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Haryana Diwas 2022: कभी गुरुग्राम के अधीन हुआ करता था फरीदाबाद, ऐसे हुआ विकास

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Published : Nov 1, 2022, 1:05 PM IST

आज प्रदेश में हरियाणा दिवस 2022 (Haryana Diwas 2022) पूरे धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इतिहासकार भी हरियाणा के उन दिनों को याद कर रहे हैं जब वह पंजाब से अलग हुआ था. पंजाब से अगल होकर प्रदेश ने अपनी धरोहरों को इकट्ठा किया और एक नया मुकाम बनाया.

Haryana Diwas 2022
Haryana Diwas 2022

फरीदाबाद: आज पूरे प्रदेश में हरियाणा दिवस 2022 (Haryana Diwas 2022) मनाया जा रहा है. आज से हरियाणा ने अपने 56 साल पूरे कर लिए हैं और इन 56 सालों में बहुत कुछ बदल गया. इतिहासकार परमानंद बताते हैं कि 1966 में जब पंजाब से हरियाणा अलग हुआ उस समय हरियाणा की झोली में बहुत कुछ नहीं आया था. उद्योग से लेकर रोजगार तक के लिए हरियाणा को अपने हक की लड़ाई लड़नी पड़ी.

लेकिन अब हरियाणा पहले वाला हरियाणा नहीं रहा. पूरे देश विदेशों में हरियाणा का नाम अव्वल है क्योंकि कृषि प्रधान के साथ-साथ खेलों में सबसे ज्यादा मेडल हरियाणा ही लाता है. हरियाणा में कई ऑटोमोबाइल्स कंपनियां हैं. विशेषतौर पर एलसीआर अब किसी बड़े शहर से कम नहीं है.

Haryana Diwas 2022
धीरे-धीरे विकास की पकड़ी गति


हरियाणा में वाहनों का निर्माण: वहीं हरियाणा का फरीदाबाद भी किसी पहचान का मोहताज नहीं है. आज बड़ी-बड़ी कंपनी फरीदाबाद गुरुग्राम की ओर रुख कर रही हैं. सड़कों पर दिखने वाला इंडियन वाहनों में हर पांच में से दो वाहनों का निर्माण हरियाणा अकेला करता है. फरीदाबाद के रहने वाले इतिहासकार परमानंद यादव बताते हैं जब पंजाब से हरियाणा अलग हुआ था तब भगवत दयाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया (History of Haryana) था.

गुरुग्राम के अधीन हुआ करता था फरीदाबाद: उनका कार्यकाल एक साल तक रहा. उसके बाद हरियाणा विकास पार्टी ने तमाम दलों के साथ मिलकर बीरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाया. उस समय हरियाणा की स्थिति ठीक नहीं थी. रोजगार भी इतना नहीं था. फरीदाबाद में दो तीन कंपनियां (Automobile Companies in Faridabad) थी. हालांकि उस समय फरीदाबाद जिला नहीं हुआ करता था बल्कि गुरुग्राम जिले के अधीन फरीदाबाद आता था. लेकिन बदलते दौर के साथ फरीदाबाद में भी बदलाव आया और एक नया जिला घोषित कर दिया गया.

धीरे-धीरे विकास की पकड़ी गति: उस समय नहर का पानी इतना साफ हुआ करता था कि लोग नहर के पानी को पीने के लिए इस्तेमाल किया करते थे. लेकिन पॉल्यूशन की वजह से अब नहर का पानी गंदा हो चुका है. उस दौरान पांचवी तक के क्लास तक पंजाबी पढ़ाई जाती थी.

उस दौर में जनसंख्या भी फायदा की बहुत कम हुआ करती थी और यही वजह है कि जो विस्थापित होकर पाकिस्तान से लोग आए उनको फरीदाबाद में रहने के लिए जगह दी गई. जिसके बाद से यहां की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी होने के साथ व्यवसाय में भी उन्नति हुई. फरीदाबाद का धीरे-धीरे विकास होता गया. सन 2000 तक फरीदाबाद आगे रहे लेकिन 2000 के बाद गुरुग्राम व्यवसाय में (History of faridabad and gurugram) आगे निकल गया.

