फरीदाबाद: विश्वव्यापी लॉकडाउन के बीच तमाम देशों में ऑनलाइन कक्षाओं और इंटरनेट से पढ़ाई पर जोर है. भारत भी इससे अछूता नहीं है, जहां शैक्षणिक संस्थानों की तालाबंदी के बाद ऑनलाइन शिक्षा की जरूरत महसूस होने लगी.
पिछले 2-3 महीनों से ऑनलाइन शिक्षा जारी है और अब अनलॉक चार शुरू हो चुका है. लेकिन अभी भी गरीब और मजदूर वर्ग के परिवारों में ऑनलाइन शिक्षा महज एक सपना ही है, क्योंकि इन परिवारों में ना तो बच्चों के पास स्मार्ट फोन हैं और ना ही इंटरनेट कनेक्शन.
हरियाणा के फरीदाबाद जिले में ऑनलाइन शिक्षा के साथ-साथ विभाग ने टीवी पर बच्चों को पढ़ाई कराने के लिए एपिसोड प्रसारित करने शुरू किए. विभाग का मानना था कि जिन गरीब घरों के बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, वो टीवी के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे. लेकिन विभाग की ये कोशिश भी नाकामयाब होती दिख रही है, क्योंकि ज्यादातर छात्रों के घर टीवी की सुविधा तक नहीं है.
फरीदाबाद शिक्षा विभाग का दावा है कि जिले के 70 फीसदी छात्रों को ऑनलाइन और टीवी के माध्यम से शिक्षा मुहैया करवाई जा रही है. इस पूरे ऑपरेशन को डील करने वाली अध्यापिका अविनाशा शर्मा कहती हैं कि विभाग की यही कोशिश है कि हर एक छात्र तक किसी भी हालत में शिक्षा पहुंचाई जाए.
इनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी कौन लेगा?
फरीदाबाद शिक्षा विभाग चाहे कितने ही आंकड़े पेश कर दे लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर छात्रों तक शिक्षा नहीं पहुंच रही है, क्योंकि इन गरीब घरों के बच्चों के पास ना तो स्मार्ट फोन है और ना ही घरों में टीवी की सुविधा. तो आखिर में इनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी कौन लेगा?
ये भी पढ़ें- नूंह: कितनी कारगर हरियाणा सरकार की ऑनलाइन शिक्षा देने की योजना ? देखें ये रिपोर्ट