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पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज, कोर्ट के आदेश पर हुआ एक्शन - हरियाणा के पूर्व मंत्री अवतार सिंह भडाना

हरियाणा के पूर्व मंत्री अवतार सिंह भडाना के खिलाफ एक संपत्ति सौदे में कथित तौर पर दो भाइयों से पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में कोर्ट के आदेश के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी

Fraud Case registered against Avtar Singh Bhadana
पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज,
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Published : Nov 29, 2022, 2:22 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा के पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना के खिलाफ एक संपत्ति सौदे में कथित तौर पर दो भाइयों से पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी (Fraud of five crore rupees from two brothers) करने के मामले में कोर्ट के आदेश के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. इस बात की जानकारी पुलिस ने दी है. शिकायतकर्ता जवाहर बंसल ने 22 जून 2021 को पुलिस को एक लिखित शिकायत दी कि अवतार भड़ाना द्वारा उसके भाई कैलाश बंसल से ढाई करोड़ में जमीन का सौदा किया था. इसके एवज में उन्होंने अवतार भड़ाना को एक लाख रुपये नगद और बाकी पेमेंट चेक के द्वारा दे दिया था.

शिकायतकर्ता के अनुसार रजिस्ट्री के वक्त उन्हें पता चला कि जिस जमीन का सौदा अवतार सिंह भड़ाना ने किया है. उस जमीन का पट्टा तो उसके भाई के नाम है. इस पर पीड़ित परिवार ने अवतार भड़ाना को कहा कि जब पट्टा कैंसिल नहीं होगा तब तक रजिस्ट्री नहीं कराएंगे. शिकायत में कहा गया कि इस पर अवतार भड़ाना ने जवाहर के भाई कैलाश से कहा कि जल्द ही इलेक्शन आने वाले हैं जिसके चलते उसे पैसे की जरूरत है. मैं आपसे से वादा करता हूं कि वह अपने भाई से पट्टा कैंसिल करा देगा.

अवतार सिंह भड़ाना की बातों में कैलाश बंसल आ गया. उसने रजिस्ट्री अपने और गौरव के नाम करा ली. इसकी एवज में अवतार भड़ाना को चेक भी दिया गया. उस वक्त अवतार भड़ाना ने सुमित को एक शपथ पत्र भी दिया जिसमें कहा गया कि अपने भाई से पट्टा कैंसिल करवाना मेरी जिम्मेदारी है जिसके बाद ही यह चेक में बैंक में डालूंगा.

शिकायत में कहा गया कि इस दौरान अवतार भड़ाना ने अपने भाई से पट्टा कैंसिल करवाने के एवज में अपने भाई को पैसे देने के नाम पर 50 लाख रुपये कैलाश को विश्वास में लेकर ले लिए लेकिन पैसे लेने के बावजूद भी पट्टा कैंसिल नहीं हुआ. बल्कि उनका एक चेक बैंक में भी डालने के बाद उन्हें एक लीगल नोटिस भेज दिया गया और पैसों की डिमांड की जाने लगी. इस पर जब कैलाश ने अवतार भड़ाना से बात की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया तब जाकर अवतार भड़ाना के खिलाफ मामला दर्ज (Fraud Case registered against Avtar Singh Bhadana) कराया.

पीड़ित की माने तो पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. जवाहर ने अदालत की शरण में जाकर न्याय की गुहार लगाई. इस पर कोर्ट ने सारे मामले को देखते हुए जवाहर बंसल के केस में सुनवाई करते हुए अवतार भड़ाना के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश जारी किए हैं.


वहीं पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना की माने तो जवाहर बंसल और कैलाश बंसल के खिलाफ उन्होंने भी 3 महीने पहले पुलिस में शिकायत दे रखी है. इसके अलावा कोर्ट में भी इन दोनों के खिलाफ अवतार भड़ाना ने धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. भड़ाना का कहना है कि मामले में मेरी जमीन का सौदा किया गया. इसमें मेरे साथ ही फ्रॉड हुआ है. बंसल भाइयों ने मुझे 5 करोड़ के चेक दिए थे जो कि बाउंस हो गए. वह कहते हैं कि उक्त जमीन मेरी मिल्कियत है और मैंने अपनी मिल्कियत का सौदा इनसे किया था. मैंने पुलिस को जवाहर और उसके भाई के खिलाफ शिकायत दी हुई है. इस मामले में 3 महीने में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके बाद मुझे भी मजबूरन कोर्ट जाना पड़ा. वहां पर मेरे मामले का जांच करने वाला पुलिस भी गई थी. उन्होंने रिपोर्ट देने के लिए कोर्ट से कुछ समय मांगा है.

