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एलआईसी के निजीकरण और ऑनलाइन पॉलिसी बेचे जाने के विरोध में एजेंटों ने दिया धरना - faridabad news

मंगलवार को फरीदाबाद में भारतीय जीवन बीमा निगम के करीब दस हजार एजेंटों ने अपनी शाखाओं के सामने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं पलवल में भी 700 एजेंट्स ने कामकाज बंद कर विरोध प्रदर्शन किया.

LIC Agents protest against privatization of lic in faridabad
एलआईसी के निजीकरण और ऑनलाइन पॉलिसी बेचे जाने के विरोध में एजेंटों ने दिया धरना
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Published : Mar 25, 2021, 10:31 AM IST

फरीदाबाद: लाइफ इंश्योरेंस एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर फरीदाबाद समेत हरियाणा के डेढ़ लाख से अधिक एलआईसी एजेंट एक दिन की हड़ताल पर रहे. एजेंट्स ने अपनी शाखाओं में कामकाज बंद कर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार पर शोषण करने का आरोप लगाया.

उनका कहना है कि सरकार ऑनलाइन पॉलिसी बेचकर एजेंट्स को आर्थिक हानि पहुंचाने का काम कर रही है. कमीशन को दिन-प्रतिदिन कम किया जा रहा है. ग्रेजुएटी देने को सरकार तैयार नहीं है और निजीकरण को बीमा निगम में हावी किया जा रहा है. जो कि आगे आने वाले समय में बेहद खतरनाक साबित होगा.

एलआईसी के निजीकरण और ऑनलाइन पॉलिसी बेचे जाने के विरोध में एजेंटों ने दिया धरना

दरअसल मंगलवार को फरीदाबाद में भारतीय जीवन बीमा निगम की पांच शाखाओं नीलम बाटा रोड, सेक्टर 31 शॉपिंग सेंटर, सेक्टर 16 ओल्ड फरीदाबाद, सेक्टर 12 हुड्डा कंपलेक्स ,स्टेट बैंक कंपलेक्स बल्लभगढ़ में कार्यरत करीब दस हजार एजेंटों ने अपनी शाखाओं के सामने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं पलवल में भी 700 एजेंट्स ने कामकाज बंद कर विरोध प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें:करनाल में किसानों ने अनोखे तरीके से किया कृषि कानूनों का विरोध, लोगों से की सहयोग देने की अपील

एलआईसी एजेंट्स के बोनस साल दर साल किए जा रहे कम

भारतीय जीवन बीमा निगम एजेंट्स एसोसिएशन के नेताओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि फरीदाबाद में करीब 80 हजार से एक लाख पॉलिसी होल्डर हैं. अब एलआईसी प्रबंधन सभी एजेंट से पॉलिसी होल्डर का डाटा लेकर उनको ऑनलाइन नई पॉलिसी बेचने में जुटी है. एजेंटों के बोनस साल दर साल कम किए जा रहे हैं. ग्रेजुएटी नहीं दी जा रही है.

ये भी पढ़ें: यमुनानगर में एनुअल फीस मांगने पर अभिभावकों ने निजी स्कूल के बाहर किया हंगामा

देश भर में काम कर रहे हैं एलआईसी के 12 लाख एजेंट्स

उनका आरोप है कि सरकार एलआईसी को बेचकर निजीकरण को बढ़ावा देने में जुटी है. एसोसिएशन की मांग है कि ऑनलाइन पॉलिसी भेजना बंद किया जाए. महंगाई के हिसाब से एजेंट को बोनस मिले, ग्रेजुएटी और ग्रुप टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी की व्यवस्था की जाए. उनका कहना है कि देशभर में करीब 12 लाख एजेंट्स एलआईसी के लिए काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: ऑनलाइन परीक्षाओं की मांग को लेकर छात्रों ने GJU में किया प्रदर्शन

ऑनलाइन पॉलिसी से 12 लाख एजेंट्स के परिवार हो जाएंगे बेघर

यदि सरकार ने ऑनलाइन पॉलिसी बेचने को बढ़ावा दिया. तो 12 लाख एजेंट के परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को होगा. क्योंकि जो पॉलिसी खरीदता है अगर वो ऑनलाइन पॉलिसी ले लेगा. तो क्लेम करने के लिए उसको कोई भी मदद नहीं करेगा. ऐसे में केवल एजेंट ही अपने पॉलिसी धारक की फाइल बनाने से लेकर फाइल जमा करवाने तक मदद करता है.

