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चरखी दादरी: बारिश में भीगने से हजारों क्विंटल बाजरा हुआ खराब, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

चरखी दादरी में हजारों क्विंटल बाजरा पानी की भेंट चढ़ चुका है. गुरुवार को हुई जोरदार बारिश ने किसानों की महनत पर पानी फेर दिया है. मंडी अधिकारियों ने बारिश से बचाव करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं, यहां तक की कोई कुछ बोलने को भी तैयार नहीं है.

चरखी दादरी
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Published : Nov 7, 2019, 10:49 PM IST

चरखी दादरी: झमाझम बारिश के बीच मंडी में पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा पानी की भेंट चढ़कर खराब हो गया है. तीन बार बारिश होने के बावजूद भी मंडी अधिकारियों के सूध नहीं लेने पर किसान और आढ़तियों ने रोष जताया है. हालांकि मंडी प्रशासन ने दावे किए थे कि मौसम खराब होने के बाद बारिश के बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बावजूद इसके लाखों रुपए का बाजरा पानी में भीगकर खराब हो गया है.

बारिश से खुले में पड़ा बाजरा पानी से लबालब, देखें वीडियो

बारिश से कैसे बचेगा बाजरा ?
बता दें कि इस मौसम में एक अक्तूबर से सरकार ने बाजरा खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी. सरकारी खरीद होने के बाद से अभी तक तीन बार बारिश हो चुकी है, लेकिन बारिश से बाजरे को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. ऐसे में स्पष्ट देखा जा रहा है कि बारिश से फसल को बचाने के लिए मंडी अधिकारियों ने सिर्फ दावे ही किए थे.

ये भी पढ़ें- किसानों ने पराली नहीं जलाने का लिया संकल्प, प्रदूषण पर कहा 'सरकार से ज्यादा हमें चिंता'

मार्केट कमेटी के सचिव ने साधी चुप्पी
मिली जानकारी के अनुसार मंडी में करीब तीन लाख क्विंटल बाजरे की खरीद की गई है. गुरुवार को हुई बारिश के कारण खुले में पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा बारिश की भेंट चढ़ गया है. इतना ही नहीं बल्कि तीन बार हुई बारिश के कारण बाजरे के दाने काले पड़ गए हैं. अगर मंडी से बाजरे का उठान नहीं हुआ तो यो गोदामों में जाने से पहले ही सड़ जाएगा. इस संबंध में मार्केट कमेटी के सचिव बसंत कुमार ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है.

मंडी अधिकारियों का रवैया खराब
मंडी प्रधान रामकुमार रिटोलिया ने बताया कि तीन बार बारिश होने के बाद भी मंडी अधिकारियों का रवैया खराब है. अधिकारियों के इसी रवैये के चलते लाखों रुपए का बाजरा पानी की भेंट चढ़ गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि अगर उठान नहीं हुआ तो बाजरा पूरी तरह से सड़ जाएगा.

चरखी दादरी: झमाझम बारिश के बीच मंडी में पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा पानी की भेंट चढ़कर खराब हो गया है. तीन बार बारिश होने के बावजूद भी मंडी अधिकारियों के सूध नहीं लेने पर किसान और आढ़तियों ने रोष जताया है. हालांकि मंडी प्रशासन ने दावे किए थे कि मौसम खराब होने के बाद बारिश के बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बावजूद इसके लाखों रुपए का बाजरा पानी में भीगकर खराब हो गया है.

बारिश से खुले में पड़ा बाजरा पानी से लबालब, देखें वीडियो

बारिश से कैसे बचेगा बाजरा ?
बता दें कि इस मौसम में एक अक्तूबर से सरकार ने बाजरा खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी. सरकारी खरीद होने के बाद से अभी तक तीन बार बारिश हो चुकी है, लेकिन बारिश से बाजरे को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. ऐसे में स्पष्ट देखा जा रहा है कि बारिश से फसल को बचाने के लिए मंडी अधिकारियों ने सिर्फ दावे ही किए थे.

