चंडीगढ़: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हरियाणा सरकार के जल जीवन मिशन को 2022 तक पूरा करने के फैसले की तारीफ की है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने प्रदेश में कोविड-19 की अच्छी व्यवस्था को लेकर तारीफ भी की है.
मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि साल 2019-20 के दौरान हरियाणा के लिए आवंटित राशि को 149.95 करोड़ रुपये से बढाकर 289.51 करोड़ रुपए कर दिया गया है. इसी तरह जल जीवन मिशन की अन्य योजनाओं को मिलाकर अब हरियाणा के पास जल जीवन मिशन के अंतर्गत 380.31 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं.
मिशन के लिए केंद्र ने दिए 760 करोड़ रुपये
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत केंद्र और राज्य के बराबर अंश के रूप में कुल 760 करोड़ रुपए की धनराशि इस साल के लिए उपलब्ध होगी, और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना है कि बजट में बरीबरी के राज्य अंश को काम करने के लिए विभाग को उपलब्ध करा दिया जाए.
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक हरियाणा के लगभग सभी गांवों में पाइप से जलापूर्ति की व्यवस्था है और 71% योजनाएं चल रही हैं. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने दिशानिर्देशों के अनुसार जल की कमी वाले क्षेत्रों को संतृप्त करने और आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों/ बस्तियों और सांसद आदर्श ग्राम योजना वाले गांवों को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया.
गांवों में आईसीसी अभियान चलाई जाए
इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में वर्ष 2020-21 में हरियाणा के पंचायती राज संस्थानों के लिए 1,264 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, और इस राशि का 50% हिस्सा अनिवार्य रूप से जल आपूर्ति और स्वच्छता पर खर्च किया जाना है. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गंदले जल के शोधन और इसका पुनर्उपयोग करने हेतु भी अलग से धनराशि प्रदान की जा रही है, और सभी गांवो में सामुदायिक एकजुटता के साथ आई.ई.सी. अभियान चलाया जाए.
गांव के 5 लोगों को फील्ड टेस्ट किट दी जाए
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को वास्तविक तौर पर एक जन आंदोलन बनाया जा सके इसके लिए हर गांव में 5 लोगों को, जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए पानी की गुणवत्ता की निगरानी करने के लिए फील्ड टेस्ट किट की ट्रेनिंग देने पर बल दिया जाए. जिससे ग्राम वासियों में साफ पानी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी
उन्होंने कहा कि गांवों में जल आपूर्ति प्रणालियों की आयोजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, प्रचालन व रख-रखाव में स्थानीय ग्राम समुदाय/ ग्राम पंचायतों/ अथवा इनकी उप समितियों को शामिल किया जाना होगा. जिससे जल सुरक्षा प्राप्त करने के इन सतत प्रयासों का दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित किया जा सके. ग्राम पंचायतों की उप समिति में नियमानुसार 50% महिलाओं के चयन को प्राथमिकता दी जा रही है.
'सार्वजनिक जल स्रोतों के पास भीड़ न लगाएं'
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए यह जरूरी है कि लोग सार्वजनिक नलों/ सार्वजनिक जल स्रोतों के आस-पास भीड़ न लगाएं. इसलिए अगर सभी गांवों में जल आपूर्ति का काम वरीयता के आधार पर हर घर नल का कनेक्शन प्रदान करने के लिए किया जाता है तो इससे न केवल ‘सामाजिक दूरी’ का पालन करने में सहायता मिलेगी. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.
सीएम से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की इच्छा जाहिर की
केंद्रीय मंत्री ने दिसम्बर, 2022 तक, हरियाणा को 100% घरों में नल कनेक्शन वाला राज्य यानी ‘हर घर जल राज्य’ बनाने के लिए हर तरह की सहायता देने का विश्वास दिलाया. उन्होने राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से जल्द ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा चर्चा करने की अपने इच्छा जाहिर की.
जल जीवन मिशन का उद्देश्य
सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2024 तक देश के सभी घरों को पाइप के जरिये पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. इससे जल और साफ-सफाई के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश होने की उम्मीद है. इसका उद्देश्य कृषि उपयोग के लिए वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन हेतु स्थानीय बुनियादी ढाँचा तैयार करना भी है.
जल जीवन मिशन के फायदा
- घरेलू पाइपलाइन जल आपूर्ति
- स्वच्छ और पीने योग्य पानी
- भूजल स्तर का पुनर्भरण
- बेहतर स्थानीय बुनियादी ढांचा
- कम पानी से होने वाली बीमारियां
- कम पानी की बर्बादी
जल जीवन मिशन की जरूरत क्यों?
देश के बहुत से घरों में पाइप से जलापूर्ति की सुविधा नहीं है. देश में भूजल स्तर की घटती मात्रा के कारण जल संरक्षण की तत्काल आवश्यकता है. इसलिए, जल जीवन मिशन स्थानीय स्तर पर पानी की एकीकृत मांग और आपूर्ति प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगा.
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