चंडीगढ़: हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से हरियाणा राज्य क्रेच पॉलिसी-2022 अधिसूचित करने के बाद कुपोषण से प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद के लिए 'टेली कॉलिंग हब' लाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इससे समेकित बाल विकास सेवाओं में प्रावधानों में सुधार होगा और इस मिशन को पोषण-2 के तहत लागू किया जाएगा.
महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि योजना के तहत मुख्यालय स्तर के अधिकारी हर माह लाभार्थियों के साथ लगभग 500 कॉल्स करेंगे. यह हब लाभार्थियों से वास्तविक समय में फीडबैक लेने के एक मूल्यवान टूल के रूप में सेवा देगा. वर्तमान प्रणाली में खामियों की पहचान करेगा और आंगनवाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा. यह लाभार्थियों को दी जा रही सेवाओं के प्रावधानों के बारे लोगों को जागरूक भी करेगा और निकट से मॉनिटरिंग करने के अवसर प्रदान करेगा तथा कुपोषित बच्चों व उनके परिवारों को वांछित लाभ भी देगा.
डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि 'टेली कॉलिंग हब' समेकित बाल विकास प्रणाली की इन्फ्रास्ट्रक्चर के सहयोग से कार्य करेगा. इसके अलावा फ्रंट लाइन वर्करों के साथ बातचीत को तर्कसंगत बनाएगा और इससे उचित कार्यवाही की सुविधा उपलब्ध होगी. परिवारों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर योजनाओं को नयापन दिया जाएगा और सेवा प्रदान करने के तंत्र में सकारात्मक बदलाव अभियान चलाया जाएगा.
महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि, इसको लेकर सरकारी विभागों सहित गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों और जनसाधारण सहित सभी स्टेकहोल्डर्स को इस अभियान में सहयोग देने के लिए आगे आने को कहा है. उन्होंने कहा कि, इस तरह के संयुक्त प्रयासों से हरियाणा में हर बच्चे को दी जा रही आवश्यक पोषण और देखभाल सुविधाओं में सहयोग देकर उन्हें स्वस्थ बना सकते हैं. (प्रेस नोट)