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रॉक गार्डन पर यूटी प्रशासन और याचिकाकर्ता आमने-सामने, पर्यटकों की कम होती रुचि पर प्रशासन ने उठाए सवाल

यूटी प्रशासन के हलफनामे पर याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट में सौंपा अपना जवाब. जवाब में रॉक गार्डन को थर्ड फेज और डॉल म्यूजियम के लिए करीब 1 करोड़ की राशि को मंजूरी की बात कही गई है. फिर भी पर्यटकों का कम आना यूटी प्रशासन की कमी को उजागर करता है.

रॉक गार्डन पर यूटी प्रशासन और याचिकाकर्ता आमने-सामने
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Published : Feb 20, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Feb 21, 2019, 12:05 AM IST

चंडीगढ़: रॉक गार्डन सोसायटी ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि थर्ड फेज में पर्यटकों की रुचि नहीं है. इसकी पोल खोलते हुए याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट में अपना जवाब सौंपा. अरोड़ा ने बताया कि थर्ड फेज और डॉल म्यूजियम के लिए करीब 1 करोड़ की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है और ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि इसमें पर्यटकों की दिलचस्पी नहीं है.

UT administration
रॉक गार्डन पर यूटी प्रशासन और याचिकाकर्ता आमने-सामने


सुनवाई के दौरान अरोड़ा ने कहा कि प्रशासन की यह दलील कि रॉक गार्डन को फंड की जरूरत है इसलिए शादियों के आयोजन को अनुमति दी गई है यह बिलकुल गलत है. उन्होंने आंकड़ें सौंपते हुए बताया कि 2017 में रॉक गार्डन में विवाह आयोजनों की अनुमति थी और उस दौरान रॉक गार्डन की सालाना कमाई 2.17 करोड़ थी. 2018 में जब रॉक गार्डन में विवाह आयोजनों की अनुमति नहीं थी तो उस दौरान इसकी कमाई 2.87 करोड़ हुई है.


ऐसे में यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि विवाह आयोजनों की अनुमति न होने पर रॉक गार्डन की कमाई ज्यादा होती है. इसके साथ ही बताया गया कि रॉक गार्डन के थर्ड फेज में झूले, डॉल म्यूजियम व कैफेटेरिया आदि मौजूद हैं. यहां पर लोग दोनों फेज घूमने के बाद थोड़ा आराम भी करते हैं. डॉल म्यूजियम दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनता है और इसी के चलते यहां सीसीटीवी के लिए 11.88 लाख, प्रकाश व्यवस्था के लिए 32 लाख, एसी के लिए 16.23 लाख व 10 कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए 11.39 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है.

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याची ने कहा कि विवाह आयोजनों के चलते लोग थर्ड फेज देखने से वंचित रह जाते हैं जो सही नहीं है. ऐसे में यहां पर विवाह आयोजन करने के यूटी प्रशासन ने जो आदेश जारी किए हैं उन्हें खारिज किया जाना चाहिए.


यूटी प्रशासन ने याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि साइलेंस जोन के निमय का पालन करते हुए ही विवाह आयोजन की अनुमति दी जाती है. साथ ही सख्त हिदायत दी गई है कि 100 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि का म्यूजिक नहीं चलाया जाएगा. इतनी ध्वनि केवल रॉक गार्डन परिसर में रहती है और बाहर नहीं जाती है.

हरियाणा व पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व चंडीगढ़ की कमेटी को नोटिस
सुखना लेक का 2.5 किलोमीटर क्षेत्र साइलेंस जोन में आता है और यहां पर इसके नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.कोर्ट का सहयोग करने वाले सीनियर एडवोकेट एमएल सरीन की इस दलील पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व चंडीगढ़ की प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया है.

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चंडीगढ़: रॉक गार्डन सोसायटी ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि थर्ड फेज में पर्यटकों की रुचि नहीं है. इसकी पोल खोलते हुए याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट में अपना जवाब सौंपा. अरोड़ा ने बताया कि थर्ड फेज और डॉल म्यूजियम के लिए करीब 1 करोड़ की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है और ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि इसमें पर्यटकों की दिलचस्पी नहीं है.

UT administration
रॉक गार्डन पर यूटी प्रशासन और याचिकाकर्ता आमने-सामने


सुनवाई के दौरान अरोड़ा ने कहा कि प्रशासन की यह दलील कि रॉक गार्डन को फंड की जरूरत है इसलिए शादियों के आयोजन को अनुमति दी गई है यह बिलकुल गलत है. उन्होंने आंकड़ें सौंपते हुए बताया कि 2017 में रॉक गार्डन में विवाह आयोजनों की अनुमति थी और उस दौरान रॉक गार्डन की सालाना कमाई 2.17 करोड़ थी. 2018 में जब रॉक गार्डन में विवाह आयोजनों की अनुमति नहीं थी तो उस दौरान इसकी कमाई 2.87 करोड़ हुई है.


