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फरीदाबाद में मनाई गई जगदीश चंद्र बोस की 162वीं जयंती - faridabad jagdish chandra bose

फरीदाबाद में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा मनाई गई जगदीश चंद्र बोस की 162वीं जयंती इस उपलक्ष्य एआईसीटीई परिषद के प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज उनको देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक की प्रतिमा का अनावरण करने का मौका मिला है.

All India Council for Technical Education faridabad
फरीदाबाद में मनाई गई जगदीश चंद्र बोस की 162वीं जयंती
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Published : Nov 30, 2020, 7:48 PM IST

फरीदाबाद: जगदीश चंद्र बोस की 162वीं जयंती के उपलक्ष्य में जे.सी. बोस वाईएमसीए विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने महान वैज्ञाानिक जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा को विज्ञान के लिए उनके योगदान के शिलालेख के साथ कुलपति सचिवालय के सामने स्थापित किया गया है.

मुख्यअतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज उनको देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक की प्रतिमा का अनावरण करने का मौका मिला है. वही उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते स्कूल कॉलेज बंद है जल्द ही वैक्सीन आने वाली है तब तक दवा नहीं मिल जाती तब तक स्कूल कॉलेज खोलने खतरे से खाली नहीं होगा. उम्मीद है कि आने वाले करीब 3 महीने में स्कूल और कॉलेज खोल दिये जाएंगे.

ये भी पढ़ें:सिंघु और टिकरी बॉर्डर के बाद किसान करेंगे बदरपुर बॉर्डर सील

गौरतलब है कि जगदीश चंद्र बोस को देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक के रूप में स्वीकार किया जाता है. वह रेडियो और वायरलेस संचार के जनक थे और यह साबित करने वाले पहले वैज्ञानिक थे कि पौधों में भी जीवन होता है. आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को मान्यता देते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में वाईएमसीए विश्वविद्यालय का नाम इस महान वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया था.

फरीदाबाद: जगदीश चंद्र बोस की 162वीं जयंती के उपलक्ष्य में जे.सी. बोस वाईएमसीए विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने महान वैज्ञाानिक जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा को विज्ञान के लिए उनके योगदान के शिलालेख के साथ कुलपति सचिवालय के सामने स्थापित किया गया है.

मुख्यअतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज उनको देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक की प्रतिमा का अनावरण करने का मौका मिला है. वही उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते स्कूल कॉलेज बंद है जल्द ही वैक्सीन आने वाली है तब तक दवा नहीं मिल जाती तब तक स्कूल कॉलेज खोलने खतरे से खाली नहीं होगा. उम्मीद है कि आने वाले करीब 3 महीने में स्कूल और कॉलेज खोल दिये जाएंगे.

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गौरतलब है कि जगदीश चंद्र बोस को देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक के रूप में स्वीकार किया जाता है. वह रेडियो और वायरलेस संचार के जनक थे और यह साबित करने वाले पहले वैज्ञानिक थे कि पौधों में भी जीवन होता है. आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को मान्यता देते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में वाईएमसीए विश्वविद्यालय का नाम इस महान वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया था.

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