फरीदाबाद: कोरोना ने आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े बिजनेसमैन की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है, और अभी भी बहुत सारे सेक्टर मन्दी की चपेट से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. हर इंसान का सपना अपना घर बनाने का होता है और महंगाई की मार ने उसके इस सपने को और भी ज्यादा महंगा कर दिया है. बात करते हैं मंदी की मार झेल रहे मकान निर्माण (corona effect on housing sector) की सामग्री बेचने वाले विक्रेताओं की.
मकान सामग्री के दामों में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उनकी बिक्री में कमी आ गयी है. फरीदाबाद के व्यापारी सुमित तनेजा ने बताया कि कोविड के बाद उनका धंधा 50 प्रतिशत ही रह गया है, लेकिन महंगाई की मार ने उस धंधे को भी 50 से नीचे 30 प्रतिशत पर ला दिया है. हाल ही में लोहे से बने सामान जैसे गाटर, सरिया आदि पर 10 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. जो लोहा पहले 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से था अब उसका रेट बढ़ाकर 65 रुपए प्रति किलो कर दिया गया है. इसके सीधा असर लोहा और उससे बने सामानों की बिक्री पर पड़ा है.
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वहीं मकान निर्माण की अन्य सामग्री का भी यही हाल है. फरीदाबाद के सीमेंट के व्यापारी राघव ने बताया कि पत्थरी के भाव पर करीब 4 रुपए की प्रति स्क्वायर फीट की बढ़ोतरी हुई है. सीमेंट पर करीब 100 से लेकर 120 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. जो 50 किलो सीमेंट का कट्टा पहले 310 रुपए का था अब वह 430 रुपए तक दिया जा रहा है. इन दामों के बढ़ने का असर सीधे तौर पर बिक्री पर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि पहले ही कोरोना की मार से अभी तक नहीं उभरे हैं और अब रही सही कसर महंगाई पूरी कर रही है.
कोरोना की मार और महंगे होते सामान को लेकर स्थानीय निवासी उपकार चौहान ने कहा कि निर्माण सामग्री की बड़े मूल्यों का असर हमारे ऊपर भी पड़ रहा है. आम आदमी का घर बनाने का सपना पहले से काफी महंगा हो चुका है और आम आदमी घर बनाने से झिझक रहा है. निर्माण सामग्री के लगातार बढ़ते दाम से आम आदमी की जेब पर बोझ पड़ रहा है. पहले ही कोरोना की मार पड़ चुकी है और अब महंगाई. ऐसे में एक आम इंसान किस तरह से अपना घर बनाए. ऐसे में अब सरकार से महंगाई को कम करने की आस ही लगा सकते हैं बस.
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