चरखी दादरी: नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत की गई जमीन के लिए मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर किसान लंबे समय से धरना दे रहे हैं. इसी दौरान गांव ढाणी फोगाट में चल रहे किसानों के धरने में शामिल एक किसान की मौत हो गई. जिसके बाद से किसान आक्रोशित हो गए हैं.
किसानों का कहना है कि मृतक किसान की जमीन अधिग्रहित होने के बाद उचित मुआवजा नहीं मिलने से काफी समय से परेशान था. जिसके चलते वो लंबे समय से धरने पर बैठा था लेकिन इसी दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गर्ई.
ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर दादरी जिले के किसान गांव रामनगर और ढाणी फोगाट में करीब 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
मृतक किसान को दिया जाए 1 करोड़ मुआवजा और शहीद का दर्जा - किसान
मामले की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची. लेकिन किसानों ने पुलिस को बीना किसी कार्रवाई के लौटा दिया. सभी किसानों ने एकजुट होते हुए मृत किसान के परिवार को एक करोड़ मुआवजा, मृत को शहीद का दर्जा और मृत किसान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. किसानों ने एकजुट होकर कहा कि जब तक उनकी मांगों का लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाएगा, तब तक शव को नहीं उठाया जाएगा
मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, जेजेपी प्रदेश महासचिव उमेद पातुवास, किसान कांग्रेस नेता राजू मान सहित अनेक पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. सभी ने सरकार पर अन्याय का आरोप लगाया.
हालांकि दोपहर बाद एसडीएम संदीप अग्रवाल और डीएसपी रमेश कुमार धरने पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे. फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और किसान शव को रखकर धरना दे रहे हैं.
क्या है ग्रीन कॉरीडोर मामल?
चरखी दादरी से152 डी ग्रीन कॉरिडोर निकल रहा है, जिसमें 17 गांवों के करीब 300 किसानों की 680 एकड़ जमीन आ रही है. इसी जमीन की मुआवजा राशि बढा़ने को लेकर किसान पिछले लंबे समय से धरना दे रहे हैं.
ये हैं किसानों की मांगें
- प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए का मुआवजा.
- टोल टैक्स में किसानों की भागीदारी.
- किसान परिवारों के युवाओं को एनएचआई में नौकरी.
- जमीनों के अधिग्रहण वाले गांवों को हर साल 2 करोड़ का विकास पैकेज.