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मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए धरने पर बैठे किसान की मौत

ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत की गई जमीन की मुआवजा राशि में वृद्धि को लेकर किसान लंबे समय से धरने पर बैठे हैं. इसी दौरान गांव ढाणी फोगाट के 56 साल के किसान रामऔतार की शनिवार को मौत हो गई. जिसके बाद अब किसान सरकार से मृतक किसान को शहीद का दर्जा देने के साथ परिवार को एक करोड़ की मुआवजा राशि देने की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है जब तक उन्हें लिखित में इसका आश्वासन नहीं दिया जाएगा, तब तक वो शव को नहीं उठाएंगे.

ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए धरने पर बैठे किसान की मौत
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Published : Aug 3, 2019, 7:03 PM IST

चरखी दादरी: नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत की गई जमीन के लिए मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर किसान लंबे समय से धरना दे रहे हैं. इसी दौरान गांव ढाणी फोगाट में चल रहे किसानों के धरने में शामिल एक किसान की मौत हो गई. जिसके बाद से किसान आक्रोशित हो गए हैं.

किसानों का कहना है कि मृतक किसान की जमीन अधिग्रहित होने के बाद उचित मुआवजा नहीं मिलने से काफी समय से परेशान था. जिसके चलते वो लंबे समय से धरने पर बैठा था लेकिन इसी दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गर्ई.

ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर दादरी जिले के किसान गांव रामनगर और ढाणी फोगाट में करीब 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.

क्लिक कर देखें वीडियो

मृतक किसान को दिया जाए 1 करोड़ मुआवजा और शहीद का दर्जा - किसान

मामले की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची. लेकिन किसानों ने पुलिस को बीना किसी कार्रवाई के लौटा दिया. सभी किसानों ने एकजुट होते हुए मृत किसान के परिवार को एक करोड़ मुआवजा, मृत को शहीद का दर्जा और मृत किसान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. किसानों ने एकजुट होकर कहा कि जब तक उनकी मांगों का लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाएगा, तब तक शव को नहीं उठाया जाएगा

मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, जेजेपी प्रदेश महासचिव उमेद पातुवास, किसान कांग्रेस नेता राजू मान सहित अनेक पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. सभी ने सरकार पर अन्याय का आरोप लगाया.

हालांकि दोपहर बाद एसडीएम संदीप अग्रवाल और डीएसपी रमेश कुमार धरने पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे. फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और किसान शव को रखकर धरना दे रहे हैं.

क्या है ग्रीन कॉरीडोर मामल?

चरखी दादरी से152 डी ग्रीन कॉरिडोर निकल रहा है, जिसमें 17 गांवों के करीब 300 किसानों की 680 एकड़ जमीन आ रही है. इसी जमीन की मुआवजा राशि बढा़ने को लेकर किसान पिछले लंबे समय से धरना दे रहे हैं.

ये हैं किसानों की मांगें

  • प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए का मुआवजा.
  • टोल टैक्स में किसानों की भागीदारी.
  • किसान परिवारों के युवाओं को एनएचआई में नौकरी.
  • जमीनों के अधिग्रहण वाले गांवों को हर साल 2 करोड़ का विकास पैकेज.

चरखी दादरी: नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत की गई जमीन के लिए मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर किसान लंबे समय से धरना दे रहे हैं. इसी दौरान गांव ढाणी फोगाट में चल रहे किसानों के धरने में शामिल एक किसान की मौत हो गई. जिसके बाद से किसान आक्रोशित हो गए हैं.

किसानों का कहना है कि मृतक किसान की जमीन अधिग्रहित होने के बाद उचित मुआवजा नहीं मिलने से काफी समय से परेशान था. जिसके चलते वो लंबे समय से धरने पर बैठा था लेकिन इसी दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गर्ई.

ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर दादरी जिले के किसान गांव रामनगर और ढाणी फोगाट में करीब 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.

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मृतक किसान को दिया जाए 1 करोड़ मुआवजा और शहीद का दर्जा - किसान

मामले की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची. लेकिन किसानों ने पुलिस को बीना किसी कार्रवाई के लौटा दिया. सभी किसानों ने एकजुट होते हुए मृत किसान के परिवार को एक करोड़ मुआवजा, मृत को शहीद का दर्जा और मृत किसान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. किसानों ने एकजुट होकर कहा कि जब तक उनकी मांगों का लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाएगा, तब तक शव को नहीं उठाया जाएगा

मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, जेजेपी प्रदेश महासचिव उमेद पातुवास, किसान कांग्रेस नेता राजू मान सहित अनेक पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. सभी ने सरकार पर अन्याय का आरोप लगाया.

हालांकि दोपहर बाद एसडीएम संदीप अग्रवाल और डीएसपी रमेश कुमार धरने पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे. फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और किसान शव को रखकर धरना दे रहे हैं.

क्या है ग्रीन कॉरीडोर मामल?