ऐसे में यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि विवाह आयोजनों की अनुमति न होने पर रॉक गार्डन की कमाई ज्यादा होती है. इसके साथ ही बताया गया कि रॉक गार्डन के थर्ड फेज में झूले, डॉल म्यूजियम व कैफेटेरिया आदि मौजूद हैं. यहां पर लोग दोनों फेज घूमने के बाद थोड़ा आराम भी करते हैं. डॉल म्यूजियम दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनता है और इसी के चलते यहां सीसीटीवी के लिए 11.88 लाख, प्रकाश व्यवस्था के लिए 32 लाख, एसी के लिए 16.23 लाख व 10 कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए 11.39 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है.

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याची ने कहा कि विवाह आयोजनों के चलते लोग थर्ड फेज देखने से वंचित रह जाते हैं जो सही नहीं है. ऐसे में यहां पर विवाह आयोजन करने के यूटी प्रशासन ने जो आदेश जारी किए हैं उन्हें खारिज किया जाना चाहिए.


यूटी प्रशासन ने याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि साइलेंस जोन के निमय का पालन करते हुए ही विवाह आयोजन की अनुमति दी जाती है. साथ ही सख्त हिदायत दी गई है कि 100 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि का म्यूजिक नहीं चलाया जाएगा. इतनी ध्वनि केवल रॉक गार्डन परिसर में रहती है और बाहर नहीं जाती है.

हरियाणा व पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व चंडीगढ़ की कमेटी को नोटिस
सुखना लेक का 2.5 किलोमीटर क्षेत्र साइलेंस जोन में आता है और यहां पर इसके नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.कोर्ट का सहयोग करने वाले सीनियर एडवोकेट एमएल सरीन की इस दलील पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व चंडीगढ़ की प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया है.

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Intro:थर्ड फेज के लिए करीब एक करोड़ मंजूर और फिर कहते हैं कि पर्यटकों की यहां रुचि नहीं: याची 

-यूटी प्रशासन के हलफनामे पर याचिकाकर्ता ने सौंपा हाईकोर्ट में जवाब 

-शादियों के आयोजन पर दी गई सफाई की याची ने खोली पोल 

-2017 में शादियों को मंजूरी थी तो कमाई 2.17 करोड़ और 2018 में जब मंजूरी नही थी तो कमाई 2.87 करोड़ 





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चंडीगढ़। 

रॉक गार्डन सोसायटी की हाईकोर्ट में दलील की थर्ड फेज में पर्यटकों की रुचि नहीं है इसकी पोल खोलते हुए याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट में अपना जवाब सौंपा। अरोड़ा ने बताया कि थर्ड फेज और डॉल म्यूजियम के लिए करीब 1 करोड़ की राशि को मंजूरी दी गई जा चुकी है और ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि इसमें पर्यटकों की दिलचस्पी नहीं है। 

सुनवाई के दौरान अरोड़ा ने कहा कि प्रशासन की यह दलील कि रॉक गार्डन को फंड की जरूरत है इसलिए शादियों के आयोजन की अनुमति दी गई है बिलकुल गलत है। उन्होंने आंकड़ें सौंपते हुए बताया कि 2017 में रॉक गार्डन में विवाह आयोजनों की अनुमति थी और उस दौरान रॉक गार्डन की सालाना कमाई 2.17 करोड़ थी। 2018 में जब रॉक गार्डन में विवाह आयोजनों की अनुमति नहीं थी तो उस दौरान इसकी कमाई 2.87 करोड़ थी। ऐसे में यह स्पष्टï है कि विवाह आयोजनों की अनुमति न होने पर रॉक गार्डन की कमाई ज्यादा होती है। इसके साथ ही बताया गया कि रॉक गार्डन के थर्ड फेज में झूले, डॉल म्यूजियम व कैफेटेरिया आदि मौजूद है। यहां पर लोग दोनों फेज घूमने के बाद थोड़ा आराम भी करते हैं। डॉल म्यूजियम दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनता है और इसी के चलते यहां सीसीटीवी के लिए 11.88 लाख, प्रकाश व्यवस्था के लिए 32 लाख, एसी के लिए 16.23 लाख व 10 कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए 11.39 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। याची ने कहा कि विवाह आयोजनों के चलते लोग इसका थर्ड फेज देखने से वंचित रह जाते हैं जो सही नहींं है। ऐसे में यहां पर विवाह आयोजन करने के यूटी प्रशासन ने जो आदेश जारी किए हैं उन्हें खारिज किया जाना चाहिए। 




Conclusion:
साइलेंस जोन के निमयों का पालन कर दी जाती है अनुमति: यूटी 

यूटी प्रशासन ने याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि साइलेंस जोन के निमय का पालन करते हुए ही विवाह आयोजन की अनुमति दी जाती है। सख्त हिदायत है कि 100 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि का म्यूजिक नहीं चलाया जाएगा। इतनी ध्वनि केवल रॉक गार्डन परिसर में रहती है और बाहर नहीं जाती। 


हरियाणा व पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व चंडीगढ़ की कमेटी को नोटिस 

सुखना लेक का 2.5 किलोमीटर क्षेत्र साइलेंस जोन में आता है और यहां पर इसके नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। कोर्ट का सहयोग करने वाले सीनियर एडवोकेट एमएल सरीन की इस दलील पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व चंडीगढ़ की प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया है। 

Last Updated : Feb 21, 2019, 12:05 AM IST
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