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ग्रीन कॉरिडोर 152डी मामला: किसानों ने मुआवजा के नाम पर मांगी 'आजादी' - ग्रीन कॉरिडोर 152डी मामला चरखी दादरी

किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का नए सिरे से रिवाइज्ड रेट करते हुए प्रति एकड़ एक करोड़ रुपए की राशि दी जाए. हालांकि सरकार और प्रशासन द्वारा जमीन के रेट रिवाइज्ड भी किए गए थे. बावजूद इसके किसान सहमत नहीं हैं.

Green Corridor 152D In Charkhi Dadri
Green Corridor 152D In Charkhi Dadri
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Published : Jan 26, 2020, 5:19 PM IST

चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूढ़ में हैं. किसानों ने गणतंत्र दिवस पर सरकार से मुआवजा वृद्धि के नाम पर आजादी मांगी. किसानों ने विधायक और मंत्रियों पर उनकी आवाज ना उठाने का आरोप लगाया.

11 महीने से धरने पर हैं 17 गांवों के किसान

किसानों ने कहा कि सरकार और प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वो बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. इसकी जिम्मेदार सरकार और प्रशासन होंगे. बता दें कि चरखी दादरी जिला के 17 गांवों के किसान 11 महीने से गांव रामनगर में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं.

न कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूढ़ में हैं.

ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग

किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का नए सिरे से रिवाइज्ड रेट करते हुए प्रति एकड़ एक करोड़ रुपए की राशि दी जाए. हालांकि सरकार और प्रशासन द्वारा जमीन के रेट रिवाइज्ड भी किए गए थे. बावजूद इसके किसान सहमत नहीं हैं.

किसानों ने रामनगर गांव में महिलाओं के साथ किया प्रदर्शन

गणतंत्र दिवस पर किसानों ने रामनगर गांव में महिलाओं के साथ एकजुट होते हुए रोष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की अगुवाई किसान नेता रमेश दलाल और धरना कमेटी अध्यक्ष विनोद मोड़ी ने संयुक्त रूप से की. इस दौरान किसानों नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश के विधायक व मंत्री उनकी मांगों से पूरी तरह वाजिब हैं.

ये भी पढ़ें- 71वां गणतंत्र दिवस : राजपथ पर देश ने देखी सैन्य ताकत संग संस्कृति की झांकी

बावजूद इसके किसानों की मांगों को उच्च स्तर पर उठाया नहीं जा रहा है. ऐसे में किसान अब आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन की जिम्मेदार सरकार और प्रशासन दोनों होंगे.

चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूढ़ में हैं. किसानों ने गणतंत्र दिवस पर सरकार से मुआवजा वृद्धि के नाम पर आजादी मांगी. किसानों ने विधायक और मंत्रियों पर उनकी आवाज ना उठाने का आरोप लगाया.

11 महीने से धरने पर हैं 17 गांवों के किसान

किसानों ने कहा कि सरकार और प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वो बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. इसकी जिम्मेदार सरकार और प्रशासन होंगे. बता दें कि चरखी दादरी जिला के 17 गांवों के किसान 11 महीने से गांव रामनगर में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं.

न कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूढ़ में हैं.

ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग

किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का नए सिरे से रिवाइज्ड रेट करते हुए प्रति एकड़ एक करोड़ रुपए की राशि दी जाए. हालांकि सरकार और प्रशासन द्वारा जमीन के रेट रिवाइज्ड भी किए गए थे. बावजूद इसके किसान सहमत नहीं हैं.

किसानों ने रामनगर गांव में महिलाओं के साथ किया प्रदर्शन

गणतंत्र दिवस पर किसानों ने रामनगर गांव में महिलाओं के साथ एकजुट होते हुए रोष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की अगुवाई किसान नेता रमेश दलाल और धरना कमेटी अध्यक्ष विनोद मोड़ी ने संयुक्त रूप से की. इस दौरान किसानों नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश के विधायक व मंत्री उनकी मांगों से पूरी तरह वाजिब हैं.

ये भी पढ़ें- 71वां गणतंत्र दिवस : राजपथ पर देश ने देखी सैन्य ताकत संग संस्कृति की झांकी

बावजूद इसके किसानों की मांगों को उच्च स्तर पर उठाया नहीं जा रहा है. ऐसे में किसान अब आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन की जिम्मेदार सरकार और प्रशासन दोनों होंगे.

Intro:ग्रीन कारिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मामला:-
गणतंत्र दिवस पर किसानों ने मुआवजा के नाम पर आजादी मांगी
: विधायक, मंत्री नहीं उठाना चाहते किसानों की मांगे
: अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे किसान
चरखी दादरी। ग्रीन कारिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसान अब आर-पार की लड़ाई लडऩे के मूढ में हैं। किसानों ने गणतंत्र दिवस पर सरकार से मुआवजा वृद्धि के नाम पर आजादी मांगी। किसानों ने विधायक व मंत्रियों पर उनकी आवाज नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए अल्टीमेटम दिया कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो अब किसान बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।Body:बता दें कि चरखी दादरी जिला के 17 गांवों के किसान पिछले 11 महीने से गांव रामनगर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों की मांग है कि ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का नये सिरे से रिवाइज्ड रेट करते हुए प्रति एकड़ एक करोड़ रुपए की राशि दी जाए। हालांकि सरकार व प्रशासन द्वारा जमीन के रेट रिवाइज्ड भी किए गए थे। बावजूद इसके किसान सहमत नहीं हैं।
गणतंत्र दिवस पर किसानों ने गांव रामनगर में महिलाओं के साथ एकजुट होते हुए रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अगुवाई किसान नेता रमेश दलाल व धरना कमेटी अध्यक्ष विनोद मोड़ी ने संयुक्त रूप से की। इस दौरान किसानों नेताओं ने सरकार को पर आरोप लगाया कि प्रदेश के विधायक व मंत्री उनकी मांगों से पूरी तरह वाजिब हैं। बावजूद इसके किसानों की मांगों को उच्च स्तर पर उठाया नहीं जा रहा है। ऐसे में किसान अब आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे।
बाईट:-
विनोद मोड़ी, किसान नेताConclusion:

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