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मार्केट कमेटी के सचिव ने साधी चुप्पी
मिली जानकारी के अनुसार मंडी में करीब तीन लाख क्विंटल बाजरे की खरीद की गई है. गुरुवार को हुई बारिश के कारण खुले में पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा बारिश की भेंट चढ़ गया है. इतना ही नहीं बल्कि तीन बार हुई बारिश के कारण बाजरे के दाने काले पड़ गए हैं. अगर मंडी से बाजरे का उठान नहीं हुआ तो यो गोदामों में जाने से पहले ही सड़ जाएगा. इस संबंध में मार्केट कमेटी के सचिव बसंत कुमार ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है.

मंडी अधिकारियों का रवैया खराब
मंडी प्रधान रामकुमार रिटोलिया ने बताया कि तीन बार बारिश होने के बाद भी मंडी अधिकारियों का रवैया खराब है. अधिकारियों के इसी रवैये के चलते लाखों रुपए का बाजरा पानी की भेंट चढ़ गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि अगर उठान नहीं हुआ तो बाजरा पूरी तरह से सड़ जाएगा.

Intro:बारिश से खुले में पड़ा बाजरा पानी से लबालब, दाना काला पड़ा
: तीन बार बारिश होने के बाद भी मंडी अधिकारी नहीं संभले
चरखी दादरी। झमाझम बारिश के बीच मंडी में पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा पानी की भेंट चढ़कर खराब हो गया है। तीन बार बारिश होने के बावजूद भी मंडी अधिकारियों द्वारा सूध नहीं लेने पर किसान व आढतियों ने रोष जताया है। हालांकि मंडी प्रशासन द्वारा दावे किए थे कि मौसम खराब होने के बाद बारिश के बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बावजूद इसके लाखों रुपए का बाजरा पानी से भिगकर खराब हो गया है। ऐसे में मंडी अधिकारी कुछ कहने से बच रहे हैं।Body:बता दें कि इस मौसम में एक अक्तूबर से सरकार द्वारा सरकारी रेट पर बाजरा खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी। सरकारी खरीद होने से अब तक तीन बार बारिश हो चुकी है। लेकिन बारिश से बाजरा को बचाने के लिए कोई प्रयास तक नहीं किए गए हैं। ऐसे में स्पष्ट देखा जा रहा है कि बारिश से फसल को बचाने के लिए मंडी अधिकारियों द्वारा सिर्फ दावे ही किए थे। मंडी में करीब तीन लाख क्विंटल बाजरा की खरीद की गई है। वीरवार को हुई बारिश के कारण खुले में पड़ा हजारों क्विंटल बाजरा बारिश की भेंट चढ़ गया है। इतना ही नहीं बल्कि तीन बार हुई बारिश के कारण बाजरा के दाने काले पड़ गए हैं। अगर मंडी से बाजरा का उठान नहीं हुआ तो यह गोदामों में जाने से पूर्व ही सड़ जाएगा। हालांकि इस संबंध में मार्केट कमेटी के सचिव बसंत कुमार ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
बाक्स:-
मंडी अधिकारियों का रवैया खराब
मंडी प्रधान रामकुमार रिटोलिया ने बताया कि तीन बार बारिश होने के बाद भी मंडी अधिकारियों का रवैया खराब है। अधिकारियों के इसी रवैये के चलते लाखों रुपए का बाजरा पानी की भेंट चढ़ गया है। हालात ऐसे हो गए हैं कि अगर उठान नहीं हुआ तो बाजरा पूरी तरह से सड़ जाएगा।
विजवल:- 1
मंडी में पड़ा बाजरा, बारिश के पानी में पड़ा, भिगी बोरियां व मंडी के कट शाटस
बाईट:- 2
रामकुमार रिटोलिया, मंडी प्रधानConclusion:
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