चंडीगढ़: पीजीआई में मरीजों को जांच रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल में 3 अत्याधुनिक एमआरआई (ultra modern MRI machine in PGI) मशीनें लगाई गई हैं. जिससे शरीर के किसी भी कोने का एमआरआई (MRI in PGI Chandigarh) किया जा सकता है. अब किसी मरीज में कैंसर के शुरुआती लक्षणों को भी आसानी से पहचाना जा सकेगा. पीजीआई उत्तर भारत का पहला ऐसा सरकारी संस्थान है, जहां डॉक्टरों को बेहतरीन रिसर्च करने और मरीजों को उच्च स्तरीय इलाज मुहैया करवाने के लिए इस मशीन को लाया गया है. यह मशीन पहले ब्रेन के संबंध में इस्तेमाल की जाती थी. भारत में पहली बार होगा कि इन मशीनों को पूरे शरीर के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार पीजीआई में रोजाना 10 हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. पीजीआई में मरीजों को एमआरआई टेस्ट के लिए 6 से 12 महीने का इंतजार करना पड़ता था. मरीजों को हो रही परेशानी से बचाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने 3 अत्याधुनिक एमआरआई मशीनें खरीदी हैं. रेडियो डायग्नोसिस विभाग के प्रोफेसर परमजीत सिंह ने बताया कि नई मशीनों से दिन में 30 से 35 मरीजों की जांच की जा सकती है. नई मशीनों को मिलाकर विभाग में अब पांच मशीनें हो गई हैं.
ऑनलाइन मिल सकेगी मरीजों को रिपोर्ट: नई मशीनों की खासियत यह है कि इससे मरीज की बारीकी से जांच संभव है. इनसे कैंसर जैसी बीमारियों के शुरुआती लक्षणों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. लोगों को पहले एमआरआई के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था. वहीं अब मरीजों को लंबे इंतजार से राहत मिल सकेगी. दूर दूराज से आने वाले मरीजों को डॉक्टर को दिखाने, जांच कराने और उसकी जांच रिपोर्ट दिखाने के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते थे. इन मशीनों से यह प्रक्रिया भी कम हो जाएगी. अब मरीज टेस्ट के बाद अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन भी ले सकेगा. वहीं जिस मरीज को फिल्म चाहिए होगी. वह फिल्म भी ले सकते हैं.
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कई बीमारियों की जांच में होगी सहायक: प्रो. परमजीत ने बताया कि कैंसर के साथ साथ मिर्गी, स्पोर्ट्स इंजरी, लीवर, किडनी और पेट संबंधी बीमारियों, न्यूरो संबंधी बीमारियों की डायग्नोसिस में इनसे मदद मिलेगी. इसके अलावा नवजात और बाल चिकित्सा संबंधी बीमारियों और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों की जांच में भी फायदा होगा. उन्होंने बताया कि कैंसर के मरीजों के डायग्नोसिस से उच्च रेजोल्यूशन फ्यूजन इमेज ट्यूमर लोड गणना में यह मशीनें सहायक साबित होगी.
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प्रोफेसर परमजीत सिंह ने बताया कि यह मशीन पारंपरिक 1.5 टेस्ला एमआरआई की तुलना में दोगुनी शक्तिशाली चुंबकीय ताकत के साथ मानव शरीर की बारीक जांच कर सकती है. इस मशीन की मदद से ब्रेन, मस्कुलर, स्मॉल बोन इमेज और ब्रेन की फंक्शनल इमेज निकाली जा सकेगी. टेस्ला एमआरआई से हेड टू टो तक टेस्ट किया जा सकता है. इनके जरिए पीजीआई में लीवर की बीमारियों के संबंध में रिसर्च तेज हो सकेगी. उन्होंने कहा कि इस मशीन में ऐसी कई खूबियां हैं, जिससे अन्य रिसर्च में मदद मिल सकती है.