फरीदाबाद: नगर निगम फरीदाबाद घोटालों और लापरवाही के लिए मशहूर है. फरीदाबाद नगर निगम को जनता के हितों से कोई मतलब नहीं है, यही वजह है कि आए दिन शहरवासी अपनी समस्याओं को लेकर नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं. नगर निगम के ऑफिस के सामने अपना रोष व्यक्त करते हैं. इसके बावजूद निगम अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है. नगर निगम अधिकारी अपनी मनमानी करते हैं. जनता का काम हो या ना हो, नगर निगम अधिकारी सिर्फ अपने फायदे की सोचते हैं. नगर निगम अधिकारियों का एक और कारनाम सामने आया है, जिसमें निगम को सीएसआर के तहत मिले 50 में से 25 ट्रैक्टर ट्रॉली के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बड़ा सवाल यह है कि दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉली निगम के पास नहीं हैं, तो कहां हैं ?
नगर निगम को कई कंपनियों ने सीएसआर फंड के तहत 50 ट्रैक्टर ट्रॉली सौंपे थे. जिसमें से 25 ट्रैक्टर ट्रॉली को नगर निगम ने इकोग्रीन प्राइवेट कंपनी को रेंट पर दे दिया था. जब ईटीवी भारत ने यह खबर प्रमुखता से दिखाई, तो इकोग्रीन ने अपने 25 ट्रैक्टरों को रेंट के साथ नगर निगम को वापस कर दिया. लेकिन 50 ट्रैक्टरों में से सिर्फ 25 ट्रैक्टर इकोग्रीन के पास थे. ऐसे में 25 ट्रैक्टर अभी भी कहां है? किसी को नहीं पता है. नगर निगम अधिकारियों को यह भी नहीं पता कि उनके 25 ट्रैक्टर ट्रॉली कहां गए ?
यही वजह है कि इन दिनों नगर निगम विवादों में घिरा हुआ है. सीएसआर के तहत दिए ट्रैक्टर ट्रॉली को इकोग्रीन कंपनी को सौंपने की खबर पर नगर निगम की तरफ से बयान आया था. निगम ने कहा कि उन्होंने इको ग्रीन कंपनी को रेंट पर दिए हैं. जिसके बाद किराये के साथ इकोग्रीन ने 25 ट्रैक्टर ट्रॉली नगर निगम को सौंप दिए लेकिन 25 ट्रैक्टर ट्रॉली कहां है ? इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है.
पढ़ें: ऐसा पहली बार...फरीदाबाद नगर निगम बांट रहा टेंडर, ठेका लेने को तैयार नहीं ठेकेदार
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि सीएसआर के तहत 50 ट्रैक्टर ट्रॉली उन्हें मिले थे. इनमें से 25 उन्होंने इको ग्रीन कंपनी को दिए थे, जो कि उन्होंने वापस कर दिए हैं. बाकी कहां हैं, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. संयुक्त आयुक्त डॉ. गौरव अंतिल ने इस मामले पर कहा, 'स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए हमने इकोग्रीन कंपनी को 25 ट्रैक्टर दिए थे, लेकिन किराए के साथ हमने उनसे वापस ले लिए हैं. बाकी ट्रैक्टर ट्रॉली कहां हैं ? इस बारे में जांच की जार ही है.