गुरुग्राम के अधीन हुआ करता था फरीदाबाद

यह भी पढ़ें-'धर्म की जननी, वीरों की धरती और मेडल की खान हूं मैं', पढ़ें मेरे शौर्य और महानता की आत्मकथा

पहले यहां जंगल था: इतिहासकार परमानंद यादव आगे बताते हैं कि हमारे सामने फरीदाबाद, गुड़गांव में सेक्टर कटे हैं. पहले यहां जंगल हुआ करता था. जैसे-जैसे यहां पब्लिक बस्ती का निर्माण हुआ वैसे-वैसे सेक्टर और कॉलोनी भी बनती गई. उन्होंने बताया कि फरीदाबाद का निरंतर विकास भी हो रहा है. यहीं से दिल्ली बड़ौदा मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है. यहां से जेवर एयरपोर्ट नजदीक है. एफएमजी का भी निर्माण हो यहां रहा (IT Hub in Faridabad) है.

उद्योग में अव्वल हैं दोनों जिले: बात करें गुड़गांव और फरीदाबाद की तो यह शहर बिल्कुल अब बदल गये हैं. इतिहासकार बताते हैं कि विश्वास नहीं होगा पहले वाला गुरुग्राम अब किसी दुबई से कम नहीं लगता है तो वहीं औद्योगिक नगरी कहलाने वाला फरीदाबाद भी औद्योगिक क्षेत्र में बहुत आगे है. फरीदाबाद में ऑटोमोबाइल कंपनियां बहुत हैं, जैसे जेसीबी, महिंद्रा इसके अलावा यहां पर बीपीटीपी, एनएचपीसी है. यह तमाम बड़ी कंपनियां फरीदाबाद में अब अपना व्यवसाय को चार चांद लगा रही है.

मेट्रो सिटी के नाम से भी फरीदाबाद को जाना जाता है. फरीदाबाद की बात करें तो यहां पर लगभग 30 हजार के करीब कंपनियां है, जहां पर लाखों लोगों को रोजगार मिलता है.

यह भी पढ़ें-हरियाणा दिवस 2022: सीएम मनोहर ने 'उपहार' पोर्टल किया लॉन्च, होंगी ये खासियतें

वहीं गुरुग्राम की बात करें तो यहां पर मारुति कंपनी के साथ-साथ कई ऑटोमोबाइल्स कंपनियां के होने से गुरुग्राम भी अब काफी आगे निकल चुका है. यहां पर मेट्रो के साथ-साथ रैपिड मेट्रो चलाई जा रही है. गुरुग्राम को साइबर हब भी कहा जाता है क्योंकि बड़ी-बड़ी साइबर कंपनियां भी गुरुग्राम से अपना रोजगार कर रही हैं. ऐसे में आप कह सकते हैं पहले जैसा म्हारा हरियाणा ना रहा (Haryana Day 2022).

फरीदाबाद: आज पूरे प्रदेश में हरियाणा दिवस 2022 (Haryana Diwas 2022) मनाया जा रहा है. आज से हरियाणा ने अपने 56 साल पूरे कर लिए हैं और इन 56 सालों में बहुत कुछ बदल गया. इतिहासकार परमानंद बताते हैं कि 1966 में जब पंजाब से हरियाणा अलग हुआ उस समय हरियाणा की झोली में बहुत कुछ नहीं आया था. उद्योग से लेकर रोजगार तक के लिए हरियाणा को अपने हक की लड़ाई लड़नी पड़ी.

लेकिन अब हरियाणा पहले वाला हरियाणा नहीं रहा. पूरे देश विदेशों में हरियाणा का नाम अव्वल है क्योंकि कृषि प्रधान के साथ-साथ खेलों में सबसे ज्यादा मेडल हरियाणा ही लाता है. हरियाणा में कई ऑटोमोबाइल्स कंपनियां हैं. विशेषतौर पर एलसीआर अब किसी बड़े शहर से कम नहीं है.

Haryana Diwas 2022
धीरे-धीरे विकास की पकड़ी गति


हरियाणा में वाहनों का निर्माण: वहीं हरियाणा का फरीदाबाद भी किसी पहचान का मोहताज नहीं है. आज बड़ी-बड़ी कंपनी फरीदाबाद गुरुग्राम की ओर रुख कर रही हैं. सड़कों पर दिखने वाला इंडियन वाहनों में हर पांच में से दो वाहनों का निर्माण हरियाणा अकेला करता है. फरीदाबाद के रहने वाले इतिहासकार परमानंद यादव बताते हैं जब पंजाब से हरियाणा अलग हुआ था तब भगवत दयाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया (History of Haryana) था.

