चरखी दादरी: हरियाणा के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर तेजी से बागवानी की तरफ रुख कर रहे हैं. इससे लागत और मेहनत तो कम लगती ही है मुनाफा भी ज्यादा होता है. ऐसे ही एक किसान हैं पवन कुमार. चरखी दादरी के पवन कुमार ने बागवानी के साथ ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती कर दूसरों किसानों के लिए मिसाल पेश की है. पवन की गिनती हरियाणा के प्रगतिशील किसानों में होती है.
किसान पवन कुमार एक सीजन में तीन फसलें पैदा कर परंपरागत खेती के मुकाबले काफी कमाई कर रहे हैं. किसान पवन कुमार को एक सीजन में प्रति एकड़ से पांच से सात लाख रुपये की कमाई हो रही है. टपका विधि से जहर मुक्त फसलें उगाकर वो लोगों से पानी बचाने का भी आह्वान कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों ने भी किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए रसायन मुक्त खेती करने की सलाह दी है.
चरखी दादरी के असावरी गांव के किसान पवन कुमार करीब 5 साल से बागवानी के साथ ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती कर रहे हैं. किसान ने अपने 9 एकड़ में किन्नू, मौसमी और अमरूद का बाग लगाया है. बाग में लगे पेड़ों के बीच ही तरबूज, खरबूजा, घीया, टिंडा, कद्दू, ककड़ी, बैंगन की सब्जी लगाई है. इस समय किसान के खेत में घीया, बैंगन व टिंडा की तैयार फसल मार्केट में भेज रहे हैं.
किसान ने अपने खेत में ही देसी खाद तैयार करके, बिना रसायन की खेती कर रहे हैं. वो लोगों को जहर मुक्त फल-सब्जियां मार्केट रेट पर ही उपलब्ध करवाकर प्रति वर्ष पांच से सात लाख रुपए की खासी कमाई कर रहे हैं. किसान पवन कुमार ने बताया कि सरकार की योजनाओं से फल-सब्जियों की खेती करने में सब्सिडी मिल रही है. सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए दूसरे किसान भी परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
पवन को देखते हुए उनके गांव के कुछ अन्य किसानों ने भी सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दी है. किसान ने बताया कि करीब 9 एकड़ में उन्होंने बाग लगाया है. उसके साथ ही सब्जियों की खेती भी लगाई है. कृषि वैज्ञानिक चंद्रभान ने बताया कि किसान अब परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक विधि से सब्जी की भी फार्मिंग कर रहे हैं. सरकार की योजनाओं से किसानों को काफी फायदा मिल रहा है. उन्होंने अन्य किसानों को भी रसायन मुक्त व ऑग्रेनिक खेती करने का आह्वान किया है.
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