फरीदाबाद: सनातन धर्म में हर एक त्योहार का बड़ा महत्व होता है और यही वजह है कि साल के आखिरी पूर्णिमा के दिन को भी बड़ा महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मार्गशीर्ष महीना भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है और ऐसे में साल 2023 का आखिरी मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर को है. इस दिन ब्रह्म योग का शुभ संयोग बन रहा है.
पूर्णिमा के दिन पूजन विधि: पंडित महेश भैया जी के अनुसार इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान कर लें, अगर नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिला लें और फिर उस पानी से स्नान करें. स्नान करने के बाद पीला वस्त्र धारण करें और शुभ मुहूर्त में घर में ही भगवान विष्णु की मूर्ति की या फोटो की स्थापना करें. या फिर मंदिर में जाकर भगवान विष्णु को पीले रंग का वस्त्र, पीले रंग का फूल, पांच तरह की मिठाई अर्पित करें. इसके बाद घी का दिया जलाएं और फिर सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़ें. इसके बाद पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करके भगवान का ध्यान करें और भगवान विष्णु की आरती करें. पंडित महेश भैया जी ने बताया कि ऐसा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होगी. इस दिन रात्रि के वक्त चंद्र भगवान को अर्घ जरूर दें. दान-पुण्य करें और गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं. ऐसा करने से बाकी पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना ज्यादा फल मिलता है.
पूजन से लाभ: पंडित महेश भैया जी ने बताया कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. विशेष तौर पर अगर किसी स्त्री को संतान नहीं हो रहा है तो अगर वह यह व्रत विधि विधान के साथ करती है तो निश्चित तौर पर ही संतान की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान विष्णु की कथा भी निश्चित तौर पर पढ़नी चाहिए. इसका फल भगवान जरूर देते हैं. इस दिन दान-पुण्य भी करना चाहिए ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिले. पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. घर में किसी तरह का कोई क्लेश है तो उसे दूर करने के लिए भी भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
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