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जानें कोरोना वायरस से निपटने के लिए फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग कितना है तैयार?

कोरोना वायरस को लेकर फरीदाबाद के अतिरिक्त सिविल सर्जन से बातचीत की. उन्होंने इस बातचीत में हमें बताया कि किस तरह से हरियाणा स्वास्थ्य विभाग पूरे कोरोना के इस ऑपरेशन को ऑपरेट कर रहा है. विस्तार से पढे़ं-

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Published : Mar 23, 2020, 2:18 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 2:34 PM IST

faridabad is ready to fight against corona virus said acs ram bhagat
फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग कितना है तैयार?

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना वायरस के चलते 17 जिलों को लॉकडाउन कर दिया है. हरियाणा स्वास्थ्य विभाग इस वायरस से टक्कर लेने के लिए पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. ईटीवी भारत हरियाणा ने हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के बारे में फरीदाबाद बादशाह खान अस्पताल के अतिरिक्त सिविल सर्जन डॉक्टर राम भगत से खास बातचीत की.

विभाग की पुख्ता तैयारी है: एसीएस

डॉक्टर राम भगत का कहना है कि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा की सभी सरकारी अस्पतालों में जुखाम और खांसी सहित बुखार के मरीजों को देखने के लिए अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई है, क्योंकि कोरोना वायरस की प्राथमिक लक्षण भी जुखाम और खांसी होते हैं इसीलिए भारी संख्या में लोग अस्पताल में अपने जांच कराने के लिए आते हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच हो सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के द्वारा हर सरकारी अस्पताल में इसकी व्यवस्था की गई है.

कोरोना वायरस के निपटने के लिए फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग कितना है तैयार?

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की जांच के लिए हम उन लोगों को चुन रहे हैं जो लोग दूसरे देशों से यात्रा करके वापस भारत आए हैं या फिर कोई भी वह शख्स जो कोरोना से संक्रमित मरीज के टच में रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से जारी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी गाइडलाइंस को देखते हुए कोरोना वायरस की जांच की जा रही है.

ऐसे होती है जांच और भेजा जाता है सैंपल

डॉ. जयराम बताते है कि अगर कोई मरीज संक्रमित पाया जाता है तो उसको जांचने की जिम्मेदारी हस्पताल के फिजीशियन करते हैं. अस्पताल के फिजीशियन यह तय करते हैं कि किस व्यक्ति का सैंपल लेना है. उन्होंने कहा कि सैंपल लेने के बाद सभी के सैंपल एनसीडीसी लैब दिल्ली भेजे जाते हैं और 1 सैंपल की रिपोर्ट आने में लगभग 24 घंटे का समय लगता है. जिस भी व्यक्ति का सैंपल कोरोना वायरस की जांच के लिए भेजा जाता है जब तक सैंपल की रिपोर्ट नहीं आती है. तब तक वह उस व्यक्ति से संपर्क में रहते हैं और उस व्यक्ति को घर के अंदर मास्क लगाकर और तमाम सावधानियां बरतनी के लिए कहा जाता है. हेल्थ वर्कर भी लगातार उस शख्स के संपर्क में रहते हैं.

डॉ. जय भगवान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हर जिला में अलग-अलग संख्या में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए गए हैं. अगर कोई मरीज सामने आता है तो उसका इलाज आइसोलेशन वॉर्ड में किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर की सुरक्षा को भी स्वास्थ्य विभाग ने ध्यान में रखा है और सभी आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों को पीपीपी किट उपलब्ध कराई गई है. इस किट में डॉक्टरों की सुरक्षा के तमाम बंदोबस्त शामिल हैं.

कोरोना वायरस से निपटने के लिए हर जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट प्लान बनाया गया है और इस प्लान में पुलिस से लेकर तमाम विभाग शामिल हैं जो किसी भी आपातकाल में इस कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयार है.

ये भी पढ़ें- #JantaCurfew के दौरान की हरियाणा की बड़ी तस्वीरें

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना वायरस के चलते 17 जिलों को लॉकडाउन कर दिया है. हरियाणा स्वास्थ्य विभाग इस वायरस से टक्कर लेने के लिए पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. ईटीवी भारत हरियाणा ने हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के बारे में फरीदाबाद बादशाह खान अस्पताल के अतिरिक्त सिविल सर्जन डॉक्टर राम भगत से खास बातचीत की.

विभाग की पुख्ता तैयारी है: एसीएस

डॉक्टर राम भगत का कहना है कि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा की सभी सरकारी अस्पतालों में जुखाम और खांसी सहित बुखार के मरीजों को देखने के लिए अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई है, क्योंकि कोरोना वायरस की प्राथमिक लक्षण भी जुखाम और खांसी होते हैं इसीलिए भारी संख्या में लोग अस्पताल में अपने जांच कराने के लिए आते हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच हो सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के द्वारा हर सरकारी अस्पताल में इसकी व्यवस्था की गई है.

कोरोना वायरस के निपटने के लिए फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग कितना है तैयार?

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की जांच के लिए हम उन लोगों को चुन रहे हैं जो लोग दूसरे देशों से यात्रा करके वापस भारत आए हैं या फिर कोई भी वह शख्स जो कोरोना से संक्रमित मरीज के टच में रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से जारी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी गाइडलाइंस को देखते हुए कोरोना वायरस की जांच की जा रही है.

ऐसे होती है जांच और भेजा जाता है सैंपल

डॉ. जयराम बताते है कि अगर कोई मरीज संक्रमित पाया जाता है तो उसको जांचने की जिम्मेदारी हस्पताल के फिजीशियन करते हैं. अस्पताल के फिजीशियन यह तय करते हैं कि किस व्यक्ति का सैंपल लेना है. उन्होंने कहा कि सैंपल लेने के बाद सभी के सैंपल एनसीडीसी लैब दिल्ली भेजे जाते हैं और 1 सैंपल की रिपोर्ट आने में लगभग 24 घंटे का समय लगता है. जिस भी व्यक्ति का सैंपल कोरोना वायरस की जांच के लिए भेजा जाता है जब तक सैंपल की रिपोर्ट नहीं आती है. तब तक वह उस व्यक्ति से संपर्क में रहते हैं और उस व्यक्ति को घर के अंदर मास्क लगाकर और तमाम सावधानियां बरतनी के लिए कहा जाता है. हेल्थ वर्कर भी लगातार उस शख्स के संपर्क में रहते हैं.

डॉ. जय भगवान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हर जिला में अलग-अलग संख्या में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए गए हैं. अगर कोई मरीज सामने आता है तो उसका इलाज आइसोलेशन वॉर्ड में किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर की सुरक्षा को भी स्वास्थ्य विभाग ने ध्यान में रखा है और सभी आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों को पीपीपी किट उपलब्ध कराई गई है. इस किट में डॉक्टरों की सुरक्षा के तमाम बंदोबस्त शामिल हैं.

कोरोना वायरस से निपटने के लिए हर जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट प्लान बनाया गया है और इस प्लान में पुलिस से लेकर तमाम विभाग शामिल हैं जो किसी भी आपातकाल में इस कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयार है.

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Last Updated : Mar 23, 2020, 2:34 PM IST
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