चरखी दादरी से152 डी ग्रीन कॉरिडोर निकल रहा है, जिसमें 17 गांवों के करीब 300 किसानों की 680 एकड़ जमीन आ रही है. इसी जमीन की मुआवजा राशि बढा़ने को लेकर किसान पिछले लंबे समय से धरना दे रहे हैं.

ये हैं किसानों की मांगें

  • प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए का मुआवजा.
  • टोल टैक्स में किसानों की भागीदारी.
  • किसान परिवारों के युवाओं को एनएचआई में नौकरी.
  • जमीनों के अधिग्रहण वाले गांवों को हर साल 2 करोड़ का विकास पैकेज.
Intro:ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि का मामल:-
धरने पर बैठे किसान की मौत, जमीन को लेकर परेशान चल रहा था किसान
: किसानों ने मृत किसान को शहीद का दर्जा, परिवार सदस्य को सरकारी नौकरी व एक करोड़ मुआवजा मांगा
: पुलिस को बैरंग लौटाया, लिखित में आश्वासन मिलने तक शव नहीं उठाने का निर्णय लिया
: प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे, किसानों को मनाने का प्रयास जारी
चरखी दादरी। नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कारिडोर 152डी की अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर काफी समय से धरने पर बैठे किसान संघर्षरत हैं। शनिवार को गांव ढाणी फौगाट में चल रहे किसानों के धरने पर एक किसान की मौत हो गई। किसानों का कहना है कि मृत किसान की जमीन अधिग्रहीत होने के बाद उचित मुआवजा नहीं मिलने से काफी समय से परेशान था। जिसके चलते किसान ने धरने पर दम तोड़ दिया। हालांकि मौके पर पुलिस टीम पहुंची तो किसानों ने बैरंग लौटा दिया। किसान ने धरने पर एकजुट होते हुए मृत किसान के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा, शहीद का दर्जा, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी सहित धरनारत किसानों की मांगों का लिखित में आश्वासन मिलने तक शव को नहीं उठाने का निर्णय लिया। Body:ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर दादरी जिले के किसानों द्वारा गांव रामनगर व ढाणी फौगाट में करीब 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। पिछले दिनों प्रशासन द्वारा अधिग्रहीत जमीन का रिवाइज्ड रेट निर्धारित किया तो कुछ गांवों के किसानों की जमीन का रेट कर दिया गया था। जिसके बाद से आधा दर्जन गांवों के किसानों द्वारा गांव ढाणी फौगाट में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करते हुए रेट बढ़ाने व टोल टैक्स में किसानों की भागेदारी करने की मांग की गई। जिसके बाद से किसानों द्वारा दिन-रात धरना दिया जा रहा है।
धरने पर दिनरात संघर्ष कर रहे गांव ढाणी फौगाट निवासी 56 वर्षीय किसान रामौतार प्रतिदिन की तरह शनिवार को भी धरने पर बैठा था। सुबह किसान के सीने में दर्द हुआ। इस दौरान रामौतार ने अन्य किसानों को बताया कि उसके सीने में दर्द है क्योंकि उसकी जमीन जा रही है, पीछे बच्चे बेरोजगार हैं। ऐसे में वह सहन नहीं कर रहा है। ऐसे में किसान उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे तो रामौतार ने दम तोड़ दिया। किसान की मौत की सूचना मिलने पर आसपास के गांवों से किसान धरने पर एकजुट हो गए। वहीं सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो किसानों ने उन्हें बैरंग लौटा दिया। बाद में पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, जजपा प्रदेश महासचिव उमेद पातुवास, किसान कांग्रेस नेता राजू मान सहित अनेक नेता व खाप पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और सरकार पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया।Conclusion:धरने पर विभिन्न खापों व किसान नेताओं के साथ-साथ विभिन्न पार्टियों के नेता भी पहुंचे। यहां किसानों ने सर्वसम्मति से मृत किसान के शव को नहीं उठाने का निर्णय लिया। कहा कि मृत किसान को शहीद का दर्जा, परिजनों को एक करोड़ मुआवजा, परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी सहित धरनारत किसानों की मांगों का लिखित आश्वासन मिलने तक शव को उठाने नहीं देंगे। धरने की अध्यक्षता करते हुए फौगाट खाप के सचिव शमशेर फौगाट ने धरने पर कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय बारे अवगत करवाया। हालांकि दोपहर बाद एसडीएम संदीप अग्रवाल व डीएसपी रमेश कुमार धरने पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन अपनी मांगों पर अड़े रहे। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और किसान शव को धरने रखकर आगमी रणनीति बनाने में जुटे हैं।
विजवल:- 1
धरने पर बैठे किसान, धरने पर रखा किसान का शव, रणनीति बनाते, निर्णय लेते व उपस्थित पुलिस फोर्स के कट शाटस
बाईट:- 2
उमेद पातुवास व राजीव रामनगर, किसान
बाईट:- 3
शमशेर फौगाट, धरना अध्यक्ष
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