गुरुग्राम के अधीन हुआ करता था फरीदाबाद: उनका कार्यकाल एक साल तक रहा. उसके बाद हरियाणा विकास पार्टी ने तमाम दलों के साथ मिलकर बीरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाया. उस समय हरियाणा की स्थिति ठीक नहीं थी. रोजगार भी इतना नहीं था. फरीदाबाद में दो तीन कंपनियां (Automobile Companies in Faridabad) थी. हालांकि उस समय फरीदाबाद जिला नहीं हुआ करता था बल्कि गुरुग्राम जिले के अधीन फरीदाबाद आता था. लेकिन बदलते दौर के साथ फरीदाबाद में भी बदलाव आया और एक नया जिला घोषित कर दिया गया.

धीरे-धीरे विकास की पकड़ी गति: उस समय नहर का पानी इतना साफ हुआ करता था कि लोग नहर के पानी को पीने के लिए इस्तेमाल किया करते थे. लेकिन पॉल्यूशन की वजह से अब नहर का पानी गंदा हो चुका है. उस दौरान पांचवी तक के क्लास तक पंजाबी पढ़ाई जाती थी.

उस दौर में जनसंख्या भी फायदा की बहुत कम हुआ करती थी और यही वजह है कि जो विस्थापित होकर पाकिस्तान से लोग आए उनको फरीदाबाद में रहने के लिए जगह दी गई. जिसके बाद से यहां की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी होने के साथ व्यवसाय में भी उन्नति हुई. फरीदाबाद का धीरे-धीरे विकास होता गया. सन 2000 तक फरीदाबाद आगे रहे लेकिन 2000 के बाद गुरुग्राम व्यवसाय में (History of faridabad and gurugram) आगे निकल गया.

गुरुग्राम के अधीन हुआ करता था फरीदाबाद

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पहले यहां जंगल था: इतिहासकार परमानंद यादव आगे बताते हैं कि हमारे सामने फरीदाबाद, गुड़गांव में सेक्टर कटे हैं. पहले यहां जंगल हुआ करता था. जैसे-जैसे यहां पब्लिक बस्ती का निर्माण हुआ वैसे-वैसे सेक्टर और कॉलोनी भी बनती गई. उन्होंने बताया कि फरीदाबाद का निरंतर विकास भी हो रहा है. यहीं से दिल्ली बड़ौदा मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है. यहां से जेवर एयरपोर्ट नजदीक है. एफएमजी का भी निर्माण हो यहां रहा (IT Hub in Faridabad) है.

उद्योग में अव्वल हैं दोनों जिले: बात करें गुड़गांव और फरीदाबाद की तो यह शहर बिल्कुल अब बदल गये हैं. इतिहासकार बताते हैं कि विश्वास नहीं होगा पहले वाला गुरुग्राम अब किसी दुबई से कम नहीं लगता है तो वहीं औद्योगिक नगरी कहलाने वाला फरीदाबाद भी औद्योगिक क्षेत्र में बहुत आगे है. फरीदाबाद में ऑटोमोबाइल कंपनियां बहुत हैं, जैसे जेसीबी, महिंद्रा इसके अलावा यहां पर बीपीटीपी, एनएचपीसी है. यह तमाम बड़ी कंपनियां फरीदाबाद में अब अपना व्यवसाय को चार चांद लगा रही है.

मेट्रो सिटी के नाम से भी फरीदाबाद को जाना जाता है. फरीदाबाद की बात करें तो यहां पर लगभग 30 हजार के करीब कंपनियां है, जहां पर लाखों लोगों को रोजगार मिलता है.

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वहीं गुरुग्राम की बात करें तो यहां पर मारुति कंपनी के साथ-साथ कई ऑटोमोबाइल्स कंपनियां के होने से गुरुग्राम भी अब काफी आगे निकल चुका है. यहां पर मेट्रो के साथ-साथ रैपिड मेट्रो चलाई जा रही है. गुरुग्राम को साइबर हब भी कहा जाता है क्योंकि बड़ी-बड़ी साइबर कंपनियां भी गुरुग्राम से अपना रोजगार कर रही हैं. ऐसे में आप कह सकते हैं पहले जैसा म्हारा हरियाणा ना रहा (Haryana Day 2022).

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