चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूढ़ में हैं. किसानों ने गणतंत्र दिवस पर सरकार से मुआवजा वृद्धि के नाम पर आजादी मांगी. किसानों ने विधायक और मंत्रियों पर उनकी आवाज ना उठाने का आरोप लगाया.
11 महीने से धरने पर हैं 17 गांवों के किसान
किसानों ने कहा कि सरकार और प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वो बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. इसकी जिम्मेदार सरकार और प्रशासन होंगे. बता दें कि चरखी दादरी जिला के 17 गांवों के किसान 11 महीने से गांव रामनगर में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं.
ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग
किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहीत जमीन का नए सिरे से रिवाइज्ड रेट करते हुए प्रति एकड़ एक करोड़ रुपए की राशि दी जाए. हालांकि सरकार और प्रशासन द्वारा जमीन के रेट रिवाइज्ड भी किए गए थे. बावजूद इसके किसान सहमत नहीं हैं.
किसानों ने रामनगर गांव में महिलाओं के साथ किया प्रदर्शन
गणतंत्र दिवस पर किसानों ने रामनगर गांव में महिलाओं के साथ एकजुट होते हुए रोष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की अगुवाई किसान नेता रमेश दलाल और धरना कमेटी अध्यक्ष विनोद मोड़ी ने संयुक्त रूप से की. इस दौरान किसानों नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश के विधायक व मंत्री उनकी मांगों से पूरी तरह वाजिब हैं.
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बावजूद इसके किसानों की मांगों को उच्च स्तर पर उठाया नहीं जा रहा है. ऐसे में किसान अब आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए बड़ा आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन की जिम्मेदार सरकार और प्रशासन दोनों होंगे.