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मंडी में लिफ्टिंग ना होने से परेशान आढ़ती, नमी से सड़ा गेहूं - चरखी दादरी

चरखी दादरी की मंडी में लापरवाही की वजह से गेहूं का उठान नहीं हो पा रहा है और गेहूं सड़ पर पड़ है. इतना ही नहीं पिछली बारिश के चलते मंडी में पड़े गेहूं के लोथड़े जम गए हैं.

मंडी में सड़ता अनाज
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Published : Apr 29, 2019, 6:04 PM IST

चरखी दादरी: सरकार एक तरफ किसानों की के लिए अनेक योजनाएं लागू करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ मंडियों में किसान की हालत को देखने के लिए सरकार के पास समय नहीं है. दावों से हटकर मंडियों की हालत कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है.

मंडी में नमी से किसानों के गेहूं के जमे लोथड़े

मंडी में खरीद एजेंसियों और अधिकारियों की लापरवाही के चले अन्न का अनादर हो रहा है. मंडी में हजारो टन गेहूं खुले में पड़ा है. मंडी में उठान न होने के चलते गेहूं की भरमार हो गई है. किसानों का दाना चारों ओर सड़क पर बिखर रहा है.

पिछली बारिश के चलते मंडी में पड़े गेहूं की गुणवत्ता में कमी आई है. बारिश की नमी से गेहूं के लोथड़े बन गए हैं. मंडी में गेहूं के भंडारण के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. किसानों का कहना है कि अधिकारी अपनी की मनमर्जी चला रहे हैं. वहीं आढ़तियों का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते उन्हें भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

मार्केट कमेटी सचिव का कहना है कि लिफ्टिंग न होन के कारण मंडी में कुछ अनाज खराब हो रहा है. ऐसे हालातों को देखते हुए खरीद एजेंसियों से मीटिंग कर उठान के निर्देश दिए गए हैं. गेहूं की आवक बढ़ने के कारण मंडी में अनाज डालने के लिए जगह नहीं है. मंडी प्रबंधन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं.

चरखी दादरी: सरकार एक तरफ किसानों की के लिए अनेक योजनाएं लागू करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ मंडियों में किसान की हालत को देखने के लिए सरकार के पास समय नहीं है. दावों से हटकर मंडियों की हालत कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है.

मंडी में नमी से किसानों के गेहूं के जमे लोथड़े

मंडी में खरीद एजेंसियों और अधिकारियों की लापरवाही के चले अन्न का अनादर हो रहा है. मंडी में हजारो टन गेहूं खुले में पड़ा है. मंडी में उठान न होने के चलते गेहूं की भरमार हो गई है. किसानों का दाना चारों ओर सड़क पर बिखर रहा है.

पिछली बारिश के चलते मंडी में पड़े गेहूं की गुणवत्ता में कमी आई है. बारिश की नमी से गेहूं के लोथड़े बन गए हैं. मंडी में गेहूं के भंडारण के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. किसानों का कहना है कि अधिकारी अपनी की मनमर्जी चला रहे हैं. वहीं आढ़तियों का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते उन्हें भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

मार्केट कमेटी सचिव का कहना है कि लिफ्टिंग न होन के कारण मंडी में कुछ अनाज खराब हो रहा है. ऐसे हालातों को देखते हुए खरीद एजेंसियों से मीटिंग कर उठान के निर्देश दिए गए हैं. गेहूं की आवक बढ़ने के कारण मंडी में अनाज डालने के लिए जगह नहीं है. मंडी प्रबंधन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं.

Intro:अनाज का उठान न होने से हजारों टन गेहूं हो रहा बर्बाद
: बारिश के बाद नहीं हुआ उठान, गेहूं के लोथड़े बने
: लिफ्टिंग नहीं होने पर किसान सडक़ों पर डाल रहे गेहूं
चरखी दादरी। भले ही सरकार ने किसान से गेहूं के दाने-दाने की खरीद के दोव किए हों, लेकिन गेहूं को सुरक्षित भंडारण तक पहुंचाने से पहले ही अन्न का अनादर चरखी दादरी में देखने को मिला है। नई अनाज मंडी मेंचारों तरफ सडक़ पर ही गेहूं बिखरा पड़ा है और इस गेहूं पर दिनभर किसानों के वाहन गुजर रहे हैं। फुटपाथ और सडक़ भी जब गेहूं की ढेरियों से अट गई तो फिर गंदे नाले के पास भी गेहूं की बोरियां लगा दी गई। पिछले दिनों हुई बारिश व उठान नहीं होने के कारण गेहूं की गुणवत्ता में खासी कमी आई है। हालात ऐसे बन गए हैं कि गेहंू के लोथड़े बन गए हैं। ऐसे हालातों में मंडी अधिकारी लाचार है ंऔर सिर्फ पत्र लिखने की बात कर इतीश्री कर रहे हैं। जबकि किसान व आढति अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं। Body:देश सरकार एक तरफ जहां किसानों की के लिए अनेक योजनाएं लागू करने की बात की है वहीं मंडियों में किसान की क्या स्थिति है इसकी तरफ देखने के लिए सरकार के पास समय ही नहीं है। सरकार चाहे जो भी दावे करें, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। चरखी दादरी में किसानों की मेहनत के एक-एक दाने को खरीदने और सुरक्षित रखने के दावों में कोई दम नहीं है। खरीद एजेंसियां और अधिकारियों की लापरवाही के चलते दादरी की मंडी में अन्न का अन्नादर हो रहा है। मंडी में हजारों टन गेहूं खुले में पड़ा है तो कहीं जगह नहीं होने के कारण किसान सडक़ों पर गेहूं डालने को मजबूर हैं। आते-जाते वाहनों के टायरों के नीचे तो कभी पशुओं के पैरों नीचे लगातार गेहूं की बेकद्री हो रही है। ऐसे में जहां गेहूं की खरीद से लेकर उसके उठान में किसानों और आढ़तियों को कई तरह की परेशानी आ रही हैं तो कहीं संबंधित अधिकारियों के सामने भी इस तरह की अव्यवस्था के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन वो भी इसे दुरुस्त करने में असमर्थ ही नजर आ रहे हैं। किसानों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। किसानों का कहना है कि वे क्या करें, अधिकारियों की मनमर्जी चलती है। आढति भी मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि अधिकारियों की लचर प्रणाली व उदासीन रवैये के चलते आढतियों को काफी नुकसान हो रहा है। Conclusion:बाक्स:-
खरीद एजेंसियों से मीटिंग कर दिए निर्देश
मार्केट कमेटी सचिव बसंत कुमार का कहना है कि लिफ्टिंग के कारण मंडी में कुछ अनाज खराब हो रहा है। ऐसे हालातों को देखते हुए खरीद एजेंसियों से मीटिंग की गई है और उठान बारे निर्देश दिए गए हैं। हालांकि आवक बढने के कारण मंडी में अनाज डालने के लिए जगह नहीं है। मंडी प्रबंधन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं।
विजवल:- 1
मार्केट कमेटी कार्यालय, अनाजमंडी में चारों तरफ पड़े गेहंू के ढेर, उठान नहीं होने पर सडक़ों पर डाला गया गेहूं, पानी से खराब व सड़ा हुआ गेहूं व मंडी के कट शाटस
बाईट:- 2
सुखबीर सिंह, किसान
बाईट:- 3
राजेश, आढति
बाईट:- 4
बसंत कुमार, सचिव मार्केट कमेटी
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