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कृषि कानून वापस: फोगाट खाप बोली, MSP गांरटी कानून बनने पर होगी असली जीत - Balwant Nambardar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (pm modi on farm laws) शुक्रवार को बड़ी घोषणा करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस (three farm laws withdrawal) ले लिया. पीएम मोदी के फैसले के बाद किसानों में हर्षोल्लास का माहौल छा गया. चरखी दादरी में फोगाट खाप (Phogat Khap) ने भी पीएम मोदी के फैसले का स्वागत किया.

three farm laws withdrawal
Phogat Khap
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Published : Nov 19, 2021, 4:13 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 5:14 PM IST

चरखी दादरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस (three farm laws withdrawal) लेने की घोषणा के बाद चरखी दादरी में फोगाट खाप (Phogat Khap) की कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता फोगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार (Balwant Nambardar) ने की. इस दौरान फोगाट खाप ने पीएम मोदी की घोषणा का स्वागत किया. साथ ही खाप ने कहा कि कृषि कानूनों को संसद में भी बिल पास कर कानूनी रूप से रद्द किया जाए.

इसके अलावा फोगाट खाप ने कृषि कानूनों (three farm laws) के विरोध में भाजपा-जजपा नेताओं के बहिष्कार करने के बारे में पंचायत बुलाकर फैसला लेने की बात भी कही. खाप प्रधान बलवंत नंबरदार ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला सराहनीय है, लेकिन कृषि कानूनों को संसद में बिल पास करवाकर कानूनी रूप से रद्द करने के बाद ही किसानों की जीत होगी. उन्होंने कहा कि किसानों की एमएसपी गारंटी मांग को भी सरकार द्वारा पूरा करना चाहिए. पीएम मोदी के फैसले से पिछले एक साल से बॉर्डर पर बैठे किसानों को राहत मिली है और जीत हुई है.

फोगाट खाप ने पीएम के फैसले का किया स्वागत

ये भी पढ़ें- कृषि कानून वापस: किसानों ने मिठाई खिलाकर मनाया जश्न, जानें तीन कृषि कानून क्या है

बता दें कि पिछले साल मोदी सरकार ने जून, 2020 में तीन कृषि कानून लागू किए थे. पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इनका विरोध करते हुए आंदोलन की शुरुआत की थी. इसके बाद सितंबर के मॉनसून सत्र में इसपर बिल संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया गया. किसानों का विरोध और तेज हो गया. हालांकि इसके बावजूद सरकार इसे राष्ट्रपति के पास ले गई और उनके हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल कानून बन गए. इस बाद पिछले कई एक साल से किसान दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन को जारी रखा. किसानों ने अभी भी बॉर्डर पर ही जमे रहने का फैसला किया है.

क्या कहा पीएम मोदी ने?

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने (pm modi on farm laws) कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. किसानों को इन तीनों कानूनों के बारे में समझाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह समझ नहीं पाए. हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.

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चरखी दादरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस (three farm laws withdrawal) लेने की घोषणा के बाद चरखी दादरी में फोगाट खाप (Phogat Khap) की कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता फोगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार (Balwant Nambardar) ने की. इस दौरान फोगाट खाप ने पीएम मोदी की घोषणा का स्वागत किया. साथ ही खाप ने कहा कि कृषि कानूनों को संसद में भी बिल पास कर कानूनी रूप से रद्द किया जाए.

इसके अलावा फोगाट खाप ने कृषि कानूनों (three farm laws) के विरोध में भाजपा-जजपा नेताओं के बहिष्कार करने के बारे में पंचायत बुलाकर फैसला लेने की बात भी कही. खाप प्रधान बलवंत नंबरदार ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला सराहनीय है, लेकिन कृषि कानूनों को संसद में बिल पास करवाकर कानूनी रूप से रद्द करने के बाद ही किसानों की जीत होगी. उन्होंने कहा कि किसानों की एमएसपी गारंटी मांग को भी सरकार द्वारा पूरा करना चाहिए. पीएम मोदी के फैसले से पिछले एक साल से बॉर्डर पर बैठे किसानों को राहत मिली है और जीत हुई है.

फोगाट खाप ने पीएम के फैसले का किया स्वागत

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बता दें कि पिछले साल मोदी सरकार ने जून, 2020 में तीन कृषि कानून लागू किए थे. पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इनका विरोध करते हुए आंदोलन की शुरुआत की थी. इसके बाद सितंबर के मॉनसून सत्र में इसपर बिल संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया गया. किसानों का विरोध और तेज हो गया. हालांकि इसके बावजूद सरकार इसे राष्ट्रपति के पास ले गई और उनके हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल कानून बन गए. इस बाद पिछले कई एक साल से किसान दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन को जारी रखा. किसानों ने अभी भी बॉर्डर पर ही जमे रहने का फैसला किया है.

क्या कहा पीएम मोदी ने?

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने (pm modi on farm laws) कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. किसानों को इन तीनों कानूनों के बारे में समझाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह समझ नहीं पाए. हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.

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Last Updated : Nov 19, 2021, 5:14 PM IST
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