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फरीदाबाद में खतरनाक स्तर तक बढ़ा प्रदूषण, सांस लेना भी हुआ मुश्किल

फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता रहा है. शुक्रवार को जिले का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 416 दर्ज किया गया. स्थानीय लोग प्रशासन से प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.

air pollution level increased in faridabad
फरीदाबाद की हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल, खतरनाक स्तर तक बढ़ा प्रदूषण
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Published : Nov 13, 2020, 5:57 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 6:06 PM IST

फरीदाबाद: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. फरीदाबाद में लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो चुका है. और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब दिल्ली से सटे शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना दुश्वार हो रहा हो, यहां पिछले कई सालों से ये ही हालात है और हर साल सरकार की लाख की कोशिशों के बावजूद प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है.

फरीदाबाद के रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके इलाके काफी जगहों पर कबाड़ के गोदाम है जहां गैस कटर से वाहनों को काटा जाता है. लोगों का कहना है कि प्रशासन को कूड़ा जलाने वालों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके.

फरीदाबाद की हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल, खतरनाक स्तर तक बढ़ा प्रदूषण

कुछ लोगों का मानना है कि प्रशासन के साथ-साथ खुद उन्हें भी बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए. लोग अगर कूड़े को जलाने बंद कर दें तो काफी हद तक प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है. फरीदाबाद की जनता जिला प्रशासन को भी कोसना का एक भी मौका नहीं छोड़ रही. लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी प्रदूषण को रोकने के लिए सिर्फ दावे ही करते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा.

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का भी असर नहीं

वहीं प्रदूषण को देखते हुए 15 अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू हो चुका है. इसके चलते प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर पाबंदी लगाई जा चुकी है, लेकिन इसका खासा असर दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं फरीदाबाद जिला उपायुक्त यशपाल यादव का कहना है कि पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और जल्द ही हम बढ़ते प्रदूषण पर काबू पा लेंगे.

ये भी पढ़िए: अब पटाखे अंबाला में भी बैन, छोटी दिवाली पर डीसी ने जारी किए आदेश

कूड़ा या कबाड़ के गोदाम ही प्रदूषण का कारण नहीं है, शहर में टूटी सड़कें भी हवा में जहर घोल रहीं है. फरीदाबाद का बाटा रोड हो या वाईएमसीए चौक, बड़खल रोड या नीलम पूल. हर तरफ बस धुआं ही धुआं है. शुक्रवार फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी एयर बुलेटिन के अनुसार जिले का एक्यूआई 416 दर्ज किया गया था. अब अगर जहरीली हवा से निजात पानी है तो प्रशासन के साथ-साथ आम जनता को भी कुछ ठोस कदम उठाने होंगे.

फरीदाबाद: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. फरीदाबाद में लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो चुका है. और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब दिल्ली से सटे शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना दुश्वार हो रहा हो, यहां पिछले कई सालों से ये ही हालात है और हर साल सरकार की लाख की कोशिशों के बावजूद प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है.

फरीदाबाद के रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके इलाके काफी जगहों पर कबाड़ के गोदाम है जहां गैस कटर से वाहनों को काटा जाता है. लोगों का कहना है कि प्रशासन को कूड़ा जलाने वालों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके.

फरीदाबाद की हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल, खतरनाक स्तर तक बढ़ा प्रदूषण

कुछ लोगों का मानना है कि प्रशासन के साथ-साथ खुद उन्हें भी बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए. लोग अगर कूड़े को जलाने बंद कर दें तो काफी हद तक प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है. फरीदाबाद की जनता जिला प्रशासन को भी कोसना का एक भी मौका नहीं छोड़ रही. लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी प्रदूषण को रोकने के लिए सिर्फ दावे ही करते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा.

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का भी असर नहीं

वहीं प्रदूषण को देखते हुए 15 अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू हो चुका है. इसके चलते प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर पाबंदी लगाई जा चुकी है, लेकिन इसका खासा असर दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं फरीदाबाद जिला उपायुक्त यशपाल यादव का कहना है कि पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और जल्द ही हम बढ़ते प्रदूषण पर काबू पा लेंगे.

ये भी पढ़िए: अब पटाखे अंबाला में भी बैन, छोटी दिवाली पर डीसी ने जारी किए आदेश

कूड़ा या कबाड़ के गोदाम ही प्रदूषण का कारण नहीं है, शहर में टूटी सड़कें भी हवा में जहर घोल रहीं है. फरीदाबाद का बाटा रोड हो या वाईएमसीए चौक, बड़खल रोड या नीलम पूल. हर तरफ बस धुआं ही धुआं है. शुक्रवार फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी एयर बुलेटिन के अनुसार जिले का एक्यूआई 416 दर्ज किया गया था. अब अगर जहरीली हवा से निजात पानी है तो प्रशासन के साथ-साथ आम जनता को भी कुछ ठोस कदम उठाने होंगे.

Last Updated : Nov 13, 2020, 6:06 PM IST
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