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ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा वृद्धि: किसानों ने मानवाधिकार आयोग जाने की दी चेतावनी

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Published : May 17, 2019, 1:35 PM IST

ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा वृद्धि पर किसान ढाई महीने से धरने पर बैठे हैं. प्रशासन की ओर से किसानों को जमीन खाली करने का नोटिस जारी किया गया है. इस पर प्रशासन ने पुलिस बल का जिक्र भी किया गया है.

धरने पर बैठे किसान

चरखी दादरी: गंगेहड़ी से नारनौल तक बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर किसान ढाई महीने से धरने पर बैठे हैं. किसानों ने सरकार और अधिकारियों पर कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

धरने पर बैठे किसान

जिला प्रशासन की ओर से जिले के 17 गांवों के किसानों को नोटिस जारी कर जमीन को खाली कर देने ले लिए कहा गया है. साथ ही जमीन न देने पर पुलिस बल के साथ कब्जा लेने का जिक्र भी किया गया है.

ये भी पढ़ें:-महिला की जातिसूचक टिप्पणी पर लोगों में रोष, सड़क पर उतरने की दी धमकी

इस मामले को लेकर किसानों ने सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि वे मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखेंगे. अपना हक पाने के लिए किसान जेल भरने के लिए भी तैयार हैं. किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव नहीं देंगे.

कुछ दिन पहले सीएम और अधिकारियों के बीच बनी सहमति

दिन पहले किसानों की जिला प्रशासनिक अधिकारी और सीएम के साथ वार्ता हुई थी. जिसमें अधिग्रहीत जमीन का जारी अवॉर्ड को रिवाइज्ड करने पर सहमती बनी थी. बावजूद इसके प्रशासन द्वारा किसानों को जमीन अधिग्रहण का नोटिस जारी कर दिया है. जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि किसानों को निर्धारित रेट अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा.

ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा वृद्धि मामला

राजस्थान से पंजाब की दूरी 80 किलोमीटर कम करने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया ग्रीन कॉरिडोर बना रही है. यह ग्रीन कॉरिडोर चरखी दादरी जिले के करीब 17 गांव से होकर गुजरेगा.

राजस्थान व पंजाब को नजदीक करने के लिए इस्माइलाबाद के गंगहेड़ी से लेकर नारनौल बाईपास तक करीब 230 किलोमीटर लंबा 6 लेन ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाना है. इसके निर्माण के लिए 7500 करोड़ की राशि भी मंजूर हो चुकी है. जिले के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने ग्रीन कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की जमीन का कलेक्टर रेट से ढाई गुना मुआवजा घोषित किया हुआ है.

किसान इस मुआवजा राशि को कम बताकर पिछले ढाई महीने से धरने पर बैठे हैं. किसनों का कहना है कि किसान अपनी जमीन को कोड़ियों के भाव नहीं देंगे. किसनों ने जमीन की मार्केट वेल्यू के आधार पर कलेक्टर रेट रिवाइज कर मुआवजा निर्धारित करवाने की है.

चरखी दादरी: गंगेहड़ी से नारनौल तक बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर किसान ढाई महीने से धरने पर बैठे हैं. किसानों ने सरकार और अधिकारियों पर कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

धरने पर बैठे किसान

जिला प्रशासन की ओर से जिले के 17 गांवों के किसानों को नोटिस जारी कर जमीन को खाली कर देने ले लिए कहा गया है. साथ ही जमीन न देने पर पुलिस बल के साथ कब्जा लेने का जिक्र भी किया गया है.

ये भी पढ़ें:-महिला की जातिसूचक टिप्पणी पर लोगों में रोष, सड़क पर उतरने की दी धमकी

इस मामले को लेकर किसानों ने सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि वे मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखेंगे. अपना हक पाने के लिए किसान जेल भरने के लिए भी तैयार हैं. किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव नहीं देंगे.

कुछ दिन पहले सीएम और अधिकारियों के बीच बनी सहमति

दिन पहले किसानों की जिला प्रशासनिक अधिकारी और सीएम के साथ वार्ता हुई थी. जिसमें अधिग्रहीत जमीन का जारी अवॉर्ड को रिवाइज्ड करने पर सहमती बनी थी. बावजूद इसके प्रशासन द्वारा किसानों को जमीन अधिग्रहण का नोटिस जारी कर दिया है. जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि किसानों को निर्धारित रेट अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा.

ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा वृद्धि मामला

राजस्थान से पंजाब की दूरी 80 किलोमीटर कम करने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया ग्रीन कॉरिडोर बना रही है. यह ग्रीन कॉरिडोर चरखी दादरी जिले के करीब 17 गांव से होकर गुजरेगा.

राजस्थान व पंजाब को नजदीक करने के लिए इस्माइलाबाद के गंगहेड़ी से लेकर नारनौल बाईपास तक करीब 230 किलोमीटर लंबा 6 लेन ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाना है. इसके निर्माण के लिए 7500 करोड़ की राशि भी मंजूर हो चुकी है. जिले के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने ग्रीन कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की जमीन का कलेक्टर रेट से ढाई गुना मुआवजा घोषित किया हुआ है.

