चरखी दादरी: गंगेहड़ी से नारनौल तक बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर किसान ढाई महीने से धरने पर बैठे हैं. किसानों ने सरकार और अधिकारियों पर कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
जिला प्रशासन की ओर से जिले के 17 गांवों के किसानों को नोटिस जारी कर जमीन को खाली कर देने ले लिए कहा गया है. साथ ही जमीन न देने पर पुलिस बल के साथ कब्जा लेने का जिक्र भी किया गया है.
ये भी पढ़ें:-महिला की जातिसूचक टिप्पणी पर लोगों में रोष, सड़क पर उतरने की दी धमकी
इस मामले को लेकर किसानों ने सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि वे मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखेंगे. अपना हक पाने के लिए किसान जेल भरने के लिए भी तैयार हैं. किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव नहीं देंगे.
कुछ दिन पहले सीएम और अधिकारियों के बीच बनी सहमति
दिन पहले किसानों की जिला प्रशासनिक अधिकारी और सीएम के साथ वार्ता हुई थी. जिसमें अधिग्रहीत जमीन का जारी अवॉर्ड को रिवाइज्ड करने पर सहमती बनी थी. बावजूद इसके प्रशासन द्वारा किसानों को जमीन अधिग्रहण का नोटिस जारी कर दिया है. जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि किसानों को निर्धारित रेट अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा.
ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा वृद्धि मामला
राजस्थान से पंजाब की दूरी 80 किलोमीटर कम करने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया ग्रीन कॉरिडोर बना रही है. यह ग्रीन कॉरिडोर चरखी दादरी जिले के करीब 17 गांव से होकर गुजरेगा.
राजस्थान व पंजाब को नजदीक करने के लिए इस्माइलाबाद के गंगहेड़ी से लेकर नारनौल बाईपास तक करीब 230 किलोमीटर लंबा 6 लेन ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाना है. इसके निर्माण के लिए 7500 करोड़ की राशि भी मंजूर हो चुकी है. जिले के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने ग्रीन कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की जमीन का कलेक्टर रेट से ढाई गुना मुआवजा घोषित किया हुआ है.
किसान इस मुआवजा राशि को कम बताकर पिछले ढाई महीने से धरने पर बैठे हैं. किसनों का कहना है कि किसान अपनी जमीन को कोड़ियों के भाव नहीं देंगे. किसनों ने जमीन की मार्केट वेल्यू के आधार पर कलेक्टर रेट रिवाइज कर मुआवजा निर्धारित करवाने की है.