फरीदाबाद: नगर निगम फरीदाबाद का ऑडिटोरियम पूरी तरह से जर्जर हालत में है, लगभग 39 साल पहले बने इस ऑडिटोरियम को 2018 में ही कंडम घोषित किया जा चुका है. ऑडिटोरियम की जर्जर स्थिति देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि यह बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है. क्योंकि बिल्डिंग में जगह-जगह से प्लास्टर उखड़ गया है और छत में लगे लोहे के सरिए जंग से कमजोर हो गए हैं. ऑडिटोरियम के अंदर का हिस्सा पूरी तरह से जर्जर हो गया है तो वहीं बाहर से भी बिल्डिंग में दरारें आ गई हैं और यही वजह है कि बिल्डिंग को 2018 में कंडम घोषित किया गया था.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कंडम घोषित इस बिल्डिंग में अभी भी नगर निगम के कर्मचारी बैठते हैं, वहीं ऑडिटोरियम में नगर निगम का सेनेटरी डिपार्टमेंट और व्हीकल डिपार्टमेंट है. यहां कर्मचारियों को जर्जर ऑडिटोरियम में बैठकर काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है. इनके अलावा स्वच्छ भारत मिशन का भी दफ्तर भी इसी ऑडिटोरियम में है. लगभग 3 से 4 डिपार्टमेंट का कार्य इसी जर्जर हुए ऑडिटोरियम में चल रहे हैं.
इन डिपार्टमेंट में करीब 10 कर्मचारी काम करते हैं, जिन्हें हर वक्त अपनी जान का खतरा बना रहता है. हाल ही में आए भूकंप के झटके में यह बिल्डिंग कब गिर जाए, किसी को नहीं पता लेकिन डर के साए में कर्मचारी काम करने को मजबूर हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में सफाई दरोगा रविंद्र ने बताया यह बिल्डिंग कंडम घोषित हो चुकी है. कर्मचारियों के पास बैठने की जगह नहीं है. इसलिए कर्मचारी यहां बैठकर काम करते हैं.
वहीं व्हीकल डिपार्टमेंट में कार्यरत ड्राइवर नरेंद्र बताते हैं कि 3-4 डिपार्टमेंट इस बिल्डिंग में मौजूद है, हमारी नई बिल्डिंग बन रही है. यहां के विभागों को जल्द ही उसमें शिफ्ट कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां काम करने के दौरान हादसे का अंदेशा तो हमेशा ही बना ही रहता है. लेकिन क्या करें कहीं ओर बैठने की जगह नहीं है तो हम इस बिल्डिंग में बैठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम तो छोटे कर्मचारी हैं अधिकारी को इस बारे में कैसे बताएं.
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हालांकि सभी अधिकारियों को इस बिल्डिंग के कंडम घोषित होने की जानकारी है. आपको बता दें कि इस बिल्डिंग में तीन-चार डिपार्टमेंट के कर्मचारी काम कर रहे हैं. वहीं नगर निगम फरीदाबाद की पुरानी फाइलें भी इसी बिल्डिंग में रखी गई है. गौरतलब है कि 2018 से पहले इस बिल्डिंग में नगर निगम के कई दफ्तर थे. इस ऑडिटोरियम में पहले कई कार्यक्रम हो चुके हैं लेकिन कंडम घोषित होने के बाद कार्यक्रम पर तो रोक लगा दी गई लेकिन तीन-चार डिपार्टमेंट अभी भी इस जर्जर हुई इमारत में चल रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यदि कोई बड़ा हादसा होता है और किसी भी कर्मचारी के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.