फरीदाबाद: 3 फरवरी 2022 के दिन हरियाणा के युवाओं को दो बुरी खबर मिली. जिससे की उनके भविष्य कई सवालों में उलझ सा गया है. दरअसल 3 फरवरी 2022 को जारी CMIE (Centre for Monitoring Indian Economy) की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी दर (Unemployment rate in Haryana) 23.4 प्रतिशत हो चुकी है. ये बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा है. औद्योगिक हब कहा जाने वाला हरियाणा पूरे देश में इस वक्त सबसे ज्यादा बेरोजगारी की मार झेल रहा है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर है.
अब दूसरा घटनाक्रम, 3 फरवरी 2022 को ही पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने निजी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण कानून पर रोक लगा दी. हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी दर के बीच हाईकोर्ट का ये फैसला हरियाणा के युवाओं के भविष्य पर पहाड़ सा बनकर टूट पड़ा है. एक तरफ विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो रहा है तो दूसरी तरफ प्रदेश के युवा हाईकोर्ट के इस फैसले से खफा नजर आ रहे हैं. फरीदाबाद के युवाओं से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जताई.
युवाओं ने कहा कि निजी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण कानून लागू होने के बाद उन्हें उम्मीद जगी थी कि अब नौकरी के लिए उन्हें बाहर नहीं भटकना पड़ेगा. हरियाणा में ही युवाओं को रोजगार मिलेगा, लेकिन हाईकोर्ट के इस फैसले से युवाओं के अरमानों पर पानी सा फिर गया है. निजी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण कानून पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की रोक से युवाओं को निराशा हाथ लगी है. युवाओं के मुताबिक शायद हरियाणा सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में अच्छे से पैरवी नहीं की गई. जिसके चलते सरकार के इस आदेश पर रोक लग गई है.
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हरियाणा के युवाओं ने कहा कि सरकार ने निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं की नौकरी को लेकर 75% आरक्षण का जो कानून लागू किया था, उसके बाद उन्हें ऐसा लगा कि अब उन्हें रोजगार के लिए घर से दूर नहीं भटकना पड़ेगा. वो अपने क्षेत्र में रहकर ही रोजगार पा सकेंगे, लेकिन पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की इस कानून पर रोक के बाद उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. युवाओं ने कहा कि अपने घर में ही उनको निजी क्षेत्र में नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. इससे बेरोजगारी बढ़ रही है. कहने को हरियाणा को उद्यौगिक नगर कहा जाता है. इसके बाद भी देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा में ही है.
स्किल डेवलपमेंट के सवाल पर युवाओं ने कहा कि अगर यहां के युवाओं में स्किल डेवलपमेंट की कमी है, तो ये सरकार का दायित्व बनता है कि कॉलेज और स्कूलों में स्किल डेवलपमेंट पर काम किया जाए. ये ये कहां तक जायज है कि उनका हक छीनकर किसी और को दिया जा रहा है. युवाओं ने कहा कि कंपनियों में ये धारना बन चुकी है कि लोकल युवा के पास अच्छी स्किल नहीं है. लोकल युवाओं के आने से कंपनी का माहौल खराब होगा. जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. आज हरियाणा में पढ़े लिखे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं.
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अगर ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले दिनों में बेरोजगारी दर और ज्यादा बढ़ जाएगी. जो हरियाणा और युवाओं के भविष्य के लिए सही नहीं होगा. युवाओं ने कहा कि जब हम दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए जाते हैं तो वहां बहुत सी समस्याओं का समना करना पड़ता है. जैसे किसी से जान-पहचान नहीं होने के चलते रहने की समस्या. खाने-पीने की समस्या आदी. अगर हम यहीं रहकर नौकरी करेंगे तो खुद का और घर वालों का विकास अच्छे से हो सकेगा.
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