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ग्रीन कॉरिडोर पर मुआवजा विवाद, महिलाएं संभालेंगी धरने की कमान - etv bharat

ग्रीन कॉरिडोर 152-डी के मुआवजा वृद्धि को लेकर चरखी दादरी में धरने पर दो माह से किसानों ने धरने पर बैठे हैं. किसानों ने इस चुनाव में प्रत्याशियों का विरोध करने के लिए रणनीति बनाई है. महिलाएं धरना प्रदर्शन करेंगी वहीं गांव-गांव में जाकर प्रत्याशियों का विरोध करेंगे.

धरने पर बैठे किसान
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Published : Apr 20, 2019, 6:49 PM IST

चरखी दादरी: गांव रामनगर में पिछले दो माह से मुआवजा वृद्धि को लेकर किसान धरने पर हैं. दादरी जिले के 17 गांवों से निकलने वाले ग्रीन कॉरिडोर का किसान प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए मुआवजा की मांग कर रहे हैं. धरने पर बैठे किसान अब आर-पार की लड़ाई लडने के मूढ़ में हैं.

किसानों ने एकजुट होते हुए फैसला लिया कि 26 अप्रैल तक सरकार उनकी मांगों को लिखित रूप में करने बात करे, अन्यथा 27 अप्रैल से दादरी, बाढड़ा और महेंद्रगढ़ क्षेत्र में सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रत्यशीयों का विरोध करेंगे. इस दौरान धरने की कमान महिलाओं के हाथों रहेगी. किसान सरकार का विरोध करने के लिए गांव-गांव जाएंगे.

सरकार का विरोध करने की रणनीति बनाते किसान

धरने की अगुवाई कर रहे अनुप खातीवास और विनोद मोड़ी ने संयुक्त रूप से कहा कि 17 गांवों के किसान मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हैं. बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों पर कोई विचार तक नहीं कर रही है. इसलिए किसानों ने फैसला लिया है कि दादरी, बाढड़ा और महेंद्रगढ़ क्षेत्र में सीएम और प्रत्याशियों का विरोध किया जाएगा. प्रत्याशियों को काले झंडे दिखाकर विरोध करते हुए गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा.

किसान इससे पहले वर्तमान सांसद धर्मबीर सिंह का पहले भी काले झंडों से विरोध कर चुके हैं. अब क्षेत्र के किसी भी गांव में प्रचार नहीं करने देंगे और विरोध जारी रहेगा.

चरखी दादरी: गांव रामनगर में पिछले दो माह से मुआवजा वृद्धि को लेकर किसान धरने पर हैं. दादरी जिले के 17 गांवों से निकलने वाले ग्रीन कॉरिडोर का किसान प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए मुआवजा की मांग कर रहे हैं. धरने पर बैठे किसान अब आर-पार की लड़ाई लडने के मूढ़ में हैं.

किसानों ने एकजुट होते हुए फैसला लिया कि 26 अप्रैल तक सरकार उनकी मांगों को लिखित रूप में करने बात करे, अन्यथा 27 अप्रैल से दादरी, बाढड़ा और महेंद्रगढ़ क्षेत्र में सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रत्यशीयों का विरोध करेंगे. इस दौरान धरने की कमान महिलाओं के हाथों रहेगी. किसान सरकार का विरोध करने के लिए गांव-गांव जाएंगे.

सरकार का विरोध करने की रणनीति बनाते किसान

धरने की अगुवाई कर रहे अनुप खातीवास और विनोद मोड़ी ने संयुक्त रूप से कहा कि 17 गांवों के किसान मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हैं. बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों पर कोई विचार तक नहीं कर रही है. इसलिए किसानों ने फैसला लिया है कि दादरी, बाढड़ा और महेंद्रगढ़ क्षेत्र में सीएम और प्रत्याशियों का विरोध किया जाएगा. प्रत्याशियों को काले झंडे दिखाकर विरोध करते हुए गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा.

किसान इससे पहले वर्तमान सांसद धर्मबीर सिंह का पहले भी काले झंडों से विरोध कर चुके हैं. अब क्षेत्र के किसी भी गांव में प्रचार नहीं करने देंगे और विरोध जारी रहेगा.

Intro:ग्रीन कॉरिडोर का मुआवजा वृद्धि को लेकर धरने पर बैठे किसानों का बड़ा फैसला:-
महिलाएं धरने का कमान संभालेंगी, सरकार व भाजपा का विरोध करेंगे किसान
: काले झंडों से करेंगे विरोध, गांवों में नहीं घुसने देंगे भाजपाइयों को
: दो माह से धरने पर बैठे किसानों ने किया रोष प्रदर्शन, बनाई रणनीति
चरखी दादरी। ग्रीन कॉरिडोर 152 डी के मुआवजा वृद्धि को लेकर चरखी दादरी में धरने पर पिछले दो माह से बैठे किसानों ने आर-पार की लड़ाई लडऩे का फैसला लिया है। किसान अब मुअवजा वृद्धि सहित सभी मांगें सरकार से लिखित में लेना चाहते हैं। इस दौरान किसानों ने रणनीति तैयार करते हुए फैसला लिया कि 27 अपै्रल से धरने का कमान महिलाओं के हाथों में होगी और किसान प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ भाजपा प्रत्याशी का विरोध करते हुए गांव में घुसने नहीं देंगे। विरोध करने व गांव में आने से रोकने के लिए कमेटियों का भी गठन किया गया। Body:चरखी दादरी के गांव रामनगर में पिछले दो माह से मुआवजा वृद्धि को लेकर किसान धरने पर हैं। दादरी जिले के 17 गांवों से निकलने वाले ग्रीन कॉरिडोर का किसान प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए मुआवजा की मांग कर रहे हैं। धरने पर बैठे किसान अब आर-पार की लड़ाई लडऩे के मूढ में हैं। इसी कड़ी में किसानों ने एकजुट होते हुए फैसला लिया कि 26 अपै्रल तक सरकार उनकी मांगों को लिखित रूप में पूरा करने बात करें। अन्यथा 27 अपै्रल से दादरी, बाढड़ा व महेंद्रगढ़ क्षेत्र में सरकार प्रतिनिधियों के साथ-साथ भाजपा प्रत्यशी का विरोध करेंगे। इस दौरान धरने की कमान महिलाओं के हाथों रहेगी और किसान सरकार का विरोध करने के लिए गांव-गांव जाएंगे। Conclusion:धरने की अगुवाई कर रहे अनुप खातीवास व विनोद मोड़ी ने संयुक्त रूप से कहा कि 17 गांवों के किसान मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हैं। बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों पर कोई विचार तक नहीं कर रही है। इसलिए किसानों ने फैसला लिया है कि दादरी, बाढड़ा व महेंद्रगढ़ क्षेत्र में सीएम, एमएलए या भाजपा के प्रत्याशियों का विरोध किया जाएगा। भाजपाइयों का काले झंडे दिखाकर विरोध करते हुए गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि भाजपा के निवर्तमान सांसद धर्मबीर सिंह का पहले भी काले झंडों से विरोध कर चुके हैं। अब क्षेत्र के किसी भी गांव में प्रचार नहीं करने देंगे और विरोध जारी रहेगा।
विजवल:- 1
धरने पर बैठे किसान, रणनीति बनाते हुए, लिए गए फैसले बारे जानकारी देते, रोष व विरोध प्रदर्शन करते किसानों के कट शाटस
बाईट:- 2
विनोद मोड़ी, किसान नेता
बाईट:- 3
अनुप खातीवास, किसान
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