फरीदाबाद: शहर में बच्चों से भिक्षावृत्ति (child beggars) और बाल मजदूरी (child labour) उनका बचपन और भविष्य दोनों छीन रही है. प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगते हुए और बाल मजदूरी करते हुए बच्चे दिखाई दे जाते हैं. शहर में अब तक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल (Anti Human Trafficking Cell) के द्वारा भिक्षावृत्ति कर रहे 30 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. वहीं 90 ऐसे बच्चों को रेस्क्यू किया गया है जिनसे बाल मजदूरी कराई जा रही थी. ज्यादातर मामलों में परिवार की गरीबी के चलते बच्चे ये सब करने को मजबूर हो रहे हैं.
पिछले 6 महीनों में इस सेल के द्वारा कुछ ऐसे बच्चों को भी भीख मांगते हुए रेस्क्यू किया गया है. जिनको बहला-फुसलाकर भीख मंगवाई जा रही थी. एक नशे के आदी व्यक्ति के द्वारा बच्चों को चॉकलेट इत्यादि का लालच देकर ट्रैफिक सिग्नल पर भेजा जाता था. तो वहीं वो व्यक्ति पास में ही चौक पर खड़ा होकर बच्चों पर नजर रखता था. फिर शाम को उनसे मिलने वाले पैसों को अपने पास रख लेता और बच्चों को बहला-फुसलाकर घर भेज देता. जैसे ही इस बात की सूचना मानव तस्करी सेल को मिली तो उन्होंने बच्चों का रेस्क्यू किया लेकिन आरोपी अभी भी गिरफ्त से बाहर है.
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वहीं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के चेयर पर्सन श्रीपाल करहाना ने बताया कि फरीदाबाद में बाल मजदूरी के मामले सामने आ रहे हैं. जिसको लेकर कमेटी के द्वारा बाल मजदूरों को मुक्त कराने का काम नहीं किया जा रहा है. बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमिटी एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रही है. उन्होंने बताया कि पिछले 6 महीने में 90 ऐसे बाल मजदूरों को मानव तस्करी सेल के द्वारा रेस्क्यू किया गया है. जिनसे होटलों और ढाबों पर मजदूरी कराई जा रही थी. श्रीपाल करहाना ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर आपके सामने कोई बच्चा भीख मांग रहा है या फिर बाल मजदूरी कर रहा है तो 1098 पर फोन करके इसकी सूचना दी जा सकती है.