसके बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया. इस दौरान पुलिस ने बच्चों के परिजनों को इन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया. फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने इस दौरान कहा कि बच्चे पढ़ लिखकर व ज्ञान की प्राप्ति करके ही अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं.

फरीदाबाद में शुरू हुआ ऑपरेशन स्माइल: फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर की ओर से चलाए गए ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच कैट प्रभारी सरजीत सिंह की टीम ने रेडलाइट पर भीख मांग रहे 8 छोटे बच्चों को रेस्क्यू किया है. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा और उनके उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुलिस आयुक्त द्वारा ऑपरेशन स्माइल अभियान की शुरुआत की गई है.

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फरीदाबाद पुलिस का सराहनीय प्रयास: जिसमें स्कूल जाने की बजाय कार्य करने या भीख मांगने वाले बच्चों को रेस्क्यू करके उनकी काउंसलिंग की जाती है. इसके साथ ही उनके माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए जागरूक किया जाता है. पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि फरीदाबाद पुलिस का यह अभियान बहुत ही सराहनीय है, जिसमें बहुत से बच्चों का जीवन सकारात्मक दिशा में पथ प्रदर्शित होगा और वह पढ़ लिखकर एक अच्छे समाज का निर्माण करेंगे.

उन्होंने कहा कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं और शिक्षा किसी भी इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है. शिक्षा के माध्यम से इंसान ज्ञान की प्राप्ति करता है और इसके साथ-साथ वह नैतिक रूप से भी समृद्ध बनता है. जो अपने साथ-साथ अपने समाज के लिए कार्य करता है. उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए ना कि छोटी उम्र में ही कार्य में लिप्त होकर अपने भविष्य को अंधेरे में धकेलना चाहिए. शिक्षा मनुष्य को एक नई रोशनी दिखाती है.

पुलिस आयुक्त की पहल: जिससे वह अपने अधिकारों और सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक होकर इसके लिए कार्य करता है. जो अन्य लोगों के लिए भी मददगार साबित होता है. पुलिस आयुक्त द्वारा शुरू की गई इस पहल के तहत क्राइम ब्रांच कैट द्वारा 8 बच्चों को रेस्क्यू किया गया. जिसमें 5 बच्चों को ओल्ड फरीदाबाद तथा तीन बच्चों को बड़खल रेड लाइट से भीख मांगते हुए रेस्क्यू किया गया है.

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क्राइम ब्रांच कैट ने बच्चों को किया रेस्क्यू: रेस्क्यू किए गए बच्चों में 6 लड़कियां तथा 2 लड़के शामिल हैं. तीन लड़कियों की उम्र 12 वर्ष और शेष की उम्र 11, 8 और 6 वर्ष है. इनके साथ ही दो छोटे बच्चों की उम्र 5 व 4 वर्ष है. पुलिस ने बच्चों से पूछताछ करके उनके माता-पिता के बारे में जानकारी प्राप्त की और उन्हें बच्चों के साथ बाल कल्याण समिति फरीदाबाद के समक्ष पेश कर उनकी काउंसलिंग की गई. उनके माता-पिता को समझाया गया है कि यह उम्र बच्चों के स्कूल जाने की है.

पुलिस ने कराई परिजनों की काउंसलिंग: यदि वह अभी से इस प्रकार का कार्य करेंगे तो सारी उम्र उन्हें यही कार्य करते हुए बितानी पड़ेगी. उन्होंने बताया कि कोई भी माता-पिता नहीं चाहता है कि उनके बच्चे सड़क पर खड़े होकर भीख मांगें या पढ़ने की उम्र में कार्य करें. इसलिए आवश्यक है कि बच्चों को स्कूल भेजें ताकि वह पढ़ लिखकर अपने सामाजिक स्तर को ऊंचा उठा सके और एक बेहतर जीवन व्यतीत कर सके. काउंसलिंग करने के पश्चात बच्चों को उनके माता-पिता के हवाले किया गया और उनके माता-पिता ने भी विश्वास दिलाया कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे ताकि वह पढ़ लिखकर अच्छे नागरिक बन सके.

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