फरीदाबाद: मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal in Faridabad) ने फरीदाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज उनके कार्यकाल के 3000 दिन पूरे हो चुके हैं और लोहड़ी के त्यौहार का मौका भी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग (Grievance Committee Meeting in Faridabad) में कुल 14 शिकायतें आई थी. जिसमें से एक शिकायत वापस ले ली गई और 11 शिकायतों का निपटारा आज ही कर दिया गया है. जबकि दो शिकायतें पेंडिंग छोड़ दी गई है.
ग्रेटर फरीदाबाद में बिल्डरों से संबंधित शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि धीरे-धीरे शिकायतों का समाधान (CM settled complaints in meeting) किया जा रहा है. वहीं जमीन जायदाद के मामलों में हरियाणा में गठित रेरा द्वारा लगातार सुनवाई की जा रही है और इन मामलों को देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्थाएं की जा रही हैं कि बिल्डर को भी परेशानियां ना हो और खरीदारों को भी कोई दिक्कत न आए.
हरियाणा परिवार पहचान पत्र (Haryana Family Identity Card) की त्रुटियों पर उन्होंने कहा कि इसके ऊपर काम किया जा रहा है और लो इनकम वाले लोगों को हरियाणा सरकार की चिरायु योजना के तहत उन्हें 5 लाख का बीमा प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस समय हरियाणा में लगभग 72 लाख ऐसे लोग हैं जिनक आमदन 1 लाख 80 हजार से कम है उनके लिए सरकार संजीदा है.
उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र में लोगों ने सही इनकम का डाटा रीड नहीं करवाया है. इसलिए जांच भी जरूरी है वहीं उन्होंने कहा कि हमने 12 लाख परिवारों को राशन कार्ड वितरित किए हैं. जबकि पहले ऐसे पात्रों की लिमिट 1 लाख 20 हजार थी. जिसे सरकार ने बढ़ाकर एक लाख 80 हजार कर दिया है. सीएम ने कहा कि 9 लाख राशन कार्ड काटे भी गए हैं.
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इनमें से सवा लाख ऐसे भी लोग हैं जो इनकम टैक्स भरते हैं. उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे भी हैं जो सरकारी पेंशन ले रहे हैं. ऐसे में वह पात्र नहीं हो सकते. फिर भी हमने लोगों को 15 दिन का समय दिया है. जिसमें वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनिर्वाचित सरपंचों को अब गांव का विकास करने के लिए पूरी पावर दे दी गई है.
अब विकास के सभी काम डिजिटल होंगे जबकि पूर्व सरपंचों ने खर्च किए गए पैसे का लेखा-जोखा अभी तक जमा नहीं करवाया है. जाहिर है कहीं न कहीं गड़बड़ के चलते ऐसा किया गया है. उन्होंने कहा कि अब सरपंचों को 2 लाख रुपये तक के कामों की छूट दी गई है, जबकि इससे ज्यादा कीमत के काम टेंडर के द्वारा होंगे.