चरखी दादरी: नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कॉरिडोर 152डी की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर गांव ढाणी फौगाट में धरने पर बैठे किसान की शनिवार को मौत हो गई थी. जिसके बाद से इस मामले ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया और पिछले 24 घंटे से लगातार शव के साथ किसान, राजनीतिक और अन्य संगठनों के सदस्य डटे हुए थे.
सोमवार को दिनभर प्रशासन की किसानों से कई दौर की वार्ताएं हुई. काफी देर बाद प्रशासन ने किसानों को दिए आश्वासन पर सहमति बनी. डीसी धर्मबीर सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि मृतक किसान के आश्रितों को 15 लाख की आर्थिक सहायता और दोनों बेटों को डीसी रेट पर नौकरी दी जाएगी.
शहीद का दर्जा देने की मांग पर उन्होंने इस संबंध में सरकार को पत्र लिखने का आश्वासन दिया. जिसके बाद किसानों ने शव को उठाया और 54 घंटे बाद गांव में अंतिम संस्कार किया गया.
बता दें कि शनिवार को गांव ढाणी फौगाट में धरने पर बैठे 56 वर्षीय किसान रामौतार के सीने में दर्द होने से मौत हो गई थी. किसान की मौत के बाद जिलेभर के किसान और अन्य संगठनों के सदस्य धरनास्थल पर पहुंच गए थे.
धरने पर ही किसानों ने निर्णय लेते हुए मृत किसान को शहीद का दर्जा, आश्रितों को एक करोड़ की सहायता और दोनों बेटों को सरकारी नौकरी की मांग की थी.
बता दें कि यहां कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, जेजेपी प्रदेश महासचिव उमेद पातुवास, किसान कांग्रेसी नेता राजू मान, विजय सांगवान सहित कई पार्टियों के नेता और पदाधिकारी समर्थन में पहुंचे. किसान संगठन, खापों के पदाधिकारियों सहित सामाजिक संगठनों ने भी किसानों की मांगों को जायज बताया.