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चरखी दादरी: पीने के पानी के लिए तरस रहे इन गांवों के लोग, हो रही है सिर्फ सियासत - BJP

चरखी दादरी के गांव सांजरवास और फौगाट के लोग पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन अभी तक इनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है. जिसके चलते सोमवार को ग्रामीणों ने एकजुट होकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर पीने के पानी की मांग की.

पीने के पानी के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण
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Published : Jun 24, 2019, 1:19 PM IST

चरखी दादरी: गांव सांजरवास स्थित जलघर में काफी समय से टैंकों में पीने का पानी नहीं पहुंचने से गांव के लोग परेशान हैं. प्रशासन से बार-बार पीने के पानी की गुहार लगा रहे ग्रामीण इकठ्ठा होकर जलघर पर पानी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन को जल्द पानी की समस्या के हल ना होने पर भूख हड़ताल का अल्टीमेटम भी दे दिया है.

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इस दौरान ग्रामीणों के साथ पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान सहित कई नेताओं और सामाजिक संगठनों ने ग्रामीणों को समर्थन किया. जलघर के बाहर तपती गर्मी में बैठे ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में जलघर होने के बावजूद भी वे पानी को तरस रहे हैं. बार-बार अधिकारियों और मंत्रियों से मिलने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ. जिसके बाद मजबूर होकर ग्रामीणों को चिलचिलाती गर्मी में धरने पर बैठना पड़ा.

गांव के पूर्व सरपंच जगदीश ने बताया कि उनके गांव के जलघर के लिए इंदिरा कैनाल से पाइप लाइन मंजूर की गई थी. लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी पाइप डालने का कार्य शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं धरने को समर्थन देने पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने अपने शासनकाल में दोनों गांव में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा कैनाल से जलघर तक पाइप डालने की परियोजना मंजूर की थी. लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद योजना को सिरे चढ़ाने के लिए टेंडर तो जारी किया गया, लेकिन दो साल बाद भी इस परियोजना का काम शुरू नहीं हुआ.

इसी का नतीजा आज गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सतपाल सांगवान ने कहा कि अगर सरकार और प्रशासन ने ग्रामीणों की मांग को पूरा नहीं किया तो वो धरने के साथ-साथ भूख हड़ताल भी शुरू कर देंगे. इस दौरान ग्रामीण सड़क पर उतरकर आंदोलन को तेज करेंगे.

चरखी दादरी: गांव सांजरवास स्थित जलघर में काफी समय से टैंकों में पीने का पानी नहीं पहुंचने से गांव के लोग परेशान हैं. प्रशासन से बार-बार पीने के पानी की गुहार लगा रहे ग्रामीण इकठ्ठा होकर जलघर पर पानी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन को जल्द पानी की समस्या के हल ना होने पर भूख हड़ताल का अल्टीमेटम भी दे दिया है.

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इस दौरान ग्रामीणों के साथ पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान सहित कई नेताओं और सामाजिक संगठनों ने ग्रामीणों को समर्थन किया. जलघर के बाहर तपती गर्मी में बैठे ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में जलघर होने के बावजूद भी वे पानी को तरस रहे हैं. बार-बार अधिकारियों और मंत्रियों से मिलने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ. जिसके बाद मजबूर होकर ग्रामीणों को चिलचिलाती गर्मी में धरने पर बैठना पड़ा.

गांव के पूर्व सरपंच जगदीश ने बताया कि उनके गांव के जलघर के लिए इंदिरा कैनाल से पाइप लाइन मंजूर की गई थी. लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी पाइप डालने का कार्य शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं धरने को समर्थन देने पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने अपने शासनकाल में दोनों गांव में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा कैनाल से जलघर तक पाइप डालने की परियोजना मंजूर की थी. लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद योजना को सिरे चढ़ाने के लिए टेंडर तो जारी किया गया, लेकिन दो साल बाद भी इस परियोजना का काम शुरू नहीं हुआ.

इसी का नतीजा आज गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सतपाल सांगवान ने कहा कि अगर सरकार और प्रशासन ने ग्रामीणों की मांग को पूरा नहीं किया तो वो धरने के साथ-साथ भूख हड़ताल भी शुरू कर देंगे. इस दौरान ग्रामीण सड़क पर उतरकर आंदोलन को तेज करेंगे.

Intro:पानी को लेकर धरने पर बैठे दो गांवों के ग्रामीण
: पूर्व मंत्री सहित कई संगठन समर्थन में पहुंचे, भूख हड़ताल की चेतावनी
चरखी दादरी : गांव सांजरवास स्थित जलघर में काफी समय से टैंकों में पानी नहीं पहुंचने से परेशान गांव सांजरवास व फौगाट के ग्रामीण जलघर के समक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। धरनारत ग्रामीणों ने जलघर तक पानी नहीं पहुंचने पर भूख हड़ताल शुरू करने का अल्टीमेटम दिया है। इस दौरान पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान सहित कई नेताओं व सामाजिक संगठनों ने पहुंचकर धरने को समर्थन दिया। Body:गांव सांजरवास व फौगाट के ग्रामीणों द्वारा जलघर पर ताला लगाकर अनिश्चतकालीन धरना शुरू कर दिया है। जलघर के बाहर तपती गर्मी के बीच बैठे ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में जलघर होने के बावजूद भी वे पानी को तरस रहे हैं। बार-बार अधिकारियों के चक्कर काटे, मंत्रियों से मिले लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। मजबूर होकर ग्रामीणों को गर्मी के बीच धरना शुरू करना पड़ा। पूर्व सरपंच जगदीश, विनोद कुमार व संजीत इत्यादि ने बताया कि उनके गांव के जलघर के लिए इंदिरा कैनाल से पाइप लाइन मंजूर की गई थी। लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी पाइप डालने का कार्य शुरू नहीं किया है। ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। Conclusion:वहीं समर्थन देने पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार में उनके मंत्रीकाल के समय दोनों गांव में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा कैनाल से जलघर तक पाइप डालने की परियोजना मंजूर की थी। भाजपा की सरकार आने के बाद योजना को सिरे चढ़ाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया। लेकिन दो वर्ष बाद भी इस परियोजना पर कार्य शुरू नहीं हुआ। जिसका खामियाजा दो गांवों के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। वे ग्रामीणों के साथ हैं और उनके संघर्ष में साथ देते रहेंगे। वहीं ग्रामीणों ने धरने पर रणनीति बनाते हुए निर्णय लिया कि अगर सरकार व प्रशासन द्वारा उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो वे धरने पर भूख हड़ताल शुरू कर देंगे। इस दौरान दोनों गांवों के ग्रामीण रोड पर आ जाएंगे और यहीं अपना आंदोलन तेज करेंगे।
विजवल:-1
पानी के लिए धरना देते, धरने पर सर्मन देने पहुंची समाजसेवी मनीषा सागंवान व पूर्व मंत्री, नारेबाजी करते ग्रामीण, खाली पड़ा जलघर, व जलघर के अन्दर के अन्य कट शाटस
बाईट:-2
जगदीश, पूर्व सरपंच
बाईट:-3
सतपाल सागंवान, पूर्व मंत्री
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