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Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को इस खास विधि से करें प्रसन्न, भोलेनाथ मनोकामना करेंगे पूर्ण

महाशिवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है. भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए भक्तों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. वैसे तो भगवान भोलेनाथ एक लोटा जल से भी प्रसन्न (Mahashivratri 2023) हो जाते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि के दिन कुछ खास उपाय करने से भगवान शंकर अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं.

Mahashivratri 2023
महाशिवरात्रि पूजा की विधि
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Published : Feb 17, 2023, 2:04 PM IST

महंत मुनिराज से जानिए महाशिवरात्रि पर कैसे करें शिव आराधना.

फरीदाबाद: महाशिवरात्रि 2023 का पर्व 18 फरवरी को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा. हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिव भक्तों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. शिव मंदिरों में भोले बाबा की पूजा अर्चना को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. वहीं, महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्त भी पूरे दिन उपवास रखकर मंदिर जाते हैं. मान्यता है कि भोले बाबा अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं और भगवान शिव शंभु महाशिवरात्रि के दिन अपने भक्तों की सभी परेशानी हर लेते हैं.

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कैसे करें: ईटीवी भारत से बातचीत में महंत मुनिराज ने बताया कि महाशिवरात्रि में भगवान शंकर को प्रसन्न किया जा सकताहै. महंत मुनिराज के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भक्तों को व्रत में रहना चाहिए. कोशिश करें कि उस दिन निर्जला व्रत किया जाए. महंत मुनिराज कहते हैं कि, बहुत कम लोगों को पता है कि इस दिन चार प्रहर की पूजा की जाती है. प्रथम प्रहर के अंतर्गत भगवान का आह्वान किया जाता है, जिसके अंतर्गत 16 तरह से पूजा की जाती है.

महंत ने कहा कि, सबसे पहले भोले बाबा को पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए. इसके बाद इत्र से भोले बाबा को लेप लगाना चाहिए. फिर गंध, तिलक, चंदन, अक्षत पुष्प और पुष्प हार भोले बाबा को चढ़ाना चाहिए. इसके बाद भोले बाबा को वस्त्र पहनना चाहिए. वस्त्र पहनाने के बाद भोले बाबा को प्रसाद चढ़ाएं फिर उन्हें जल अर्पण करें. खास तौर पर भोले बाबा को नारियल चढ़ाना चाहिए क्योंकि इससे भोले बाबा अत्यंत प्रसन्न होते हैं. फिर भोले बाबा की आरती की जानी चाहिए. उसके बाद भोलेनाथ की परिक्रमा करनी चाहिए. ध्यान रहे भोले बाबा की परिक्रमा आधी लगती है. इस तरह से यदि आप भोले बाबा की उपासना करते हैं तो भोले बाबा आप पर अत्यंत प्रसन्न होकर आपको उसका फल देते हैं.

भगवान भोले के भक्त महाशिवरात्रि व्रत का बेसब्री से इंतजार करते हैं. जैसे ही फरवरी का महीना आता है, भोले के भक्त भोले के रंग में रंग जाते हैं. महंत मुनिराज ने बताया कि यदि आप भोले बाबा की पूजा करते हैं तो भोले बाबा आप पर अत्यंत प्रसन्न होकर आपको उसका फल देंगे. इस बार आप भी भोले बाबा की पूजा महाशिवरात्रि के दिन इसी तरह कर सकते हैं.

मान्यता है कि जितने भी कष्ट विकार क्लेश हैं, भगवान भोलेनाथ उसे दूर कर देते हैं. इस बार का महाशिवरात्रि इसलिए भी खास है क्योंकि लगभग 50 साल बाद ऐसी तिथि में महाशिवरात्रि है जो 50 साल में एक बार संयोग बनता है. बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि प्रदोष काल में है ऐसा संयोग बहुत कम देखने को मिलता है. मान्यता है कि इस योग भोलेनाथ काफी प्रसन्न रहते हैं.

ये भी पढ़ें: Mahashivratri विशेष : इन मंत्रों से करें भगवान शिव को प्रसन्न, दूर होंगे रोग-शोकृ

महंत मुनिराज से जानिए महाशिवरात्रि पर कैसे करें शिव आराधना.

फरीदाबाद: महाशिवरात्रि 2023 का पर्व 18 फरवरी को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा. हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिव भक्तों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. शिव मंदिरों में भोले बाबा की पूजा अर्चना को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. वहीं, महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्त भी पूरे दिन उपवास रखकर मंदिर जाते हैं. मान्यता है कि भोले बाबा अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं और भगवान शिव शंभु महाशिवरात्रि के दिन अपने भक्तों की सभी परेशानी हर लेते हैं.

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कैसे करें: ईटीवी भारत से बातचीत में महंत मुनिराज ने बताया कि महाशिवरात्रि में भगवान शंकर को प्रसन्न किया जा सकताहै. महंत मुनिराज के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भक्तों को व्रत में रहना चाहिए. कोशिश करें कि उस दिन निर्जला व्रत किया जाए. महंत मुनिराज कहते हैं कि, बहुत कम लोगों को पता है कि इस दिन चार प्रहर की पूजा की जाती है. प्रथम प्रहर के अंतर्गत भगवान का आह्वान किया जाता है, जिसके अंतर्गत 16 तरह से पूजा की जाती है.

महंत ने कहा कि, सबसे पहले भोले बाबा को पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए. इसके बाद इत्र से भोले बाबा को लेप लगाना चाहिए. फिर गंध, तिलक, चंदन, अक्षत पुष्प और पुष्प हार भोले बाबा को चढ़ाना चाहिए. इसके बाद भोले बाबा को वस्त्र पहनना चाहिए. वस्त्र पहनाने के बाद भोले बाबा को प्रसाद चढ़ाएं फिर उन्हें जल अर्पण करें. खास तौर पर भोले बाबा को नारियल चढ़ाना चाहिए क्योंकि इससे भोले बाबा अत्यंत प्रसन्न होते हैं. फिर भोले बाबा की आरती की जानी चाहिए. उसके बाद भोलेनाथ की परिक्रमा करनी चाहिए. ध्यान रहे भोले बाबा की परिक्रमा आधी लगती है. इस तरह से यदि आप भोले बाबा की उपासना करते हैं तो भोले बाबा आप पर अत्यंत प्रसन्न होकर आपको उसका फल देते हैं.

भगवान भोले के भक्त महाशिवरात्रि व्रत का बेसब्री से इंतजार करते हैं. जैसे ही फरवरी का महीना आता है, भोले के भक्त भोले के रंग में रंग जाते हैं. महंत मुनिराज ने बताया कि यदि आप भोले बाबा की पूजा करते हैं तो भोले बाबा आप पर अत्यंत प्रसन्न होकर आपको उसका फल देंगे. इस बार आप भी भोले बाबा की पूजा महाशिवरात्रि के दिन इसी तरह कर सकते हैं.

मान्यता है कि जितने भी कष्ट विकार क्लेश हैं, भगवान भोलेनाथ उसे दूर कर देते हैं. इस बार का महाशिवरात्रि इसलिए भी खास है क्योंकि लगभग 50 साल बाद ऐसी तिथि में महाशिवरात्रि है जो 50 साल में एक बार संयोग बनता है. बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि प्रदोष काल में है ऐसा संयोग बहुत कम देखने को मिलता है. मान्यता है कि इस योग भोलेनाथ काफी प्रसन्न रहते हैं.

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