चरखी दादरी: दादरी जिले में सरसों की सरकारी खरीद में लाखों रुपए का गोलमाल चल रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान से गाड़ियों में सरसों लाकर दादरी की मंडियों में बेची जा रही है, जबकि हरियाणा का किसान अपनी बारी का इंतजार करता रहता है.
भाकियू व किसानों ने गांव जावा के खरीद केंद्र पर राजस्थान नंबर की दो गाड़ियों को सरसों उतारते रोक लिया और पुलिस व मार्केट अधिकारियों को अवगत करवाया. मंडी अधिकारियों ने दोनों गाड़ियों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है. वहीं भाकियू ने मंडी अधिकारियों पर मिलीभगत कर सरकार को चूना लगाने का आरोप लगाया है.
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बता दें कि हरियाणा में 4425 रुपए के सरकारी रेट पर सरसों की खरीद की जा रही है, जबकि आढ़ती व मंडी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते राजस्थान से सस्ते दामों पर सरसों खरीदकर सरकारी रेट पर बेची जा रही है. ऐसा ही मामला गांव जावा के खरीद केंद्र पर देखने को मिला. भाकियू जिलाध्यक्ष जगबीर घसोला की अगुवाई में किसानों ने दोनों गाड़ियों को पकड़ते हुए मंडी अधिकारियों व पुलिस को सूचित किया.
भाकियू जिलाध्यक्ष जगबीर घसोला ने कहा कि मंडी अधिकारियों की मिलीभगत पर मंडियों में कालाबाजारी करते हुए सरकार को लाखों का चूना लगाया जा रहा है. अगर इस मामले की उच्च स्तर पर जांच हो तो बड़ा स्कैम सामने आ सकता है. वहीं मार्केट कमेटी सचिव सुरेश खोखर ने कहा कि सूचना मिलने पर वे मंडी में पहुंचे हैं.
मार्केट सचिव ने बताया कि राजस्थान से आई गाड़ियों के दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं. अगर कुछ गड़बड़ी मिलती है तो कड़ी कार्रवाई करेंगे. वहीं झोझू पुलिस थाना प्रभारी अनूप सिंह ने बताया कि दोनों गाड़ियों में 123 क्विंटल सरसों मिली है. दस्तावेज का जांच कर रहे हैं. कुछ भी गोलमाल होगा तो पुलिस द्वारा जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
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