किसान इस मुआवजा राशि को कम बताकर पिछले ढाई महीने से धरने पर बैठे हैं. किसनों का कहना है कि किसान अपनी जमीन को कोड़ियों के भाव नहीं देंगे. किसनों ने जमीन की मार्केट वेल्यू के आधार पर कलेक्टर रेट रिवाइज कर मुआवजा निर्धारित करवाने की है.

Intro:ग्रीन कारिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि का मामला:-
किसानों को नोटिस जारी, जमीन नहीं देंगे तो पुलिस बल के साथ लेंगे कब्जा
: जिला प्रशासन ने जारी किया नोटिस, किसान बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में
चरखी दादरी। गंगेहड़ी से नारनौल तक बनने वाले ग्रीन कारिडोर 152डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों ने सरकार व अधिकारियों पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। जिला प्रशासन की ओर से जिले के 17 गांवों के किसानों को नोटिस जारी कर जमीन देने का कहा है। साथ ही जमीन नहीं देने पर पुलिस बल के साथ कब्जा लेने का जिक्र किया है। इस मामले को लेकर किसानों ने सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मानवाधिकार को पत्र लिखेंगे। अपना हक पाने के लिए जेल भरने का आंदोलन भी करने को तैयार हैं।Body:चरखी दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गांव रामनगर में पिछले अढ़ाई माह से जमीन का नये कलेक्टर रेट निर्धारित कर मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। पिछले दिनों किसानों की जिला के प्रशासनिक अधिकारियों व सीएम के साथ वार्ता हुई थी। जिसमें अधिग्रहीत जमीन का जारी अवार्ड को रिवाइज्ड करने पर सहमती भी बनी थी। बावजूद इसके प्रशासन द्वारा किसानों को जमीन अधिग्रहण का नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि किसानों को निर्धारित रेट अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस बल के साथ जमीन अधिग्रहण की जाएगी। नोटिस आते ही किसानों में रोष उत्पन्न हो गया और धरने पर एकजुट होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।
बाक्स:-
किसानों के साथ हुआ धोख, लेंगे बड़ा फैसला
धरने की अध्यक्षता करते हुए किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि सरकार व प्रशासन द्वारा किसानों के साथ धोखा किया गया है। किसान नेता ने प्रशासनिक अधिकारियों पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले को वे मानवाधिकार आयोग में लेकर जाएगें। अगर जेल भरो आंदोलन शुरू करना पड़ा तो भी करेंगे। किसान कौडिय़ों के भाव सरकार को अपनी जमीन नहीं देंगे। 23 मई को बड़ी पंचायत बुलाकर बड़ा आंदोलन का निर्णय लेंगे।
विजवल:- 1
धरने पर बैठे किसान, रणनीति बनाते हुए, विचार-विमर्श करते व रोष प्रदर्शन करते किसानों के कट शाटस
बाईट:- 2
रमेश दलाल, किसान नेताConclusion:ग्रीन कारिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि का मामला:-
किसानों को नोटिस जारी, जमीन नहीं देंगे तो पुलिस बल के साथ लेंगे कब्जा
: जिला प्रशासन ने जारी किया नोटिस, किसान बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में
चरखी दादरी। गंगेहड़ी से नारनौल तक बनने वाले ग्रीन कारिडोर 152डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों ने सरकार व अधिकारियों पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। जिला प्रशासन की ओर से जिले के 17 गांवों के किसानों को नोटिस जारी कर जमीन देने का कहा है। साथ ही जमीन नहीं देने पर पुलिस बल के साथ कब्जा लेने का जिक्र किया है। इस मामले को लेकर किसानों ने सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मानवाधिकार को पत्र लिखेंगे। अपना हक पाने के लिए जेल भरने का आंदोलन भी करने को तैयार हैं।
चरखी दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गांव रामनगर में पिछले अढ़ाई माह से जमीन का नये कलेक्टर रेट निर्धारित कर मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। पिछले दिनों किसानों की जिला के प्रशासनिक अधिकारियों व सीएम के साथ वार्ता हुई थी। जिसमें अधिग्रहीत जमीन का जारी अवार्ड को रिवाइज्ड करने पर सहमती भी बनी थी। बावजूद इसके प्रशासन द्वारा किसानों को जमीन अधिग्रहण का नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि किसानों को निर्धारित रेट अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस बल के साथ जमीन अधिग्रहण की जाएगी। नोटिस आते ही किसानों में रोष उत्पन्न हो गया और धरने पर एकजुट होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।
बाक्स:-
किसानों के साथ हुआ धोख, लेंगे बड़ा फैसला
धरने की अध्यक्षता करते हुए किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि सरकार व प्रशासन द्वारा किसानों के साथ धोखा किया गया है। किसान नेता ने प्रशासनिक अधिकारियों पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले को वे मानवाधिकार आयोग में लेकर जाएगें। अगर जेल भरो आंदोलन शुरू करना पड़ा तो भी करेंगे। किसान कौडिय़ों के भाव सरकार को अपनी जमीन नहीं देंगे। 23 मई को बड़ी पंचायत बुलाकर बड़ा आंदोलन का निर्णय लेंगे।
विजवल:- 1
धरने पर बैठे किसान, रणनीति बनाते हुए, विचार-विमर्श करते व रोष प्रदर्शन करते किसानों के कट शाटस
बाईट:- 2
रमेश दलाल, किसान नेता
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