फरीदाबाद: हरियाणा के पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना के खिलाफ एक संपत्ति सौदे में कथित तौर पर दो भाइयों से पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी (Fraud of five crore rupees from two brothers) करने के मामले में कोर्ट के आदेश के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. इस बात की जानकारी पुलिस ने दी है. शिकायतकर्ता जवाहर बंसल ने 22 जून 2021 को पुलिस को एक लिखित शिकायत दी कि अवतार भड़ाना द्वारा उसके भाई कैलाश बंसल से ढाई करोड़ में जमीन का सौदा किया था. इसके एवज में उन्होंने अवतार भड़ाना को एक लाख रुपये नगद और बाकी पेमेंट चेक के द्वारा दे दिया था.

शिकायतकर्ता के अनुसार रजिस्ट्री के वक्त उन्हें पता चला कि जिस जमीन का सौदा अवतार सिंह भड़ाना ने किया है. उस जमीन का पट्टा तो उसके भाई के नाम है. इस पर पीड़ित परिवार ने अवतार भड़ाना को कहा कि जब पट्टा कैंसिल नहीं होगा तब तक रजिस्ट्री नहीं कराएंगे. शिकायत में कहा गया कि इस पर अवतार भड़ाना ने जवाहर के भाई कैलाश से कहा कि जल्द ही इलेक्शन आने वाले हैं जिसके चलते उसे पैसे की जरूरत है. मैं आपसे से वादा करता हूं कि वह अपने भाई से पट्टा कैंसिल करा देगा.

अवतार सिंह भड़ाना की बातों में कैलाश बंसल आ गया. उसने रजिस्ट्री अपने और गौरव के नाम करा ली. इसकी एवज में अवतार भड़ाना को चेक भी दिया गया. उस वक्त अवतार भड़ाना ने सुमित को एक शपथ पत्र भी दिया जिसमें कहा गया कि अपने भाई से पट्टा कैंसिल करवाना मेरी जिम्मेदारी है जिसके बाद ही यह चेक में बैंक में डालूंगा.

शिकायत में कहा गया कि इस दौरान अवतार भड़ाना ने अपने भाई से पट्टा कैंसिल करवाने के एवज में अपने भाई को पैसे देने के नाम पर 50 लाख रुपये कैलाश को विश्वास में लेकर ले लिए लेकिन पैसे लेने के बावजूद भी पट्टा कैंसिल नहीं हुआ. बल्कि उनका एक चेक बैंक में भी डालने के बाद उन्हें एक लीगल नोटिस भेज दिया गया और पैसों की डिमांड की जाने लगी. इस पर जब कैलाश ने अवतार भड़ाना से बात की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया तब जाकर अवतार भड़ाना के खिलाफ मामला दर्ज (Fraud Case registered against Avtar Singh Bhadana) कराया.

पीड़ित की माने तो पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. जवाहर ने अदालत की शरण में जाकर न्याय की गुहार लगाई. इस पर कोर्ट ने सारे मामले को देखते हुए जवाहर बंसल के केस में सुनवाई करते हुए अवतार भड़ाना के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश जारी किए हैं.


वहीं पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना की माने तो जवाहर बंसल और कैलाश बंसल के खिलाफ उन्होंने भी 3 महीने पहले पुलिस में शिकायत दे रखी है. इसके अलावा कोर्ट में भी इन दोनों के खिलाफ अवतार भड़ाना ने धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. भड़ाना का कहना है कि मामले में मेरी जमीन का सौदा किया गया. इसमें मेरे साथ ही फ्रॉड हुआ है. बंसल भाइयों ने मुझे 5 करोड़ के चेक दिए थे जो कि बाउंस हो गए. वह कहते हैं कि उक्त जमीन मेरी मिल्कियत है और मैंने अपनी मिल्कियत का सौदा इनसे किया था. मैंने पुलिस को जवाहर और उसके भाई के खिलाफ शिकायत दी हुई है. इस मामले में 3 महीने में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके बाद मुझे भी मजबूरन कोर्ट जाना पड़ा. वहां पर मेरे मामले का जांच करने वाला पुलिस भी गई थी. उन्होंने रिपोर्ट देने के लिए कोर्ट से कुछ समय मांगा है.

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