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हरियाणा में सरकारी कन्या स्कूल की इमारत जर्जर, मौत के साए में पढ़ने को मजबूर छात्राएं - चरखी दादरी में जर्जर स्कूल भवन

चरखी दादरी का कन्या प्राथमिक पाठशाला भवन (School Building Damaged In Charkhi Dadri) अपनी बदहाली के आंसू बयां कर रहा है. देश का भविष्य मौत के साये में पढ़ाई करने को मजबूर है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

School Building Damaged In Charkhi Dadri
कन्या प्राथमिक पाठशाला भवन के कई कमरों की छतें ढह चुकी हैंं
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Published : Apr 4, 2022, 1:38 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 2:41 PM IST

चरखी दादरी: सरकार शिक्षा को बेहतर करने के लाख दावे कर रही है. करोड़ों रूपये भी खर्च कर रही है लेकिन अभी भी सरकारी स्कूलों की हालत में कोई सुधार नहीं आया है. चरखी दादरी के कलियाणा गांव में एक ऐसा ही प्राथमिक स्कूल है. यह स्कूल खंडहर में तब्दील हो चुका है. ऐसे में सरकार की ओर से किए जाने वाले दावों की कलई खुल चुकी है. आलम ये है कि छात्र-छात्राएं पिछले कई सालों से अपनी जान जोखिम में डाल कर इस स्कूल की बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर हैं. छात्राओं पर हर वक्त अनहोनी होने का खतरा बना रहता है.

चरखी दादरी कन्या प्राथमिक पाठशाला भवन के कई कमरों की छतें ढह चुकी हैं. बाकी जो बची हैं वो कभी भी भरभराकर ढह सकती हैं. विभाग की ओर से जर्जर छत को छिपाने के लिए रंगाई-पुताई भी कराई गई है फिर भी हालत छिपाए नहीं छिप रही. हालांकि पिछली बरसात के सीजन में एक कमरे की छत भी गिर गई थी जिसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से स्कूल भवन को कंडम घोषित करवा दिया गया था. बावजूद इसके स्कूल में कमरे नहीं होने पर मासूमों को बरामदों व खुले में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.

मौत के साए में पढ़ने को मजबूर हैं मासूम बच्चियां, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

ये भी पढ़ें- खस्ताहाल स्कूल की इमारत पर खुली प्रशासन की नींद, आनन-फानन में मरम्मत कार्य शुरू

स्कूल शिक्षकों ने बताया कि पाठशाला की जर्जर हालत के बारे में विभाग को कई बार बताया जा चुका है लेकिन अभी तक विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गई है. इस वजह से मजबूरन हमें बच्चों को जर्जर छत के नीचे या तो बाहर बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है. स्कूल में सफाई कर्मचारी नहीं होने के कारण सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है. स्कूल में बने शौचालय की हालत बद से बत्तर है.

जहां एक ओर स्वच्छ भारत की बात हो रही है, वहीं इस स्कूल का शौचालय टूटा व गंदा पड़ा है. खुले में खड़ी झाडियों में जाने में बच्चों को डर लगता है. समस्या यही नहीं खत्म हो रही. प्रदेश में पड़ रही इस प्रचंड गर्मी के मौसम में बच्चियों को पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसा नहीं है कि सरकार को इस बारे में पता नहीं है. गांव वालों और स्कूल प्रबंधन द्वारा बार-बार अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है.

School Building Damaged In Charkhi Dadri
मासूमों को बरामदों व खुले में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.
बावजूद इसके सरकार की ओर से अब तक विद्यालय के भवन निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं हुई है. जब गांव वालों ने इसका विरोध किया तब जाकर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विरेंद्र सिंह मलिक ने स्कूल भवन का निरीक्षण किया. उनका कहना है कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल ने कहा कि स्कूल भवन को लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कंडम घोषित किया गया है. भवन के निर्माण को लेकर शिक्षा विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है. स्कूल में सभी सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध करवाई जाएंगी.

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चरखी दादरी: सरकार शिक्षा को बेहतर करने के लाख दावे कर रही है. करोड़ों रूपये भी खर्च कर रही है लेकिन अभी भी सरकारी स्कूलों की हालत में कोई सुधार नहीं आया है. चरखी दादरी के कलियाणा गांव में एक ऐसा ही प्राथमिक स्कूल है. यह स्कूल खंडहर में तब्दील हो चुका है. ऐसे में सरकार की ओर से किए जाने वाले दावों की कलई खुल चुकी है. आलम ये है कि छात्र-छात्राएं पिछले कई सालों से अपनी जान जोखिम में डाल कर इस स्कूल की बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर हैं. छात्राओं पर हर वक्त अनहोनी होने का खतरा बना रहता है.

चरखी दादरी कन्या प्राथमिक पाठशाला भवन के कई कमरों की छतें ढह चुकी हैं. बाकी जो बची हैं वो कभी भी भरभराकर ढह सकती हैं. विभाग की ओर से जर्जर छत को छिपाने के लिए रंगाई-पुताई भी कराई गई है फिर भी हालत छिपाए नहीं छिप रही. हालांकि पिछली बरसात के सीजन में एक कमरे की छत भी गिर गई थी जिसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से स्कूल भवन को कंडम घोषित करवा दिया गया था. बावजूद इसके स्कूल में कमरे नहीं होने पर मासूमों को बरामदों व खुले में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.

मौत के साए में पढ़ने को मजबूर हैं मासूम बच्चियां, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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स्कूल शिक्षकों ने बताया कि पाठशाला की जर्जर हालत के बारे में विभाग को कई बार बताया जा चुका है लेकिन अभी तक विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गई है. इस वजह से मजबूरन हमें बच्चों को जर्जर छत के नीचे या तो बाहर बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है. स्कूल में सफाई कर्मचारी नहीं होने के कारण सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है. स्कूल में बने शौचालय की हालत बद से बत्तर है.

जहां एक ओर स्वच्छ भारत की बात हो रही है, वहीं इस स्कूल का शौचालय टूटा व गंदा पड़ा है. खुले में खड़ी झाडियों में जाने में बच्चों को डर लगता है. समस्या यही नहीं खत्म हो रही. प्रदेश में पड़ रही इस प्रचंड गर्मी के मौसम में बच्चियों को पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसा नहीं है कि सरकार को इस बारे में पता नहीं है. गांव वालों और स्कूल प्रबंधन द्वारा बार-बार अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है.

School Building Damaged In Charkhi Dadri
मासूमों को बरामदों व खुले में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.
बावजूद इसके सरकार की ओर से अब तक विद्यालय के भवन निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं हुई है. जब गांव वालों ने इसका विरोध किया तब जाकर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विरेंद्र सिंह मलिक ने स्कूल भवन का निरीक्षण किया. उनका कहना है कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल ने कहा कि स्कूल भवन को लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कंडम घोषित किया गया है. भवन के निर्माण को लेकर शिक्षा विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है. स्कूल में सभी सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध करवाई जाएंगी.

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Last Updated : Apr 4, 2022, 2:41 PM IST
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