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खेतों में खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हुए इस जिले के किसान, जानिए क्या है वजह - किसान ने फसल पर ट्रैक्टर चलाया

पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से चरखी दादरी में किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. खेत में हुए नुकसान को देखकर किसान अब अपनी खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हैं.

charkhi dadri mustard crop damage
charkhi dadri mustard crop damage
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Published : Feb 11, 2022, 3:44 PM IST

चरखी दादरी: हरियाणा में इस साल किसान सरसों की बंपर पैदावार की आस लगाए बैठे थे, लेकिन उनकी इस उम्मीद पर बारिश ने पानी फेर दिया. पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से खेतों में खड़ी सरसों की फसल गिरकर खराब (charkhi dadri mustard crop damage) हो चुकी है. इसके अलावा फसल में धोलिया सहित कई रोग आने के कारण मजबूरन किसानों को सरसों की कई एकड़ लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ गया.

पिछले सीजन के दौरान सरसों की फसल का बाजार व मंडियों में अच्छा-खास भाव मिल रहा था. जिसको देखते हुए इस बार क्षेत्र के किसानों ने गेहूं व चने की बजाए सरसों की बंपर बुआई की थी, लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश के कारण सरसों की फसल में धोलिया और कई अन्य रोगों ने किसानों की आफत बढ़ा दी. रोग लगने के कारण सरसों की आधी से भी कम पैदावार की आशंका जताई जा रही है. सरसों की फसल पर खतरा मंडराने के कारण किसानों को खासा नुकसान होने की संभावना है. ऐसे में दादरी से सटे टिकाण गांव के कुछ किसानों का कहना है कि फसल नष्ट करने के बाद वे सब्जी की खेती करके नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करेंगे.

खेतों में खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हुए इस जिले के किसान, जानिए क्या है वजह

क्या है धोलिया रोग- कृषि विशेषज्ञों की मानें तो धोलिया रोग में सरसों के पत्तों पर सफेद निशान हो जाते हैं. धीरे-धीरे सफेद रंग बढ़ जाता है. फसल पाउडर की तरह हो जाती है. इस बीमारी का शुरूआती इलाज तो है, लेकिन अगर ये बीमारी जरा सी भी आगे बढ़ गई तो किसानों की सारी सरसों की फसल बर्बाद होने का खतरा रहता है.

ये भी पढ़ें- आधुनिक तरीकों से बदल गया किसानी का तरीका, अब पानी में भी की जा सकती है खेती

वहीं अपनी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने वाले किसानों ने बताया कि इस बार बंपर पैदावार और अच्छे रेट मिलने की आस के कारण गेहूं की बजाए सरसों की बुआई की थी, लेकिन बारिश होने पर सरसों की फसल को धोलिया, मरोडिया और सफेद रतवा सहित कई रोगों ने अपनी चपेट में ले लिया. रोग लगने से फलियां बननी बंद हो गई. जो फलियां तैयार हो रही थी वे भी नष्ट हो गई. ऐसे में हमें मजबूरन सरसों की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा.

charkhi dadri mustard crop damage
खेतों में खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हुए किसान

इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण मरोडिया और धोलिया रोग लगने की किसानों द्वारा लगातार शिकायतें आ रही हैं. कृषि विभाग की टीम किसानों के साथ खेतों में पहुंचकर फसल का निरीक्षण कर रहे हैं. बचाव के बारे दवा का छिडक़ाव की सलाह दे रहे हैं. हालांकि विभाग द्वारा अपने स्तर पर सर्वे करवाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी.

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चरखी दादरी: हरियाणा में इस साल किसान सरसों की बंपर पैदावार की आस लगाए बैठे थे, लेकिन उनकी इस उम्मीद पर बारिश ने पानी फेर दिया. पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से खेतों में खड़ी सरसों की फसल गिरकर खराब (charkhi dadri mustard crop damage) हो चुकी है. इसके अलावा फसल में धोलिया सहित कई रोग आने के कारण मजबूरन किसानों को सरसों की कई एकड़ लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ गया.

पिछले सीजन के दौरान सरसों की फसल का बाजार व मंडियों में अच्छा-खास भाव मिल रहा था. जिसको देखते हुए इस बार क्षेत्र के किसानों ने गेहूं व चने की बजाए सरसों की बंपर बुआई की थी, लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश के कारण सरसों की फसल में धोलिया और कई अन्य रोगों ने किसानों की आफत बढ़ा दी. रोग लगने के कारण सरसों की आधी से भी कम पैदावार की आशंका जताई जा रही है. सरसों की फसल पर खतरा मंडराने के कारण किसानों को खासा नुकसान होने की संभावना है. ऐसे में दादरी से सटे टिकाण गांव के कुछ किसानों का कहना है कि फसल नष्ट करने के बाद वे सब्जी की खेती करके नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करेंगे.

खेतों में खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हुए इस जिले के किसान, जानिए क्या है वजह

क्या है धोलिया रोग- कृषि विशेषज्ञों की मानें तो धोलिया रोग में सरसों के पत्तों पर सफेद निशान हो जाते हैं. धीरे-धीरे सफेद रंग बढ़ जाता है. फसल पाउडर की तरह हो जाती है. इस बीमारी का शुरूआती इलाज तो है, लेकिन अगर ये बीमारी जरा सी भी आगे बढ़ गई तो किसानों की सारी सरसों की फसल बर्बाद होने का खतरा रहता है.

ये भी पढ़ें- आधुनिक तरीकों से बदल गया किसानी का तरीका, अब पानी में भी की जा सकती है खेती

वहीं अपनी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने वाले किसानों ने बताया कि इस बार बंपर पैदावार और अच्छे रेट मिलने की आस के कारण गेहूं की बजाए सरसों की बुआई की थी, लेकिन बारिश होने पर सरसों की फसल को धोलिया, मरोडिया और सफेद रतवा सहित कई रोगों ने अपनी चपेट में ले लिया. रोग लगने से फलियां बननी बंद हो गई. जो फलियां तैयार हो रही थी वे भी नष्ट हो गई. ऐसे में हमें मजबूरन सरसों की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा.

charkhi dadri mustard crop damage
खेतों में खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हुए किसान

इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण मरोडिया और धोलिया रोग लगने की किसानों द्वारा लगातार शिकायतें आ रही हैं. कृषि विभाग की टीम किसानों के साथ खेतों में पहुंचकर फसल का निरीक्षण कर रहे हैं. बचाव के बारे दवा का छिडक़ाव की सलाह दे रहे हैं. हालांकि विभाग द्वारा अपने स्तर पर सर्वे करवाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी.

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