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फरीदाबाद में ओयो होटल से वसूला जाएगा टैक्स, नगर निगम ने की तैयारी

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Published : Aug 16, 2021, 8:16 PM IST

फरीदाबाद नगर निगम अब शहर में चल रहे दो हजार से अधिक ओयो होटल (oyo hotel tax faridabad) और गेस्ट हाउस से टैक्स वसूलेगा. नगर निगम लगातार घाटे के दौर से गुजर रहा है इसलिए अब ओयो होटल और गेस्ट हाउस पर निगम की शिकंजा कसने की तैयारी है.

faridabad oyo hotels tax
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फरीदाबाद: नगर निगम (faridabad nagar nigam) लगातार घाटे के दौर से गुजर रहा है. आलम ये है कि नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन तक देने के लिए पर्याप्त धन नहीं है. ऐसे में नगर निगम ने टैक्स वसूली को बढ़ाने के लिए प्लानिंग की है और अब शहर में खुले ओयो होटलों (oyo hotel tax faridabad) को नगर निगम को टैक्स देना पड़ेगा. इसके लिए नगर निगम सीमा क्षेत्र में चल रहे इन होटल और गेस्ट हाउस को टैक्स की श्रेणी में लाने की तैयारी नगर निगम फरीदाबाद ने कर ली है क्योंकि कमर्शियल गतिविधियां करने वाले होटल और गेस्ट हाउस अभी तक नगर निगम को किसी प्रकार का टैक्स नहीं दे रहे हैं.

एक अनुमान के मुताबिक पूरे शहर में करीब दो हजार से अधिक ओयो होटल और गेस्ट हाउस चल रहे हैं. काेई ऐसा इलाका नहीं बचा है जहां ओयो होटल न खुले हों. चूंकि नगर निगम आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है, और हालात इतने खराब हैं कि कर्मचारियों के वेतन तक के लाले पड़ रहे हैं. ऐसे में निगम अब इनकम बढ़ाने पर जोर दे रहा है. निगम अधिकारियों का कहना है कि सभी ओयो होटल और गेस्ट हाउस का सर्वे कराया जाएगा और उनसे टैक्स वसूला जाएगा.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद पुलिस ने कैट नाम से नई अपराध शाखा का किया गठन, ये नई जिम्मेदारी सौंपी

निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने पिछले दिनों अधिकारियों के साथ बैठक कर आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया था. नगर निगम अधिकारी आशीष सिंगला का कहना है कि कर्मचारियों की टीम बनाकर अलग-अलग इलाके में चल रहे ओयो और गेस्ट हाउस का सर्वे कराया जाएगा. ताकि इनकी संख्या की जानकारी मिल सके. अभी निगम के पास कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. औद्योगिक नगरी में ओयो होटल की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसका फायदा नगर निगम को नहीं मिल रहा है जबकि वह सुविधाओं का फायदा ले रहे हैं.

उन्होंने बताया कि जोन वाइज कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर सर्वे कराया जाएगा. सर्वे में इस बात को देखा जाएगा कि वहां कितने कमरे हैं और उनकी आमदनी कितनी है. उसी आधार पर उन सभी का पंजीकरण कर उनसे टैक्स वसूला जाएगा. निगम सूत्रों की मानें तो टैक्स वसूली करने वाले विभागों ने तीन महीने में करीब 225 करोड़ रुपये तक टैक्स वसूल करने का टारगेट रखा था, लेकिन वसूल कर पाए महज 20 करोड़ रुपये. जबकि हर माह निगम को अपने कर्मचारियों का वेतन और पेंशन देने के लिए ही 25 से 27 करोड़ रुपये की जरूरत होती है. हाल ये है कि शहर में होने वाले विकास कार्य और वेतन देने के लिए भी सरकार को ग्रांट देना पड़ रहा है. इसलिए अब ओयो होटल और गेस्ट हाउस पर निगम की शिकंजा कसने की तैयारी है.

ये भी पढ़ें- OLX के जरिए लूटपाट करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार, ऐसे बनाते थे लोगों को शिकार

फरीदाबाद: नगर निगम (faridabad nagar nigam) लगातार घाटे के दौर से गुजर रहा है. आलम ये है कि नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन तक देने के लिए पर्याप्त धन नहीं है. ऐसे में नगर निगम ने टैक्स वसूली को बढ़ाने के लिए प्लानिंग की है और अब शहर में खुले ओयो होटलों (oyo hotel tax faridabad) को नगर निगम को टैक्स देना पड़ेगा. इसके लिए नगर निगम सीमा क्षेत्र में चल रहे इन होटल और गेस्ट हाउस को टैक्स की श्रेणी में लाने की तैयारी नगर निगम फरीदाबाद ने कर ली है क्योंकि कमर्शियल गतिविधियां करने वाले होटल और गेस्ट हाउस अभी तक नगर निगम को किसी प्रकार का टैक्स नहीं दे रहे हैं.

एक अनुमान के मुताबिक पूरे शहर में करीब दो हजार से अधिक ओयो होटल और गेस्ट हाउस चल रहे हैं. काेई ऐसा इलाका नहीं बचा है जहां ओयो होटल न खुले हों. चूंकि नगर निगम आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है, और हालात इतने खराब हैं कि कर्मचारियों के वेतन तक के लाले पड़ रहे हैं. ऐसे में निगम अब इनकम बढ़ाने पर जोर दे रहा है. निगम अधिकारियों का कहना है कि सभी ओयो होटल और गेस्ट हाउस का सर्वे कराया जाएगा और उनसे टैक्स वसूला जाएगा.

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निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने पिछले दिनों अधिकारियों के साथ बैठक कर आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया था. नगर निगम अधिकारी आशीष सिंगला का कहना है कि कर्मचारियों की टीम बनाकर अलग-अलग इलाके में चल रहे ओयो और गेस्ट हाउस का सर्वे कराया जाएगा. ताकि इनकी संख्या की जानकारी मिल सके. अभी निगम के पास कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. औद्योगिक नगरी में ओयो होटल की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसका फायदा नगर निगम को नहीं मिल रहा है जबकि वह सुविधाओं का फायदा ले रहे हैं.

उन्होंने बताया कि जोन वाइज कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर सर्वे कराया जाएगा. सर्वे में इस बात को देखा जाएगा कि वहां कितने कमरे हैं और उनकी आमदनी कितनी है. उसी आधार पर उन सभी का पंजीकरण कर उनसे टैक्स वसूला जाएगा. निगम सूत्रों की मानें तो टैक्स वसूली करने वाले विभागों ने तीन महीने में करीब 225 करोड़ रुपये तक टैक्स वसूल करने का टारगेट रखा था, लेकिन वसूल कर पाए महज 20 करोड़ रुपये. जबकि हर माह निगम को अपने कर्मचारियों का वेतन और पेंशन देने के लिए ही 25 से 27 करोड़ रुपये की जरूरत होती है. हाल ये है कि शहर में होने वाले विकास कार्य और वेतन देने के लिए भी सरकार को ग्रांट देना पड़ रहा है. इसलिए अब ओयो होटल और गेस्ट हाउस पर निगम की शिकंजा कसने की तैयारी है.

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