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खोरी गांव तोड़फोड़:'पहले बिजली काटी फिर पानी बंद किया, कसाई है क्या सरकार'

किसान आंदोलन के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने खोरी गांव तोड़फोड़ मामले (khori village demolition case) पर सरकार को आड़े हाथों लिया है. इसके साथ ही उन्होंने सीएम मनोहर लाल को लेकर भी बड़ा बयान दिया है.

gurnam singh chaduni khori village
'पहले बिजली काटी फिर पानी बंद किया, कसाई है क्या सरकार'
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Published : Jun 30, 2021, 8:22 PM IST

फरीदाबाद: अरावली क्षेत्र में बसे खोरी गांव (Khori Village) के करीब 10 हजार मकानों को तोड़ने का सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया है. अब खोरी गांव अतिक्रमण हटाने के मामले में किसान नेताओं की भी एंट्री हो गई है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी हरियाणा सरकार से खोरी गांव के सभी लोगों का पुर्नवास करने की मांग कर रहे हैं.

दरअसल, खोरी गांव में होने वाली तोड़फोड़ से पहले बुधवार को वहां महापंचायत आयोजित होनी थी. जिसमें चढूनी को भी पहुंचना था, लेकिन चढूनी के पहुंचने से पहले माहौल तनावपूर्ण हो गया. जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज तो ग्रामीणों ने जमकर पत्थराव किया. इसके कुछ वक्त बाद चढूनी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ग्रामीणों से मिलने के लिए अंदर नहीं जाने दिया. जिसके बाद चढूनी गांव के बाहर धरने पर बैठ गए.

खोरी गांव मामले पर चढूनी ने सीएम से किए तीखे सवाल

ये भी पढ़िए: खोरी गांव में महापंचायत: पुलिस लाठीचार्ज के बाद लोगों ने किया पथराव, चढूनी बोले- आवाज उठाने का सबको है हक

इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जिस तरह से लोगों पर लाठीचार्ज किया गया है वो निंदनीय है. लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई से यहां पर जमीन खरीदी है, लेकिन सरकारी जमीन को बेचने वालों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. खोरी गांव के मकानों को तोड़ने से पहले यहां बने फाइव स्टार होटलों को तोड़ा जाए. चढूनी ने आगे कहा कि यहां रहने वाले लोगों के घरों की बिजली काट दी गई है. पानी का कनेक्शन काट दिया गया है. क्या सरकार कसाई है?

ये भी पढ़िए: खोरी गांव तोड़फोड़: आमने-सामने दिल्ली और हरियाणा सरकार! AAP सांसद को हिरासत में लेकर छोड़ा गया

हरियाणा के मुख्यमंत्री पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद पाकिस्तान से आकर यहां पर बसे हैं. जब बाहर से आया शख्स हरियाणा का मुख्यमंत्री बन सकता है तो फिर बिहार से आगे लोगों को फरीदाबाद में क्यों नहीं बसाया जा सकता है.

बता दें कि कुछ दिनों पहले सीएम ने कहा था कि खोरी गांव (faridabad khori gaon) में रहने वाले ज्यादातर लोग दिल्ली और बाहर के हैं. खोरी गांव के 50 प्रतिशत लोग जहां से आए थे वहां वापस जा चुके हैं. बाकी बचे लोगों में से जो हरियाणा के हैं या फिर यहां काम कर रहे हैं, उनके लिए सरकार री-सेटलमेंट स्कीम लेकर आएगी. इसके लिए उपायुक्त से बात की गई है.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव में तोड़फोड़ ( khori village demolition) की जानी है. करीबन दस हजार मकानों को तोड़ा जाएगा, लेकिन फिलहाल ये कार्रवाई अभीतक शुरू नहीं की गई है. प्रशासन घरों के खाली होने का इंतजार कर रहा है.

ये भी पढ़िए: फरीदाबाद खोरी गांव के लोगों को दोबारा बसाएगी हरियाणा सरकार, लेकिन सीएम ने रखी ये शर्त

बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां प्रशासन का पीला पंजा चलाया जाएगा.

ये भी पढ़िए: खोरी गांव तोड़फोड़: प्रशासन ने लगभग पूरी की तैयारियां, कभी भी चल सकता है बुल्डोजर

फरीदाबाद: अरावली क्षेत्र में बसे खोरी गांव (Khori Village) के करीब 10 हजार मकानों को तोड़ने का सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया है. अब खोरी गांव अतिक्रमण हटाने के मामले में किसान नेताओं की भी एंट्री हो गई है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी हरियाणा सरकार से खोरी गांव के सभी लोगों का पुर्नवास करने की मांग कर रहे हैं.

दरअसल, खोरी गांव में होने वाली तोड़फोड़ से पहले बुधवार को वहां महापंचायत आयोजित होनी थी. जिसमें चढूनी को भी पहुंचना था, लेकिन चढूनी के पहुंचने से पहले माहौल तनावपूर्ण हो गया. जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज तो ग्रामीणों ने जमकर पत्थराव किया. इसके कुछ वक्त बाद चढूनी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ग्रामीणों से मिलने के लिए अंदर नहीं जाने दिया. जिसके बाद चढूनी गांव के बाहर धरने पर बैठ गए.

खोरी गांव मामले पर चढूनी ने सीएम से किए तीखे सवाल

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इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जिस तरह से लोगों पर लाठीचार्ज किया गया है वो निंदनीय है. लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई से यहां पर जमीन खरीदी है, लेकिन सरकारी जमीन को बेचने वालों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. खोरी गांव के मकानों को तोड़ने से पहले यहां बने फाइव स्टार होटलों को तोड़ा जाए. चढूनी ने आगे कहा कि यहां रहने वाले लोगों के घरों की बिजली काट दी गई है. पानी का कनेक्शन काट दिया गया है. क्या सरकार कसाई है?

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हरियाणा के मुख्यमंत्री पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद पाकिस्तान से आकर यहां पर बसे हैं. जब बाहर से आया शख्स हरियाणा का मुख्यमंत्री बन सकता है तो फिर बिहार से आगे लोगों को फरीदाबाद में क्यों नहीं बसाया जा सकता है.

बता दें कि कुछ दिनों पहले सीएम ने कहा था कि खोरी गांव (faridabad khori gaon) में रहने वाले ज्यादातर लोग दिल्ली और बाहर के हैं. खोरी गांव के 50 प्रतिशत लोग जहां से आए थे वहां वापस जा चुके हैं. बाकी बचे लोगों में से जो हरियाणा के हैं या फिर यहां काम कर रहे हैं, उनके लिए सरकार री-सेटलमेंट स्कीम लेकर आएगी. इसके लिए उपायुक्त से बात की गई है.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव में तोड़फोड़ ( khori village demolition) की जानी है. करीबन दस हजार मकानों को तोड़ा जाएगा, लेकिन फिलहाल ये कार्रवाई अभीतक शुरू नहीं की गई है. प्रशासन घरों के खाली होने का इंतजार कर रहा है.

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बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां प्रशासन का पीला पंजा चलाया जाएगा.

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