चंडीगढ़: देशभर में आज तुलसीदास जयंती 2021 (Tulsidas Jayanti 2021) मनाई जाएगी. तुलसीदास जयंती हर साल सावन महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. तुलसीदास का जन्म 16वीं सदी में हुआ था. उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की. श्री रामचरितमानस की रचना कर गोस्वामी तुलसीदास हमेशा के लिए अमर हो गए. तुलसीदास हिंदी, भारतीय और विश्व साहित्य के प्रसिद्ध हिंदू संत और कवि थे. उन्हें संस्कृत और अवधी में कला, संस्कृति और समाज पर उनके कार्यों के लिए जाना जाता है.
तुलसीदास वाल्मीकि द्वारा लिखित रामलीला नाटक, रामायण का लोक-नाट्य रूपांतरण शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे. तुलसीदास महानतम और ज्ञानी कवियों में से एक थे, जिनकी रचनाएं पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार, तुलसीदास को ऋषि वाल्मीकि का अवतार कहा जाता है, जिन्होंने रामायण की रचना की थी. इस दिन को मनाने के लिए, हर साल तुलसीदास की शिक्षाओं पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
तुलसी दास की माता की मृत्यु हो जाने पर उनके पिता ने तुलसीदास को अमंगल मान कर त्याग दिया था. इसलिए इनका बचपन बहुत कष्टों में बीता, इनका पालन दासी ने किया, लेकिन जब दासी ने भी उनका साथ छोड़ दिया तब खाने के लिए उन्हें बहुत कष्ट उठाने पड़े. लोग भी उन्हें अशुभ मान कर अपने द्वार बंद कर लेते थे. इतनी विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष ने ही उनके अस्तित्व को बचा कर रखा.
तुलसी दास का विवाह रत्नावली से हुआ था, वो अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते थे. वो अपनी पत्नी पर अत्यन्त मुग्ध थे. एक बार उनकी पत्नी मायके गई हुई थी. रात में मूसलाधार बारिश में तुलसी दास पत्नी से मिलने उनके मायके जा पहुंचे. तुलसीदास की पत्नी इससे बहुत लज्जित हुईं. उन्होंने तुलसी दास को ताना मारते हुए कहा कि तुम्हें जितना प्रेम मुझसे है. इसका आधा भी प्रभु श्री राम से किया होता तो भवसागर पार हो गए होते. पत्नी की इस बात ने तुलसीदास के जीवन की दिशा ही बदल दी.