फरीदाबाद: परंपरागत खेती से पिता को हो रहे नुकसान को देखकर किसान प्रहलाद ने अपनी पुस्तैनी जमीन में पॉलीहाउस (शेड नेट) बनाकर हॉर्टिकल्चर विधि से सब्जी एवं फलों की जैविक खेती करने का मन बनाया और आज एक एकड़ से करीब ढाई से तीन लाख रुपये कमा रहे हैं.
प्रहलाद ने बताया कि उनके पास पांच एकड़ जमीन है. अपनी इस जमीन पर वह अपने पिताजी के साथ काम करते थे तो उनके पिताजी ट्रेडिशनल खेती ही किया करते थे. इनमें गेहूं, धान की फसल होती थी. इस परंपरागत खेती से हमारे पूरे परिवार का ढंग से गुजारा भी नहीं हो पाता था. अक्सर पूरे सीजन का खर्चा भी निकालना भारी हो जाता था. इसके बाद उनका रूझान हॉर्टिकल्चर खेती की ओर गया. उन्होंने 2015 से हॉर्टिकल्चर खेती करनी शुरू की.
प्रहलाद ने बताया कि उन्होंने ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को इस्तेमाल किया. इसके जरिए 15 से 20 हजार लीटर पानी 1 एकड़ की खेती में दिया जा सकता है. अगर वह असल में आम तरीके से पानी देते हैं तो उसमें 7 से 8 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल करना पड़ता है. इससे पानी की बर्बादी भी ज्यादा होती है. इसके अलावा फसलों की कटाई पर भी असर पड़ता है. कई बार तो फसल भी गलने लगती है साथ ही अन्य प्रकार की कई बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं.
प्रह्लाद ने बताया कि ड्रिप इरिगेशन के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से अस्सी प्रतिशत की छूट मिलती है. वहीं नेट हाउस पर 60 पर्सेंट और पॉलीहाउस पर 65 प्रतिशत की छूट मिलती है. उन्होंने बताया कि हॉर्टिकल्चर में वह सब्जियों की फसल उगाने में ज्यादा काम करते हैं. लौकी उनकी पसंदीदा फसल है जिसकी वह साल में दो बार फसल ले लेते हैं. इसके अलावा तोरई, करेला की फसल शामिल है.
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