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हरियाणा: युवती के इलाज के लिए डॉक्टरों ने तोड़ी हड़ताल, लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बच पाई जान

हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में मंगलवार को ओपीडी बंद रही. मांगों को लेकर चिकित्सक हड़ताल पर रहे लेकिन चरखी दादरी में डाक्टरों ने अपना फर्ज (Doctor Strike In Haryana) निभाया. सिविल अस्पताल में सामूहिक अवकाश पर गए डॉक्टर एक महिला की जान बचाने के लिए इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गए. हालांकि डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद भी युवती की जान नहीं बचाई जा सकी.

Doctor Break Strike In Charkhi Dadri
डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद भी युवती की जान नहीं बचाई जा सकी.
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Published : Jan 11, 2022, 2:31 PM IST

Updated : Jan 11, 2022, 3:58 PM IST

चरखी दादरी: अगर पृथ्वी पर किसी ने भगवान को देखा है तो वो सिर्फ सफेद कोट पहने दिन-रात काम करने वाले डॉक्टर्स ही हो सकते हैं. इसका जीता जागता उदाहरण मंगलवार को चरखीदादारी में देखने को (Doctor Break Strike In Charkhi Dadri) मिला. दरअसल हरियाणा में मंगलवार को के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद रही. मांगों को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर रहे लेकिन हड़ताल के बीच यहां कुछ डॉक्टरों ने अपने फर्ज को अहमियत दी. सिविल अस्पताल में सामूहिक अवकाश पर गए डॉक्टर एक युवती की जान बचाने के लिए धरना छोड़ इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गए.


जानकारी के अनुसार 21 साल की युवती ने मंगलवार सुबह घर पर संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगा ली. इसकी सूचना मिलने पर डायल 112 की टीम युवती के घर पहुंची. वहां से युवती को सिविल अस्पताल लाया गया. ये देखते ही अस्पताल के मेन गेट पर बैठकर धरना दे रहे डॉक्टर्स वहां से उठकर तुरंत इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे और युवती की जान बचाने की कोशिश में जुट गए. हालांकि लाख कोशिशों के बाद भी डॉक्टर इस युवती की जान नहीं बचा पाए.

सरकारी अस्पताल के डॉक्टर दीपक कुमार ने बताया कि उनकी हड़ताल चल रही थी. वे धरने पर बैठे हुए थे. इसी दौरान एक युवती गंभीर हालत में एमरजेंसी में आई तो तुरंत हड़ताली डाक्टर अपना फर्ज निभाने के दौड़ पड़े. मैने अपने साथियों के साथ युवती की जान बचाने के लिए काफी प्रयास भी किए. बावजूद इसके हम उसकी जान नहीं बचा पाए.

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चरखी दादरी: अगर पृथ्वी पर किसी ने भगवान को देखा है तो वो सिर्फ सफेद कोट पहने दिन-रात काम करने वाले डॉक्टर्स ही हो सकते हैं. इसका जीता जागता उदाहरण मंगलवार को चरखीदादारी में देखने को (Doctor Break Strike In Charkhi Dadri) मिला. दरअसल हरियाणा में मंगलवार को के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद रही. मांगों को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर रहे लेकिन हड़ताल के बीच यहां कुछ डॉक्टरों ने अपने फर्ज को अहमियत दी. सिविल अस्पताल में सामूहिक अवकाश पर गए डॉक्टर एक युवती की जान बचाने के लिए धरना छोड़ इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गए.


जानकारी के अनुसार 21 साल की युवती ने मंगलवार सुबह घर पर संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगा ली. इसकी सूचना मिलने पर डायल 112 की टीम युवती के घर पहुंची. वहां से युवती को सिविल अस्पताल लाया गया. ये देखते ही अस्पताल के मेन गेट पर बैठकर धरना दे रहे डॉक्टर्स वहां से उठकर तुरंत इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे और युवती की जान बचाने की कोशिश में जुट गए. हालांकि लाख कोशिशों के बाद भी डॉक्टर इस युवती की जान नहीं बचा पाए.

सरकारी अस्पताल के डॉक्टर दीपक कुमार ने बताया कि उनकी हड़ताल चल रही थी. वे धरने पर बैठे हुए थे. इसी दौरान एक युवती गंभीर हालत में एमरजेंसी में आई तो तुरंत हड़ताली डाक्टर अपना फर्ज निभाने के दौड़ पड़े. मैने अपने साथियों के साथ युवती की जान बचाने के लिए काफी प्रयास भी किए. बावजूद इसके हम उसकी जान नहीं बचा पाए.

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Last Updated : Jan 11, 2022, 3:58 PM IST
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