चरखी दादरी: यूपीएएससी परीक्षा में चरखी दादरी जिले से विवेक आर्य ने 131वां रेंक हासिल किया है. सिर्फ 23 साल के विवेक आर्य ने कहा कि जब मेरा छठी कक्षा में सैनिक स्कूल में दाखिला हुआ, तो उसी समय ही मन में ठान ली थी कि आर्मी की बजाए सिविल सेवा में आकर देश सेवा करेंगे. उन्होंने कहा कि मैंने देश के अंदर की व्यवस्था सुधारने और आमजन के लिए कार्य करने की मंशा मन लेकर तैयारी की थी, इसलिए सफलता मिली है.
दादरी के गांव गोपी निवासी विवेक आर्य यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद घर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बाढड़ा कस्बे में क्रांतिकारी चौक पर शहीदों को माल्यार्पण किया और गांव गोपी में कार्यक्रम कर ग्रामीणों की तरफ से युवा क्लब के माध्यम से सम्मानित किया गया. बता दें कि विवेक आर्य यूपीएससी में पहली बार प्री टेस्ट नहीं कर पाया था. बावजूद इसके विवेक ने हार नहीं मानी और मेहनत करते हुए दूसरी बार में सफलता हासिल की है.
विवेक के गांव में पहुंचने पर युवाओं ने बाइक रैली के माध्यम से उनका स्वागत किया. इस दौरान विभिन्न सामाजिक संगठनों के अलावा आसपास की ग्राम पंचायतों ने विवेक को सम्मानित किया. विवेक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अगर टारगेट लेकर चलना है तो कोचिंग कोई मायने नहीं रखती.
ये पढे़ं- आईएएस टॉपर शुभम के पिता बोले- बेटे ने मेरे अधूरे सपने को पूरा कर दिखाया
उन्होंने कहा कि आपको आगे बढ़ना है तो प्लानिंग बनाकर मेहनत करेंगे तो जरूर मुकाम तक पहुंचेंगे. कहा कि पहली बार सफलता नहीं मिली तो हार नहीं मानी. सिविल सेवा में जनसेवा करने के मकसद से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता मिली. विवेक ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया और कहा कि जो मन करें, वहीं करें तो सफलता जरूर मिलेगी.
ये पढे़ं- राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस: बनना चाहते हैं IAS तो जरूर देखें ये वीडियो