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फरीदाबादः प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने हरियाणा और पंजाब सरकार को किया तलब - प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने हरियाणा तलब किया फरीदाबाद

फरीदाबाद में वायू प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. जिसके कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. वहीं फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बीआर भाटिया ने बताया कि कंपनियों से प्रदूषण नहीं होता.

NGT summoned haryana and punjab government regarding pollution
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Published : Nov 1, 2019, 9:44 PM IST

फरीदाबाद: इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत हरियाणा में प्रदूषण बड़ी समस्या बनी हुई है. फरीदाबाद में वायू प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. जिसके कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो वहीं लोगों को आखों में जलन भी हो रही है. सांस के मरीजों के लिए स्थिति काफी खतरनाक है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स 446 के पार पहुंचा

लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी और दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार को किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर तलब किया है. फरीदाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 446 पहुंच गया है, जो कि लोगों की सेहत के लिए काफी हानिकारक है. फरीदाबाद में स्कूली बच्चे मास्क लगा कर चल रहे हैं.

फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बीआर भाटिया ने बताया कि कंपनियों से प्रदूषण नहीं होता. गवर्नमेंट बस बचने के लिए बहाना बनाती है. इसलिए वह इन सब बातों को कंपनियों के ऊपर थोपने में लगे है. अगर प्रदूषण रोकना है तो गवर्नमेंट को अपने नियमों को सख्त करना चाहिए.

एनजीटी ने हरियाणा और पंजाब सरकार किया तलब, देखें वीडियो

ये भी जाने- रोहतक की फिजा में घुला जहरीला धुंआ, दम घोंटू हवा से लोग परेशान

आपको बता दें कि हरियाणा और पंजाब में इस समय धान की कटाई होती है. धान कटने के बाद जो फसल अवशेष बच जाते हैं, उन्हें पराली कहते है. जब भी पराली जलाई जाती है तो बहुत बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड पैदा होती है. जब ये गैस फॉग से मिलती है तो एक काले धुएं की शक्ल ले लेती है जिसे स्मॉग कहते हैं.

ऐसे मापा जाता है प्रदूषण

फरीदाबाद में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 446 पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच एक्यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम 201 से 300 के बीच खराब 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है.

फरीदाबाद: इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत हरियाणा में प्रदूषण बड़ी समस्या बनी हुई है. फरीदाबाद में वायू प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. जिसके कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो वहीं लोगों को आखों में जलन भी हो रही है. सांस के मरीजों के लिए स्थिति काफी खतरनाक है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स 446 के पार पहुंचा

लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी और दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार को किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर तलब किया है. फरीदाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 446 पहुंच गया है, जो कि लोगों की सेहत के लिए काफी हानिकारक है. फरीदाबाद में स्कूली बच्चे मास्क लगा कर चल रहे हैं.

फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बीआर भाटिया ने बताया कि कंपनियों से प्रदूषण नहीं होता. गवर्नमेंट बस बचने के लिए बहाना बनाती है. इसलिए वह इन सब बातों को कंपनियों के ऊपर थोपने में लगे है. अगर प्रदूषण रोकना है तो गवर्नमेंट को अपने नियमों को सख्त करना चाहिए.

एनजीटी ने हरियाणा और पंजाब सरकार किया तलब, देखें वीडियो

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आपको बता दें कि हरियाणा और पंजाब में इस समय धान की कटाई होती है. धान कटने के बाद जो फसल अवशेष बच जाते हैं, उन्हें पराली कहते है. जब भी पराली जलाई जाती है तो बहुत बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड पैदा होती है. जब ये गैस फॉग से मिलती है तो एक काले धुएं की शक्ल ले लेती है जिसे स्मॉग कहते हैं.

ऐसे मापा जाता है प्रदूषण

फरीदाबाद में वायु प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स 446 पार हो गया जो कि 50 से ज्यादा नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच एक्यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम 201 से 300 के बीच खराब 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है.

Intro:फरीदाबाद :- लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी और दिल्ली सरकार ने जहां हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार को किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर तलब किया है। तो वही दिल्ली सरकार ने 2 दिन पहले अपने बैठक में बताया कि बढ़ते प्रदूषण में कंपनियां भी शामिल है। दिल्ली एनसीआर में कंपनियों से निकलता धुंआ भी प्रदूषण को बढ़ावा देते है।




वी ओ :- तो वही फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बी आर भाटिया ने बताया कि कंपनियों से कभी भी पोलूशन नहीं होता। गवर्नमेंट बस बचने के लिए बहाना बना रही है। इसलिए वह इन सब बातों को कंपनियों के ऊपर थोपने में लगे है। अगर पोलूशन रोकना है तो गवर्नमेंट को अपने नियमों को सख्त करना चाहिए। कोई कहीं पर कूड़ा जलता है तो उन्हें उसी वक्त वहां कर्मचारियों को भेजकर आग को बुझाना चाहिए ओर लोगों को जागरूक करना चाहिए। जब लोग जागरूक होंगे तो पोलूशन भी कम होगा। कंपनियों को बंद करने से इसका हल नहीं निकलेगा। गवर्नमेंट को कुछ अलग इंतजाम करने चाहिए।




वी ओ :- बी आर भाटिया ने कहा कि अगर गवर्नमेंट, इंडस्ट्रीज का साथ चाहती है तो वह भी उनके साथ देंगे। जैसा कहेंगे वह उनकी आदेशों के पालन करेंगे पर बढ़ते पोलूशन को कंपनियों के ऊपर थोपे कंपनियों से ज्यादा पोलूशन नहीं होता।


बाइट :- बी आर भाटिया ( प्रधान - FIA )

वीओ। बल्लबगढ़ में पोलूशन स्तर आज 403 रहा है जबकि फरीदाबाद की बात करें तो फरीदाबाद में पोलूशन 446 पहुंच गया है ।लोगों ने मास्क लगाकर चलना शुरू किया है वहीं स्कूली बच्चे भी मुंह ढक कर चल रहे हैं ।लोगों का कहना किसी तरह यदि पोलुशन बढ़ता रहा तो जीना बहाल होगा बीमारियां बढ़ेंगे और बता कि गले संबंधी और सांस संबंधी बीमारियां बढ़ने लगी है। प्रशासन को पानी का छिड़काव करवाना चाहिए ताकि बढ़ते हुए पोलूशन को कम किया जा सके। लोग इस बात से चिंतित हैं और विचार-विमर्श में लगे हैं कि किस तरीके से पोलूशन को कम करने में मदद की जा सके।

बाइट। आम जनताBody:hr_far_02_pollution_halat_vis_bite_7203403Conclusion:hr_far_02_pollution_halat_vis_bite_7203403
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