फरीदाबाद: लाइफ इंश्योरेंस एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर फरीदाबाद समेत हरियाणा के डेढ़ लाख से अधिक एलआईसी एजेंट एक दिन की हड़ताल पर रहे. एजेंट्स ने अपनी शाखाओं में कामकाज बंद कर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार पर शोषण करने का आरोप लगाया.

उनका कहना है कि सरकार ऑनलाइन पॉलिसी बेचकर एजेंट्स को आर्थिक हानि पहुंचाने का काम कर रही है. कमीशन को दिन-प्रतिदिन कम किया जा रहा है. ग्रेजुएटी देने को सरकार तैयार नहीं है और निजीकरण को बीमा निगम में हावी किया जा रहा है. जो कि आगे आने वाले समय में बेहद खतरनाक साबित होगा.

एलआईसी के निजीकरण और ऑनलाइन पॉलिसी बेचे जाने के विरोध में एजेंटों ने दिया धरना

दरअसल मंगलवार को फरीदाबाद में भारतीय जीवन बीमा निगम की पांच शाखाओं नीलम बाटा रोड, सेक्टर 31 शॉपिंग सेंटर, सेक्टर 16 ओल्ड फरीदाबाद, सेक्टर 12 हुड्डा कंपलेक्स ,स्टेट बैंक कंपलेक्स बल्लभगढ़ में कार्यरत करीब दस हजार एजेंटों ने अपनी शाखाओं के सामने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं पलवल में भी 700 एजेंट्स ने कामकाज बंद कर विरोध प्रदर्शन किया.

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एलआईसी एजेंट्स के बोनस साल दर साल किए जा रहे कम

भारतीय जीवन बीमा निगम एजेंट्स एसोसिएशन के नेताओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि फरीदाबाद में करीब 80 हजार से एक लाख पॉलिसी होल्डर हैं. अब एलआईसी प्रबंधन सभी एजेंट से पॉलिसी होल्डर का डाटा लेकर उनको ऑनलाइन नई पॉलिसी बेचने में जुटी है. एजेंटों के बोनस साल दर साल कम किए जा रहे हैं. ग्रेजुएटी नहीं दी जा रही है.

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देश भर में काम कर रहे हैं एलआईसी के 12 लाख एजेंट्स

उनका आरोप है कि सरकार एलआईसी को बेचकर निजीकरण को बढ़ावा देने में जुटी है. एसोसिएशन की मांग है कि ऑनलाइन पॉलिसी भेजना बंद किया जाए. महंगाई के हिसाब से एजेंट को बोनस मिले, ग्रेजुएटी और ग्रुप टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी की व्यवस्था की जाए. उनका कहना है कि देशभर में करीब 12 लाख एजेंट्स एलआईसी के लिए काम कर रहे हैं.

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ऑनलाइन पॉलिसी से 12 लाख एजेंट्स के परिवार हो जाएंगे बेघर

यदि सरकार ने ऑनलाइन पॉलिसी बेचने को बढ़ावा दिया. तो 12 लाख एजेंट के परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को होगा. क्योंकि जो पॉलिसी खरीदता है अगर वो ऑनलाइन पॉलिसी ले लेगा. तो क्लेम करने के लिए उसको कोई भी मदद नहीं करेगा. ऐसे में केवल एजेंट ही अपने पॉलिसी धारक की फाइल बनाने से लेकर फाइल जमा करवाने तक मदद करता है.

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